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*इस नदी का उदगम [[तिब्बत]] के पठार पर स्थित मापचांचुगों [[हिमनद]] से होता है। जोकि [[ताकलाकोट]] से लगभग 37 किलोमीटर उत्तर पश्चिम की ओर स्थित है। यह नदी पर्वतीय प्रदेश में करनाली और मैदानी प्रदेश में घाघरा कहलाती है।
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*मैदानी भाग में यह नदी दो उपशाखाओं में विभाजित हो जाती है।
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इसकी पश्चिमी शाखा [[करनाली नदी|करनाली]] और पूर्वी शाखा को शिखा कहते हैं। आगे चलकर ये पुनः एक हो जाती हैं।
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*छपरा([[बिहार]]) के निकट यह नदी [[गंगा नदी|गंगा]] में मिल जाती है।
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*इसकी कुल लंबाई 1080 किमी॰ है।
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*शिवालिक पहाड़ियों में घाघरा नदी की घाटियों की चौड़ाई 180 मीटर एवं गहराई 600 मीटर से भी अधिक है।
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*इन नदी घाटियों में पर्वतीय क्षेत्र से टीला, सेती, बेरी, आदि नदियाँ आकर मिलती हैं।
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*गोरखपुर के निकट [[राप्ती नदी|राप्ती]] एवं छोटी [[गण्डक नदी|गण्डक]] नदियाँ इसमें आकर मिल जाती हैं।
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09:51, 1 जून 2010 का अवतरण

  • इस नदी का उदगम तिब्बत के पठार पर स्थित मापचांचुगों हिमनद से होता है। जोकि ताकलाकोट से लगभग 37 किलोमीटर उत्तर पश्चिम की ओर स्थित है। यह नदी पर्वतीय प्रदेश में करनाली और मैदानी प्रदेश में घाघरा कहलाती है।
  • मैदानी भाग में यह नदी दो उपशाखाओं में विभाजित हो जाती है।
    • पश्चिमी शाखा
    • पूर्वी शाखा

इसकी पश्चिमी शाखा करनाली और पूर्वी शाखा को शिखा कहते हैं। आगे चलकर ये पुनः एक हो जाती हैं।

  • छपरा(बिहार) के निकट यह नदी गंगा में मिल जाती है।
  • इसकी कुल लंबाई 1080 किमी॰ है।
  • शिवालिक पहाड़ियों में घाघरा नदी की घाटियों की चौड़ाई 180 मीटर एवं गहराई 600 मीटर से भी अधिक है।
  • इन नदी घाटियों में पर्वतीय क्षेत्र से टीला, सेती, बेरी, आदि नदियाँ आकर मिलती हैं।
  • गोरखपुर के निकट राप्ती एवं छोटी गण्डक नदियाँ इसमें आकर मिल जाती हैं।