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* परंपरा से प्रसिद्ध है कि इसे चित्रांगद मोरी ने बनवाया था। आठवीं शताब्दी में गुहिलवंशी बापा ने इसे हस्तगत किया।  
 
* परंपरा से प्रसिद्ध है कि इसे चित्रांगद मोरी ने बनवाया था। आठवीं शताब्दी में गुहिलवंशी बापा ने इसे हस्तगत किया।  

11:14, 25 नवम्बर 2011 का अवतरण

चित्तौड़गढ़ का क़िला

चित्तौड़गढ़ क़िला
चित्तौड़गढ़ का क़िला
विवरण चित्तौड़गढ़ का क़िला ज़मीन से लगभग 500 फुट ऊँचाईवाली एक पहाड़ी पर बना हुआ है।
राज्य राजस्थान
ज़िला चित्तौड़गढ़
निर्माता मेवाड़ के राजपूतों
स्थापना 7 वीं शताब्दी
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 24° 53' 10.68", पूर्व- 74° 38' 49.20"
मार्ग स्थिति चित्तौड़गढ़ का क़िला, चित्तौड़गढ़ बूँदी रोड से लगभग 4 से 5 किमी की दूरी पर स्थित है।
कब जाएँ अक्टूबर से मार्च
कैसे पहुँचें हवाई जहाज़, रेल, बस आदि
हवाई अड्डा महाराणा प्रताप हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन, चंडेरिया रेलवे स्टेशन, शंभूपुरा रेलवे स्टेशन
बस अड्डा मुरली बस अड्डा
यातायात स्थानीय बस, ऑटो रिक्शा, साईकिल रिक्शा
क्या देखें जैन कीर्तिस्तंभ, महावीरस्वामी का मंदिर, पद्मिनी का महल, कालिका माई का मंदिर
कहाँ ठहरें होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह
क्या खायें राजस्थानी भोजन
एस.टी.डी. कोड 01472
ए.टी.एम लगभग सभी
Map-icon.gif गूगल मानचित्र
भाषा हिंदी, राजस्थानी, अंग्रेजी
अन्य जानकारी दुर्ग अनेक दर्शनीय और ऐतिहासिक स्थानों से परिपूर्ण है। पाडलपोल के निकट वीर बाघसिंह का स्मारक है।
अद्यतन‎
  • चित्तौड़ का विख्यात चित्तौड़गढ़ क़िला, राजस्थान में 25.53 अक्षांश और 74.39 देशांतर पर स्थित है।
  • यह ज़मीन से लगभग 500 फुट ऊँचाईवाली एक पहाड़ी पर बना हुआ है।
  • परंपरा से प्रसिद्ध है कि इसे चित्रांगद मोरी ने बनवाया था। आठवीं शताब्दी में गुहिलवंशी बापा ने इसे हस्तगत किया।
  • कुछ समय तक यह परमारों, सोलंकियों और चौहानों के अधिकार में भी रहा, किंतु सन 1175 ई. के आस पास से उदयपुर राज्य के राजस्थान में विलय होने तक यह प्राय: गुहिलवंशियों के हाथ में रहा।
  • दुर्ग अनेक दर्शनीय और ऐतिहासिक स्थानों से परिपूर्ण है। पाडलपोल के निकट वीर बाघसिंह का स्मारक है।
  • महाराणा का प्रतिनिधि बनकर इसने गुजरातियों से युद्ध किया था। भैरवपोल के निकट कल्ला और जैमल क छतरियाँ हैं। रामपोल के पास पत्ता का स्मारक पत्थर है।
  • दुर्ग के अंदर जैन कीर्तिस्तंभ, महावीरस्वामी का मंदिर, पद्मिनी के महल, कालिका माई का मंदिर, कुछ प्राचीन बौद्ध स्तूप, समिद्वेश्वर का भव्य प्राचीन मंदिर जिसे राजा भोज परमार ने बनवाया था।



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वीथिका


टीका टिप्पणी और संदर्भ

हिन्दी विश्वकोश (खण्ड- 4) पृष्ठ संख्या- 219

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