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*जलालाबाद वर्तमान में [[अफ़गानिस्तान]] में [[क़ाबुल]] के पूर्व में दरिया-ए क़ाबुल नदी के तट पर अवस्थित महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है। | *जलालाबाद वर्तमान में [[अफ़गानिस्तान]] में [[क़ाबुल]] के पूर्व में दरिया-ए क़ाबुल नदी के तट पर अवस्थित महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है। | ||
− | *यहाँ पर चीनी यात्री युवानच्वांग की [[भारत]] यात्रा के समय (630-645ई.) यह स्थान कपिश के अधीन था। इस समय यहाँ एक स्तूप था जो [[अशोक]] ने बनवाया था। | + | *यहाँ पर [[चीन|चीनी]] यात्री [[युवानच्वांग]] की [[भारत]] यात्रा के समय (630-645ई.) यह स्थान कपिश के अधीन था। |
− | *इस स्तूप इसकी ऊँचाई 200 फुट थी। | + | *इस समय यहाँ एक स्तूप था जो [[अशोक]] ने बनवाया था। |
− | *यहाँ से पुरातत्व विषयक अनेक अवशेष प्राप्त हुए हैं। 5वीं सदी में भारत आने वाले चीनी यात्री [[फ़ाह्यान]] ने जलालाबाद का एक विस्तृत देश के रूप में वर्णन किया था जिसमें वर्तमान अफ़गानिस्तान तथा पश्चिमी [[पाकिस्तान]] के सीमावर्ती प्रदेश सम्मिलित थे। | + | *इस स्तूप इसकी ऊँचाई 200 फुट थी। युवानच्वांग ने इस नगर के वर्णन में लिखा है, कि नगर में [[बौद्ध]] विद्वान दीपंकर के स्मृति-चिह्न, [[गौतम बुद्ध]] की प्रकाशमान मूर्ति और उनकी उष्णीश की अस्थि विद्यमान थी। |
− | *मध्यकाल में जलालाबाद अफ़गानिस्तान का सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण केन्द्र था। [[अकबर]] ने जलालाबाद और क़ाबुल पर आक्रमण किया था। [[दोस्त मुहम्मद]] ने जलालाबाद और क़ाबुल पर अधिकार कर स्वयं को अमीर घोषित किया था। 1845 ई. में जलालाबाद पर [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] का आधिपत्य हो गया। | + | *यहाँ से पुरातत्व विषयक अनेक अवशेष प्राप्त हुए हैं। |
+ | *5वीं सदी में भारत आने वाले चीनी यात्री [[फ़ाह्यान]] ने जलालाबाद का एक विस्तृत देश के रूप में वर्णन किया था, जिसमें वर्तमान अफ़गानिस्तान तथा पश्चिमी [[पाकिस्तान]] के सीमावर्ती प्रदेश सम्मिलित थे। | ||
+ | *मध्यकाल में जलालाबाद अफ़गानिस्तान का सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण केन्द्र था। | ||
+ | *[[अकबर]] ने जलालाबाद और क़ाबुल पर आक्रमण किया था। | ||
+ | *[[दोस्त मुहम्मद]] ने जलालाबाद और क़ाबुल पर अधिकार कर स्वयं को अमीर घोषित किया था। | ||
+ | *सन 1845 ई. में जलालाबाद पर [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] का आधिपत्य हो गया। | ||
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11:28, 30 अप्रैल 2011 का अवतरण
- जलालाबाद वर्तमान में अफ़गानिस्तान में क़ाबुल के पूर्व में दरिया-ए क़ाबुल नदी के तट पर अवस्थित महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है।
- यहाँ पर चीनी यात्री युवानच्वांग की भारत यात्रा के समय (630-645ई.) यह स्थान कपिश के अधीन था।
- इस समय यहाँ एक स्तूप था जो अशोक ने बनवाया था।
- इस स्तूप इसकी ऊँचाई 200 फुट थी। युवानच्वांग ने इस नगर के वर्णन में लिखा है, कि नगर में बौद्ध विद्वान दीपंकर के स्मृति-चिह्न, गौतम बुद्ध की प्रकाशमान मूर्ति और उनकी उष्णीश की अस्थि विद्यमान थी।
- यहाँ से पुरातत्व विषयक अनेक अवशेष प्राप्त हुए हैं।
- 5वीं सदी में भारत आने वाले चीनी यात्री फ़ाह्यान ने जलालाबाद का एक विस्तृत देश के रूप में वर्णन किया था, जिसमें वर्तमान अफ़गानिस्तान तथा पश्चिमी पाकिस्तान के सीमावर्ती प्रदेश सम्मिलित थे।
- मध्यकाल में जलालाबाद अफ़गानिस्तान का सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण केन्द्र था।
- अकबर ने जलालाबाद और क़ाबुल पर आक्रमण किया था।
- दोस्त मुहम्मद ने जलालाबाद और क़ाबुल पर अधिकार कर स्वयं को अमीर घोषित किया था।
- सन 1845 ई. में जलालाबाद पर अंग्रेज़ों का आधिपत्य हो गया।
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संबंधित लेख
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