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'''जसपाल भट्टी''' ([[अंग्रेज़ी]]:Jaspal Bhatti, जन्म: 3 मार्च 1955 – मृत्यु: 25 अक्टूबर 2012) भारतीय हिन्दी फ़िल्मों के अभिनेता और प्रसिद्ध हास्य कलाकार थे। जसपाल भट्टी सिर्फ हास्य कलाकार नहीं थे बलिक वह जीवन की विडंबनाओं पर चुटीली टिप्पणियां करने वाले सधे हुए व्यंग्यकार थे। महंगाई, भ्रष्टाचार, नेताओं के पाखंड या जीवन के दूसरे सवालों पर उन्होंने बहुत सधे हुए संवाद किए। 80 और 90 के दशक में [[दूरदर्शन]] पर उनके कार्यक्रम 'फ़्लॉप शो' और 'उल्टा−पुल्टा' बेहद चर्चित हुए।
 
'''जसपाल भट्टी''' ([[अंग्रेज़ी]]:Jaspal Bhatti, जन्म: 3 मार्च 1955 – मृत्यु: 25 अक्टूबर 2012) भारतीय हिन्दी फ़िल्मों के अभिनेता और प्रसिद्ध हास्य कलाकार थे। जसपाल भट्टी सिर्फ हास्य कलाकार नहीं थे बलिक वह जीवन की विडंबनाओं पर चुटीली टिप्पणियां करने वाले सधे हुए व्यंग्यकार थे। महंगाई, भ्रष्टाचार, नेताओं के पाखंड या जीवन के दूसरे सवालों पर उन्होंने बहुत सधे हुए संवाद किए। 80 और 90 के दशक में [[दूरदर्शन]] पर उनके कार्यक्रम 'फ़्लॉप शो' और 'उल्टा−पुल्टा' बेहद चर्चित हुए।
 
==जीवन परिचय==
 
==जीवन परिचय==
जसपाल भट्टी का जन्म [[3 मार्च]] [[1955]] को अमृतसर में हुआ। जसपाल भट्टी ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की उपाधि ली। अपने कॉलेज के दिनों में ही वह अपने नुक्कड़ नाटक नॉनसेंस क्लब से मशहूर हो गए थे। उनके अधिकतर नाटकों में भ्रष्टाचार और नेताओं का बहुत ही मनोरम अंदाज़ में मज़ाक उड़ाया गया, जिसको लोगों ने हाथों हाथ लिया। उनके लोकप्रिय होने की वजह थी मध्यम वर्ग के रोज़मर्रा के मुद्दों को दिलचस्प अंदाज़ में उठाना।<ref>{{cite web |url=http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2012/10/121025_bhatti_obit_rf.shtml |title=बारीक हास्य के बादशाह जसपाल भट्टी |accessmonthday=29 अक्टूबर |accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=बीबीसी हिन्दी |language=हिन्दी  }} </ref>
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====आरम्भिक जीवन====
 
====आरम्भिक जीवन====
टेलीविजन में अपने कार्यक्रम प्रस्तुत करने से पूर्व वह [[चंडीगढ़]] से प्रकाशित 'द ट्रिब्यून' में कार्टूनिस्ट थे। उन्होंने पंजाब पुलिस पर करारा व्यंग्य करते हुए 'माहौल ठीक है' का निर्देशन किया और उनका यह पहला निर्देशन ही काफी चर्चित रहा। उन्होंने 'फना' फिल्म में एक गार्ड जाली गुड सिंह की भूमिका अदा की थी। उन्होंने [[पंजाबी भाषा|पंजाबी]] की हास्य फिल्म 'जीजाजी' में भी अभिनय किया था। भट्टी और उनकी पत्नी सविता ने 2008 में रियलिटी शो 'नच बलिये' में भी भाग लिया था और दोनों में अपने नृत्य एवं हास्य के जरिये दर्शकों का खूब मनोरंजन किया था।
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टेलीविजन में अपने कार्यक्रम प्रस्तुत करने से पूर्व वह [[चंडीगढ़]] से प्रकाशित 'द ट्रिब्यून' में कार्टूनिस्ट थे। उन्होंने पंजाब पुलिस पर करारा व्यंग्य करते हुए 'माहौल ठीक है' का निर्देशन किया और उनका यह पहला निर्देशन ही काफी चर्चित रहा। उन्होंने 'फना' फिल्म में एक गार्ड जाली गुड सिंह की भूमिका अदा की थी। उन्होंने [[पंजाबी भाषा|पंजाबी]] की हास्य फिल्म 'जीजाजी' में भी अभिनय किया था। भट्टी और उनकी पत्नी सविता ने 2008 में रियलिटी शो 'नच बलिये' में भी भाग लिया था और दोनों में अपने नृत्य एवं हास्य के जरिये दर्शकों का खूब मनोरंजन किया था।<ref name="BBC"/>
 
====छोटे पर्दे पर====
 
====छोटे पर्दे पर====
बहुत छोटे बजट की शृंखला 'फ्लॉप शो' तो मध्यम वर्ग के लोगों की समस्याओं को एक विशिष्टता के साथ उठाने के लिए आज भी याद की जाती है। जसपाल भट्टी की पत्नी सविता भट्टी इस शो की न सिर्फ निर्माता थीं, बल्कि इसकी सभी कड़ियों में उन्होंने उनकी पत्नी की भूमिका भी निभाई थी। छोटे पर्दे पर अपने शो की सफलता के बाद भट्टी ने हिन्दी और पंजाबी फिल्मों में काम किया। भट्टी कई रियलिटी शो में नजर आए। 'कॉमेडी का किंग कौन' में वह [[अभिनेत्री]] दिव्या दत्ता के साथ सह-निर्णायक बने। 'नच बलिये' में उन्हें पत्नी के साथ अपना नृत्य कौशल दिखाते देखा गया। चंडीगढ़ के समीप [[मोहाली]] में उन्होंने अपना एक प्रशिक्षण स्कूल स्थापित किया, जिसका नाम 'जोक फैक्टरी' रखा।<ref>{{cite web |url=http://khabar.ndtv.com/news/show/jaspal-bhatti-end-of-an-era-of-satire-27896 |title=जसपाल भट्टी : मौत ने सब 'उल्टा-पुल्टा' कर दिया |accessmonthday=29 अक्टूबर |accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=एन.डी.टी.वी. ख़बर |language=हिन्दी  }} </ref>
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बहुत छोटे बजट की शृंखला 'फ्लॉप शो' तो मध्यम वर्ग के लोगों की समस्याओं को एक विशिष्टता के साथ उठाने के लिए आज भी याद की जाती है। जसपाल भट्टी की पत्नी सविता भट्टी इस शो की न सिर्फ निर्माता थीं, बल्कि इसकी सभी कड़ियों में उन्होंने उनकी पत्नी की भूमिका भी निभाई थी। छोटे पर्दे पर अपने शो की सफलता के बाद भट्टी ने हिन्दी और पंजाबी फिल्मों में काम किया। भट्टी कई रियलिटी शो में नजर आए। 'कॉमेडी का किंग कौन' में वह [[अभिनेत्री]] दिव्या दत्ता के साथ सह-निर्णायक बने। 'नच बलिये' में उन्हें पत्नी के साथ अपना नृत्य कौशल दिखाते देखा गया। चंडीगढ़ के समीप [[मोहाली]] में उन्होंने अपना एक प्रशिक्षण स्कूल स्थापित किया, जिसका नाम 'जोक फैक्टरी' रखा।<ref name="khabar">{{cite web |url=http://khabar.ndtv.com/news/show/jaspal-bhatti-end-of-an-era-of-satire-27896 |title=जसपाल भट्टी : मौत ने सब 'उल्टा-पुल्टा' कर दिया |accessmonthday=29 अक्टूबर |accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=एन.डी.टी.वी. ख़बर |language=हिन्दी  }} </ref>
 
====बॉलीवुड में====
 
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वर्ष 1999 में वह फिल्म ‘जानम समझा करो’ में सलमान खान के निजी सचिव बने और इस भूमिका में लोगों ने उन्हें खूब पसंद किया। आमिर खान, काजोल अभिनीत 'फना' में वह जॉली गुड सिंह नामक गार्ड बने। उन्होंने हास्य प्रधान पंजाबी फिल्म 'जीजाजी' में भी काम किया। दर्शकों को हंसा-हंसाकर लोटपोट करने की कला में माहिर भट्टी ने पंजाबी भाषा में बनी 'माहौल ठीक है' फिल्म का निर्देशन किया। पंजाब पुलिस पर बनी यह फिल्म दर्शकों को बहुत अच्छी लगी।
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वर्ष 1999 में वह फिल्म ‘जानम समझा करो’ में सलमान खान के निजी सचिव बने और इस भूमिका में लोगों ने उन्हें खूब पसंद किया। आमिर खान, काजोल अभिनीत 'फना' में वह जॉली गुड सिंह नामक गार्ड बने। उन्होंने हास्य प्रधान पंजाबी फिल्म 'जीजाजी' में भी काम किया। दर्शकों को हंसा-हंसाकर लोटपोट करने की कला में माहिर भट्टी ने पंजाबी भाषा में बनी 'माहौल ठीक है' फिल्म का निर्देशन किया। पंजाब पुलिस पर बनी यह फिल्म दर्शकों को बहुत अच्छी लगी।<ref name="khabar"/>
 
====प्रसिद्ध फ़िल्में====
 
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* पॉवर कट  (2012)   
 
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* हमारा दिल आपके पास है (2002)
 
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* खौफ़ (2002)
 
* खौफ़ (2002)
* जानम समझा करो (1999)
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* जानम समझा करो (1999)
 
* काला साम्राज्य (1999)
 
* काला साम्राज्य (1999)
 
* आ अब लौट चलें   (1999)
 
* आ अब लौट चलें   (1999)
 
* कारतूस (1999)
 
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==चुटीले हास्य के महारथी==
 
==चुटीले हास्य के महारथी==
जसपाल भट्टी के चुटीले हास्य की खूबी थी अपने आप पर हँसने और मज़ाक उड़ाने की कला अपनी वेबसाइट पर वह अपना परिचय कुछ इस अंदाज़ में देते थे, ‘मैं सनडे ट्रिब्यून में नियमित कॉलम लिखता हूँ जिसकी वजह से ही उसकी बिक्री घटती जा रही है’ अपने जीवन परिचय में वह अपने सारे स्कूलों के नाम बताया करते थे जहां उन्होंने पढ़ाई की थी। इसके बाद उनकी टिप्पणी होती थी कि इससे यह हरगिज़ मत समझिएगा कि मैं बहुत पढ़ा लिखा हूँ। वास्तव में मेरे सारे अध्यापक मुझे अपना शागिर्द कहते हुए शरमाते हैं।  
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जसपाल भट्टी के चुटीले हास्य की खूबी थी अपने आप पर हँसने और मज़ाक उड़ाने की कला अपनी वेबसाइट पर वह अपना परिचय कुछ इस अंदाज़ में देते थे, ‘मैं सनडे ट्रिब्यून में नियमित कॉलम लिखता हूँ जिसकी वजह से ही उसकी बिक्री घटती जा रही है’ अपने जीवन परिचय में वह अपने सारे स्कूलों के नाम बताया करते थे जहां उन्होंने पढ़ाई की थी। इसके बाद उनकी टिप्पणी होती थी कि इससे यह हरगिज़ मत समझिएगा कि मैं बहुत पढ़ा लिखा हूँ। वास्तव में मेरे सारे अध्यापक मुझे अपना शागिर्द कहते हुए शरमाते हैं।<ref name="BBC"/>
 
==एनिमेशन स्कूल==
 
==एनिमेशन स्कूल==
चंडीगढ़ के समीप [[मोहाली]] में उनका एक एनीमेशन स्कूल 'मैड आर्ट्स' भी है, जहां उन्होंने 52 कड़ियों वाली हास्य शृंखला 'थैंक यू जीजाजी' भी तैयार की। इस स्कूल ने बालिका भ्रूण हत्या पर एक एनीमेशन फिल्म भी बनाई, जिसे वन टेक मीडिया द्वारा आयोजित 'एडवान्टेज इंडिया' में दूसरा पुरस्कार प्रदान किया गया। जसपाल भट्टी की अंतिम फ़िल्म 'पॉवर कट' है, जो पंजाब में लगातार की जाने वाली बिजली कटौती पर आधारित है।   
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13:55, 29 अक्टूबर 2012 का अवतरण

जसपाल भट्टी
जसपाल भट्टी
पूरा नाम जसपाल भट्टी
जन्म 3 मार्च, 1955
जन्म भूमि अमृतसर, पंजाब
मृत्यु 25 अक्टूबर, 2012
मृत्यु स्थान जालंधर (सड़क हादसा)
पति/पत्नी सविता भट्टी
कर्म-क्षेत्र हास्य अभिनेता, व्यंग्यकार
मुख्य फ़िल्में जानम समझा करो, आ अब लौट चलें, कुछ ना कहो, फ़ना, मौसम
शिक्षा स्नातक (इलेक्ट्रिकल इंजीनियर)
विद्यालय पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज
नागरिकता भारतीय

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जसपाल भट्टी (अंग्रेज़ी:Jaspal Bhatti, जन्म: 3 मार्च 1955 – मृत्यु: 25 अक्टूबर 2012) भारतीय हिन्दी फ़िल्मों के अभिनेता और प्रसिद्ध हास्य कलाकार थे। जसपाल भट्टी सिर्फ हास्य कलाकार नहीं थे बलिक वह जीवन की विडंबनाओं पर चुटीली टिप्पणियां करने वाले सधे हुए व्यंग्यकार थे। महंगाई, भ्रष्टाचार, नेताओं के पाखंड या जीवन के दूसरे सवालों पर उन्होंने बहुत सधे हुए संवाद किए। 80 और 90 के दशक में दूरदर्शन पर उनके कार्यक्रम 'फ़्लॉप शो' और 'उल्टा−पुल्टा' बेहद चर्चित हुए।

जीवन परिचय

जसपाल भट्टी का जन्म 3 मार्च 1955 को अमृतसर में हुआ। जसपाल भट्टी ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की उपाधि ली। अपने कॉलेज के दिनों में ही वह अपने नुक्कड़ नाटक नॉनसेंस क्लब से मशहूर हो गए थे। उनके अधिकतर नाटकों में भ्रष्टाचार और नेताओं का बहुत ही मनोरम अंदाज़ में मज़ाक उड़ाया गया, जिसको लोगों ने हाथों हाथ लिया। उनके लोकप्रिय होने की वजह थी मध्यम वर्ग के रोज़मर्रा के मुद्दों को दिलचस्प अंदाज़ में उठाना।[1]

आरम्भिक जीवन

टेलीविजन में अपने कार्यक्रम प्रस्तुत करने से पूर्व वह चंडीगढ़ से प्रकाशित 'द ट्रिब्यून' में कार्टूनिस्ट थे। उन्होंने पंजाब पुलिस पर करारा व्यंग्य करते हुए 'माहौल ठीक है' का निर्देशन किया और उनका यह पहला निर्देशन ही काफी चर्चित रहा। उन्होंने 'फना' फिल्म में एक गार्ड जाली गुड सिंह की भूमिका अदा की थी। उन्होंने पंजाबी की हास्य फिल्म 'जीजाजी' में भी अभिनय किया था। भट्टी और उनकी पत्नी सविता ने 2008 में रियलिटी शो 'नच बलिये' में भी भाग लिया था और दोनों में अपने नृत्य एवं हास्य के जरिये दर्शकों का खूब मनोरंजन किया था।[1]

छोटे पर्दे पर

बहुत छोटे बजट की शृंखला 'फ्लॉप शो' तो मध्यम वर्ग के लोगों की समस्याओं को एक विशिष्टता के साथ उठाने के लिए आज भी याद की जाती है। जसपाल भट्टी की पत्नी सविता भट्टी इस शो की न सिर्फ निर्माता थीं, बल्कि इसकी सभी कड़ियों में उन्होंने उनकी पत्नी की भूमिका भी निभाई थी। छोटे पर्दे पर अपने शो की सफलता के बाद भट्टी ने हिन्दी और पंजाबी फिल्मों में काम किया। भट्टी कई रियलिटी शो में नजर आए। 'कॉमेडी का किंग कौन' में वह अभिनेत्री दिव्या दत्ता के साथ सह-निर्णायक बने। 'नच बलिये' में उन्हें पत्नी के साथ अपना नृत्य कौशल दिखाते देखा गया। चंडीगढ़ के समीप मोहाली में उन्होंने अपना एक प्रशिक्षण स्कूल स्थापित किया, जिसका नाम 'जोक फैक्टरी' रखा।[2]

बॉलीवुड में

वर्ष 1999 में वह फिल्म ‘जानम समझा करो’ में सलमान खान के निजी सचिव बने और इस भूमिका में लोगों ने उन्हें खूब पसंद किया। आमिर खान, काजोल अभिनीत 'फना' में वह जॉली गुड सिंह नामक गार्ड बने। उन्होंने हास्य प्रधान पंजाबी फिल्म 'जीजाजी' में भी काम किया। दर्शकों को हंसा-हंसाकर लोटपोट करने की कला में माहिर भट्टी ने पंजाबी भाषा में बनी 'माहौल ठीक है' फिल्म का निर्देशन किया। पंजाब पुलिस पर बनी यह फिल्म दर्शकों को बहुत अच्छी लगी।[2]

प्रसिद्ध फ़िल्में

  • पॉवर कट (2012)
  • मौसम (2011)
  • हम तुम शबाना
  • चक दे फट्टे
  • एक द पॉवर ऑफ़ लव (2009)
  • फ़ना (2006)
  • कुछ मीठा हो जाये (2005)
  • कुछ ना कहो (2003)
  • तुझे मेरी कसम (2003)
  • जानी दुश्मन (2006)
  • कोई मेरे दिल से पूछे (2006)
  • शक्ति (2002)
  • ये है जलवा (2002)
  • हमारा दिल आपके पास है (2002)
  • खौफ़ (2002)
  • जानम समझा करो (1999)
  • काला साम्राज्य (1999)
  • आ अब लौट चलें (1999)
  • कारतूस (1999)

चुटीले हास्य के महारथी

जसपाल भट्टी के चुटीले हास्य की खूबी थी अपने आप पर हँसने और मज़ाक उड़ाने की कला अपनी वेबसाइट पर वह अपना परिचय कुछ इस अंदाज़ में देते थे, ‘मैं सनडे ट्रिब्यून में नियमित कॉलम लिखता हूँ जिसकी वजह से ही उसकी बिक्री घटती जा रही है’ अपने जीवन परिचय में वह अपने सारे स्कूलों के नाम बताया करते थे जहां उन्होंने पढ़ाई की थी। इसके बाद उनकी टिप्पणी होती थी कि इससे यह हरगिज़ मत समझिएगा कि मैं बहुत पढ़ा लिखा हूँ। वास्तव में मेरे सारे अध्यापक मुझे अपना शागिर्द कहते हुए शरमाते हैं।[1]

एनिमेशन स्कूल

चंडीगढ़ के समीप मोहाली में उनका एक एनीमेशन स्कूल 'मैड आर्ट्स' भी है, जहां उन्होंने 52 कड़ियों वाली हास्य शृंखला 'थैंक यू जीजाजी' भी तैयार की। इस स्कूल ने बालिका भ्रूण हत्या पर एक एनीमेशन फिल्म भी बनाई, जिसे वन टेक मीडिया द्वारा आयोजित 'एडवान्टेज इंडिया' में दूसरा पुरस्कार प्रदान किया गया। जसपाल भट्टी की अंतिम फ़िल्म 'पॉवर कट' है, जो पंजाब में लगातार की जाने वाली बिजली कटौती पर आधारित है।[2]

निधन

जालंधर में शाहकोट के पास 25 अक्टूबर 2012 को तड़के करीब तीन बजे हुए एक सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई। वह 57 साल के थे। इस हादसे में जसपाल भट्टी के बेटे जसराज, उनकी फिल्म की हिरोइन और पीआरओ नवीन जोशी घायल हो गए। समाचार पत्रों के मुताबिक जसपाल भट्टी अपनी फिल्म 'पावर कट' के प्रमोशन के लिए भठिंडा से जालंधर जा रहे थे। होंडा अकॉर्ड कार से वह अपनी टीम के साथ थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 बारीक हास्य के बादशाह जसपाल भट्टी (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) बीबीसी हिन्दी। अभिगमन तिथि: 29 अक्टूबर, 2012।
  2. 2.0 2.1 2.2 जसपाल भट्टी : मौत ने सब 'उल्टा-पुल्टा' कर दिया (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) एन.डी.टी.वी. ख़बर। अभिगमन तिथि: 29 अक्टूबर, 2012।

बाहरी कड़ियाँ

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