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[[केरल]] के तिरूवनंतपुरम ज़िले में स्थित कोवलम अपने खूबसूरत बीच और ताड़ के पेड़ों के लिए प्रसिद्ध है। कोवलम के बीच विश्व के सबसे दर्शनीय बीचों में गिना जाता हैं। सुनहरी रेत को चूमती नीली सागर की लहरें देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक खीचें चले आते हैं। यहाँ की खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यावली और वाटर स्पोट्र्स की गतिविधियाँ भी बड़ी संख्या में सैलानियों को लुभाती हैं।                                       
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कोवलम [[भारत]] के [[केरल]] राज्य के तिरूवनंतपुरम ज़िले में स्थित है। कोवलम के बीच को विश्व के सबसे दर्शनीय बीचों में गिना जाता हैं। कोवलम ख़ूबसूरत बीच और ताड़ के पेड़ों के लिए प्रसिद्ध है। ब्रिटिश मिशनरी जार्ज अल्फ्रेड बेकर ने कोवलम के विकास में अहम भूमिका निभाई। वह कोवलम की सुंदरता से इतना प्रभावित थे कि वह यहीं के होकर रह गए। उनके पिता हेनरी बेकर और माँ ऐमीलिया ने ही सर्वप्रथम केरल में शिक्षा की ज्‍योति को जलाया था और आज केरल शिक्षा के मामले में सबसे अग्रणी राज्य है।
  
ब्रिटिश मिशनरी जार्ज अल्फ्रेड बेकर ने कोवलम के विकास में अहम भूमिका निभाई। वह कोवलम की सुंदरता से इतना प्रभावित थे कि वह यहीं के होकर रह गए। उनके पिता हेनरी बेकर और माँ ऐमीलिया ने ही सर्वप्रथम [[केरल]] में शिक्षा की ज्‍योति को जलाया था और आज केरल शिक्षा के मामले में सबसे अग्रणी राज्य है।
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==यातायात और परिवहन==
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====वायुमार्ग====
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कोवलम से 14 किलोमीटर की दूरी पर त्रिवेन्द्रम हवाई अड्डा है जो भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। यहाँ से बस या टैक्सी द्वारा कोवलम पहुँचा जा सकता है।
  
==दर्शनीय स्थल==
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====रेलमार्ग====
;पदमानभस्वामी महल
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त्रिवेन्द्रम नजदीकी रेलवे स्टेशन है। देश के लगभग सभी राज्‍य से यह रेलमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।
कोवलम का यह महल वेली पहाड़ियों के समीप स्थित हैं। वेली पहाड़ियों के तल पर बना यह महल कलाकारी का अदभूत उदाहरण है। त्रावनकोर के शासकों का यह निवास स्थल लकड़ी की कारीगरी का उत्तम नमूना है। इस महल की दीवार पर 17वीं और18वीं शताब्दी के चित्रकारी का सुंदर उदाहरण प्रस्‍तुत किया गया है।
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====सड़क मार्ग====
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कोवलम के लिए केरल के विभिन्न ज़िलों से राज्य परिवहन की बसें नियमित रूप से चलती हैं।
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==पर्यटन==
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====पदमानभस्वामी महल====
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पदमानभस्वामी महल वेली पहाड़ियों के समीप स्थित हैं। वेली पहाड़ियों के तल पर बना पदमानभस्वामी महल कलाकारी का अदभूत उदाहरण है। त्रावनकोर के शासकों का यह निवास स्थल लकड़ी की कारीगरी का उत्तम नमूना है। पदमानभस्वामी महल की दीवार पर 17वीं और18वीं शताब्दी के चित्रकारी का सुंदर उदाहरण प्रस्‍तुत किया गया है।
  
;शंकुमुघम बीच  
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====शंकुमुघम बीच====
शंकुमुघम बीच पर पर्यटक सांझ की सुंदरता देखने आते है। यहाँ का मनमोहक सूर्यास्त और सूर्योदय दिल को छु लेने वाला होता है। इस स्थान की सुनहरी रेत और किरणों की लालिमा की सुंदरता का वर्णन नहीं किया जा सकता।
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शंकुमुघम बीच पर पर्यटक सांझ की सुंदरता देखने आते है। शंकुमुघम बीच का मनमोहक सूर्यास्त और सूर्योदय दिल को छु लेने वाला होता है। शंकुमुघम बीच की सुनहरी रेत और किरणों की लालिमा की सुंदरता का वर्णन नहीं किया जा सकता।
  
;विहिन्जम लाइटहाउस  
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====विहिन्जम लाइटहाउस====
कोवलम में [[अरब सागर]] के तट पर यह लाइटहाउस है। जिस बीच पर यह लाइटहाउस बना है उसे लाइटहाउस बीच कहा जाता है। लाइटहाउस पर चढ़कर कोवलम के खूबसूरत गाँवों को देखा जा सकता है।
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कोवलम में [[अरब सागर]] के तट पर विहिन्जम लाइटहाउस है। जिस बीच पर विहिन्जम लाइटहाउस बना है उसे लाइटहाउस बीच कहा जाता है। लाइटहाउस पर चढ़कर कोवलम के खूबसूरत गाँवों को देखा जा सकता है।
 
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[[चित्र:Kovalam-Beach-1.jpg|thumb|250px|कोवलम बीच|left]]
;वरकल बीच
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====वरकल बीच====
त्रिवेन्द्रम से 55 किलोमीटर दूर यह स्‍थान केरल का महत्वपूर्ण बीच है। बीच के किनारे पंक्तिबद्ध दुकानों पर हैंडीक्राफ्ट, [[शंख]] व अन्‍य सामान मिलता है। वरकल की पहाड़ी चट्टानों से अरब सागर के लहरों का दृश्य बडा़ खूबसूरत लगता है।
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त्रिवेन्द्रम से 55 किलोमीटर दूर पर स्थित वरकल केरल का महत्वपूर्ण बीच है। बीच के किनारे पंक्तिबद्ध दुकानों पर हस्तशिल्प, [[शंख]] व अन्‍य सामान मिलता है। वरकल की पहाड़ी चट्टानों से अरब सागर के लहरों का दृश्य बडा़ खूबसूरत लगता है।
 
 
;पदमानभस्वामी मंदिर
 
पदमानभस्वामी मंदिर भगवान [[विष्णु]] के 108 दिव्य स्थानों में एक है। भगवान विष्णु की मूर्ति यहाँ लेटी हुई मुद्रा में हैं। मंदिर की देखरेख शहर के राजघराने द्वारा की जाती है। कोवलम से 14 किलोमीटर  दूर त्रिवेन्द्रम में स्थित यह सात मंजिला मंदिर शहर की ऐतिहासिक निशानी है। द्रविड भवन निर्माण कला का यह मंदिर उत्कृष्‍ट उदाहरण है।
 
  
;वेली लगून
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====पदमानभस्वामी मंदिर====
यह वाटर पार्क पिकनिक मनाने के लिए लोकप्रिय है। यहाँ के बगीचे, उत्कृष्ट मूर्तिकला, पानी पर झूलते ब्रिज के अलावा एक्वा वाटर स्पोट्र्स पर्यटकों को यहाँ आने पर मजबूर कर देती है।
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पदमानभस्वामी मंदिर भगवान [[विष्णु]] के 108 दिव्य स्थानों में एक है। भगवान विष्णु की मूर्ति यहाँ लेटी हुई मुद्रा में हैं। मंदिर की देखरेख शहर के राजघराने द्वारा की जाती है। कोवलम से 14 किलोमीटर  दूर त्रिवेन्द्रम में स्थित यह सात मंजिला मंदिर शहर की ऐतिहासिक निशानी है। द्रविड भवन निर्माण कला का पदमानभस्वामी मंदिर उत्कृष्‍ट उदाहरण है।
  
;श्री चित्र आर्ट गैलरी
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====वेली लगून====
यहाँ राजा रवि वर्मा और रोरिच की पेंटिंग्स का विशाल संग्रह है। इसके अतिरिक्त अजंता, मुगल पेटिंग के साथ साथ [[जापान]], [[तिब्बत]], बाली और [[चीन]] की चित्रकारी कला से भी आप यहाँ रुबरु हो सकते है।  
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वेली लगून वाटर पार्क पिकनिक मनाने के लिए लोकप्रिय है। वेली लगून के बगीचे, उत्कृष्ट मूर्तिकला, पानी पर झूलते ब्रिज के अलावा एक्वा वाटर स्पोट्र्स पर्यटकों को यहाँ आने पर मजबूर कर देती है।
  
;सरकारी कला संग्रहालय
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====श्री चित्र आर्ट गैलरी====
इस संग्रहालय को नैपियर म्युजियम के नाम से भी जाना जाता है। मद्रास के भूतपूर्व गवर्नर जनरल जॉन नैपियर के नाम पर इसका नाम नैपियर म्युजियम पड़ा। वास्तुकला की दृष्टि से इस संग्रहालय को बहुमूल्य रत्न कहा जाता है। इस संग्रहालय में केरल की परंपरागत शैली, चाइनीज और मुगलों की कला का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है।  
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श्री चित्र आर्ट गैलरी [[राजा रवि वर्मा]] और रोरिच की पेंटिंग्स का विशाल संग्रह है। इसके अतिरिक्त [[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता]], मुग़ल पेटिंग के साथ-साथ जापान, तिब्बत, बाली और चीन की चित्रकारी कला से भी आप यहाँ रुबरु हो सकते है।  
  
;पेपारा वन्य जीव अभ्यारण्य
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====सरकारी कला संग्रहालय====
पश्चिमी घाट पर स्थित पेपारा वन्य जीव अभ्यारण्य 53 वर्ग किलोमीटर  के क्षेत्र में फैला हुआ है। विशाल पहाड़ियों और युकेलिप्टस के पेड़ों से घिरे इस अभ्यारण्य में [[हाथी]], सांभर, [[तेंदुआ]], मकाक आदि जानवर पाए जाते है। तिरूवन्तपुरम से 50 किलोमीटर  दूर तिरूवनन्तपुरम-पोन्मुड़ी रोड़ पर यह अभ्यारण्य है।
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सरकारी कला संग्रहालय को '''नैपियर म्युजियम''' के नाम से भी जाना जाता है। [[मद्रास]] के भूतपूर्व गवर्नर जनरल जॉन नैपियर के नाम पर इसका नाम नैपियर म्युजियम पड़ा। [[वास्तुकला]] की दृष्टि से सरकारी कला संग्रहालय को बहुमूल्य रत्न कहा जाता है। सरकारी कला संग्रहालय में केरल की परंपरागत शैली, चाइनीज और मुग़लों की कला का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है।  
 
 
;कुथिरा मलिका (महल संग्रहालय)
 
कुथिरा मलिका महल को पूथेन मलिका नाम से भी जाना जाता है। यह महल त्रावनकोर के राजा स्वाथि थिरूनल के शासन काल में बना था। वह एक महान कवि और संगीतकार थे। महल में परंपरागत त्रावनकोर शैली में लकड़ी पर नक्काशी की गई है। इस महल में शाही परिवारों की चित्रकारी भी आपको देखने को मिल जाएगी।
 
 
 
==कैसे पहुँचे==
 
;वायुमार्ग
 
कोवलम से 14 किलोमीटर की दूरी पर त्रिवेन्द्रम एयरपोर्ट है जो भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। यहाँ से बस या टैक्सी द्वारा कोवलम पहुँचा जा सकता है।
 
 
 
;रेलमार्ग
 
त्रिवेन्द्रम नजदीकी रेलवे स्टेशन है। देश के लगभग सभी राज्‍य से यह रेलमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।
 
  
;सड़क मार्ग
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====पेपारा वन्य जीव अभ्यारण्य====
कोवलम के लिए केरल के विभिन्न जिलों से राज्य परिवहन की बसें नियमित रूप से चलती हैं।
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पश्चिमी घाट पर स्थित पेपारा वन्य जीव अभ्यारण्य 53 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। विशाल पहाड़ियों और युकेलिप्टस के पेड़ों से घिरे इस अभ्यारण्य में [[हाथी]], सांभर, [[तेंदुआ]], मकाक आदि जानवर पाए जाते है। तिरुअनंतपुरम से 50 किलोमीटर दूर [[तिरुअनंतपुरम]]-पोन्मुड़ी रोड़ पर यह अभ्यारण्य है।
  
==क्या खरीदें==
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====कुथिरा मलिका (महल संग्रहालय)====
कोवलम से उपहार और स्मारिकाओं के तौर पर हैंडीक्राफ्ट का सामान खरीदा जा सकता है। कोवलम टीकवुड़ और रोजवुड़ की मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। आप यहाँ के दुकान से हैंडीक्राफ्ट का सामान, दरी और मसालों की खरीददारी कर सकते है। यहाँ के दुकानों में आपको राजस्थानी, कश्मीरी और तिब्बती सामान भी मिल जाएगा।
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कुथिरा मलिका महल को '''पूथेन मलिका''' नाम से भी जाना जाता है। कुथिरा मलिका महल त्रावनकोर के राजा स्वाथि थिरूनल के शासन काल में बना था। वह एक महान कवि और संगीतकार थे। महल में परंपरागत त्रावनकोर शैली में लकड़ी पर नक़्क़ाशी की गई है। कुथिरा मलिका महल में शाही परिवारों की चित्रकारी भी आपको देखने को मिल जाएगी।
==कब जाएँ==
 
कोवलम में [[सितंबर]] से [[मार्च]] के बीच में जाना चाहिए।<ref>{{cite web |url=http://www.yatrasalah.com/touristplaces.aspx?id=40 |title=कोवालम |accessmonthday=[[25 सितंबर]] |accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=यात्रा सलाह डॉट कॉम |language=हिन्दी }}</ref>
 
  
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==ख़रीददारी==
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*कोवलम से उपहार और स्मारिकाओं के तौर पर हस्तशिल्प का सामान खरीदा जा सकता है।
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*कोवलम की दुकानों में आपको राजस्थानी, कश्मीरी और तिब्बती सामान भी मिल जाएगा।
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*कोवलम टीकवुड़ और रोजवुड़ की मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है।
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*कोवलम की दुकान से हस्तशिल्प का सामान, दरी और मसालों की खरीददारी कर सकते है।
  
 
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==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
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{{केरल के पर्यटन स्थल}}
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{{केरल के नगर}}
 
[[Category:केरल]]
 
[[Category:केरल]]
 
[[Category:केरल_के_पर्यटन_स्थल]]
 
[[Category:केरल_के_पर्यटन_स्थल]]
 
[[Category:भारत_के_पर्यटन_स्थल]]
 
[[Category:भारत_के_पर्यटन_स्थल]]
[[Category:नया पन्ना सितंबर-2011]]
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कोवलम बीच

कोवलम भारत के केरल राज्य के तिरूवनंतपुरम ज़िले में स्थित है। कोवलम के बीच को विश्व के सबसे दर्शनीय बीचों में गिना जाता हैं। कोवलम ख़ूबसूरत बीच और ताड़ के पेड़ों के लिए प्रसिद्ध है। ब्रिटिश मिशनरी जार्ज अल्फ्रेड बेकर ने कोवलम के विकास में अहम भूमिका निभाई। वह कोवलम की सुंदरता से इतना प्रभावित थे कि वह यहीं के होकर रह गए। उनके पिता हेनरी बेकर और माँ ऐमीलिया ने ही सर्वप्रथम केरल में शिक्षा की ज्‍योति को जलाया था और आज केरल शिक्षा के मामले में सबसे अग्रणी राज्य है।

यातायात और परिवहन

वायुमार्ग

कोवलम से 14 किलोमीटर की दूरी पर त्रिवेन्द्रम हवाई अड्डा है जो भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। यहाँ से बस या टैक्सी द्वारा कोवलम पहुँचा जा सकता है।

रेलमार्ग

त्रिवेन्द्रम नजदीकी रेलवे स्टेशन है। देश के लगभग सभी राज्‍य से यह रेलमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।

सड़क मार्ग

कोवलम के लिए केरल के विभिन्न ज़िलों से राज्य परिवहन की बसें नियमित रूप से चलती हैं।

पर्यटन

पदमानभस्वामी महल

पदमानभस्वामी महल वेली पहाड़ियों के समीप स्थित हैं। वेली पहाड़ियों के तल पर बना पदमानभस्वामी महल कलाकारी का अदभूत उदाहरण है। त्रावनकोर के शासकों का यह निवास स्थल लकड़ी की कारीगरी का उत्तम नमूना है। पदमानभस्वामी महल की दीवार पर 17वीं और18वीं शताब्दी के चित्रकारी का सुंदर उदाहरण प्रस्‍तुत किया गया है।

शंकुमुघम बीच

शंकुमुघम बीच पर पर्यटक सांझ की सुंदरता देखने आते है। शंकुमुघम बीच का मनमोहक सूर्यास्त और सूर्योदय दिल को छु लेने वाला होता है। शंकुमुघम बीच की सुनहरी रेत और किरणों की लालिमा की सुंदरता का वर्णन नहीं किया जा सकता।

विहिन्जम लाइटहाउस

कोवलम में अरब सागर के तट पर विहिन्जम लाइटहाउस है। जिस बीच पर विहिन्जम लाइटहाउस बना है उसे लाइटहाउस बीच कहा जाता है। लाइटहाउस पर चढ़कर कोवलम के खूबसूरत गाँवों को देखा जा सकता है।

कोवलम बीच

वरकल बीच

त्रिवेन्द्रम से 55 किलोमीटर दूर पर स्थित वरकल केरल का महत्वपूर्ण बीच है। बीच के किनारे पंक्तिबद्ध दुकानों पर हस्तशिल्प, शंख व अन्‍य सामान मिलता है। वरकल की पहाड़ी चट्टानों से अरब सागर के लहरों का दृश्य बडा़ खूबसूरत लगता है।

पदमानभस्वामी मंदिर

पदमानभस्वामी मंदिर भगवान विष्णु के 108 दिव्य स्थानों में एक है। भगवान विष्णु की मूर्ति यहाँ लेटी हुई मुद्रा में हैं। मंदिर की देखरेख शहर के राजघराने द्वारा की जाती है। कोवलम से 14 किलोमीटर दूर त्रिवेन्द्रम में स्थित यह सात मंजिला मंदिर शहर की ऐतिहासिक निशानी है। द्रविड भवन निर्माण कला का पदमानभस्वामी मंदिर उत्कृष्‍ट उदाहरण है।

वेली लगून

वेली लगून वाटर पार्क पिकनिक मनाने के लिए लोकप्रिय है। वेली लगून के बगीचे, उत्कृष्ट मूर्तिकला, पानी पर झूलते ब्रिज के अलावा एक्वा वाटर स्पोट्र्स पर्यटकों को यहाँ आने पर मजबूर कर देती है।

श्री चित्र आर्ट गैलरी

श्री चित्र आर्ट गैलरी राजा रवि वर्मा और रोरिच की पेंटिंग्स का विशाल संग्रह है। इसके अतिरिक्त अजंता, मुग़ल पेटिंग के साथ-साथ जापान, तिब्बत, बाली और चीन की चित्रकारी कला से भी आप यहाँ रुबरु हो सकते है।

सरकारी कला संग्रहालय

सरकारी कला संग्रहालय को नैपियर म्युजियम के नाम से भी जाना जाता है। मद्रास के भूतपूर्व गवर्नर जनरल जॉन नैपियर के नाम पर इसका नाम नैपियर म्युजियम पड़ा। वास्तुकला की दृष्टि से सरकारी कला संग्रहालय को बहुमूल्य रत्न कहा जाता है। सरकारी कला संग्रहालय में केरल की परंपरागत शैली, चाइनीज और मुग़लों की कला का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है।

पेपारा वन्य जीव अभ्यारण्य

पश्चिमी घाट पर स्थित पेपारा वन्य जीव अभ्यारण्य 53 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। विशाल पहाड़ियों और युकेलिप्टस के पेड़ों से घिरे इस अभ्यारण्य में हाथी, सांभर, तेंदुआ, मकाक आदि जानवर पाए जाते है। तिरुअनंतपुरम से 50 किलोमीटर दूर तिरुअनंतपुरम-पोन्मुड़ी रोड़ पर यह अभ्यारण्य है।

कुथिरा मलिका (महल संग्रहालय)

कुथिरा मलिका महल को पूथेन मलिका नाम से भी जाना जाता है। कुथिरा मलिका महल त्रावनकोर के राजा स्वाथि थिरूनल के शासन काल में बना था। वह एक महान कवि और संगीतकार थे। महल में परंपरागत त्रावनकोर शैली में लकड़ी पर नक़्क़ाशी की गई है। कुथिरा मलिका महल में शाही परिवारों की चित्रकारी भी आपको देखने को मिल जाएगी।

ख़रीददारी

  • कोवलम से उपहार और स्मारिकाओं के तौर पर हस्तशिल्प का सामान खरीदा जा सकता है।
  • कोवलम की दुकानों में आपको राजस्थानी, कश्मीरी और तिब्बती सामान भी मिल जाएगा।
  • कोवलम टीकवुड़ और रोजवुड़ की मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है।
  • कोवलम की दुकान से हस्तशिल्प का सामान, दरी और मसालों की खरीददारी कर सकते है।


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