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([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Oesophagus) '''{{PAGENAME}}''' अधिकांश जीव जंतुओं के शरीर का आवश्यक अंग हैं। इस लेख में मानव शरीर से संबंधित उल्लेख है। ग्रासनली [[आहारनाल]] का अंग होते हैं। ग्रासनली लगभग 25 सेमी लम्बी एवं सँकरी पेशीय नली होती है। यह ग्रीवा तथा वक्षस्थल में होती हुई डायाफ्राम को बेंधकर उदरगुहा में प्रवेश करती है। इसमें उपस्थित श्लेष्म ग्रन्थियों से स्रावित श्लेष्म भोजन को लसदार बनाता है। ग्रासनली की भित्तियों की क्रमाकुंचन गतियों के द्वारा भोजन [[आमाशय]] में पहुँचता है।  
 
([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Oesophagus) '''{{PAGENAME}}''' अधिकांश जीव जंतुओं के शरीर का आवश्यक अंग हैं। इस लेख में मानव शरीर से संबंधित उल्लेख है। ग्रासनली [[आहारनाल]] का अंग होते हैं। ग्रासनली लगभग 25 सेमी लम्बी एवं सँकरी पेशीय नली होती है। यह ग्रीवा तथा वक्षस्थल में होती हुई डायाफ्राम को बेंधकर उदरगुहा में प्रवेश करती है। इसमें उपस्थित श्लेष्म ग्रन्थियों से स्रावित श्लेष्म भोजन को लसदार बनाता है। ग्रासनली की भित्तियों की क्रमाकुंचन गतियों के द्वारा भोजन [[आमाशय]] में पहुँचता है।  
  
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12:13, 10 जनवरी 2011 का अवतरण

(अंग्रेज़ी:Oesophagus) ग्रासनली अधिकांश जीव जंतुओं के शरीर का आवश्यक अंग हैं। इस लेख में मानव शरीर से संबंधित उल्लेख है। ग्रासनली आहारनाल का अंग होते हैं। ग्रासनली लगभग 25 सेमी लम्बी एवं सँकरी पेशीय नली होती है। यह ग्रीवा तथा वक्षस्थल में होती हुई डायाफ्राम को बेंधकर उदरगुहा में प्रवेश करती है। इसमें उपस्थित श्लेष्म ग्रन्थियों से स्रावित श्लेष्म भोजन को लसदार बनाता है। ग्रासनली की भित्तियों की क्रमाकुंचन गतियों के द्वारा भोजन आमाशय में पहुँचता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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