"झूंठ की जमात जुरी -शिवदीन राम जोशी" के अवतरणों में अंतर

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==शीर्षक उदाहरण 1==
 
 
 
===झूंठ की जमात जुरी पाप अधिकारी जहाँ / शिवदीन राम जोशी===<nowiki>Insert non-formatted text here</nowiki>
 
 
 
====शीर्षक उदाहरण 3====
 
 
 
=====शीर्षक उदाहरण 4=====
 
 
 
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झूंठ की जमात जुरी पाप अधिकारी जहाँ,
 
झूंठ की जमात जुरी पाप अधिकारी जहाँ,
               महन्त  है  पाखंड  चन्द  टोली घुरावे हैं |
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               महन्त  है  पाखंड  चन्द  टोली घुरावे हैं।
 
कपट की विभूति  लोगन को बांटि-बांटि,
 
कपट की विभूति  लोगन को बांटि-बांटि,
                 अकड़-अकड़ बैठे चतुर सभा में कहावें  हैं |
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                 अकड़-अकड़ बैठे चतुर सभा में कहावें  हैं।
 
क्रोधिन की कमाना को सफल करत व्यभिचारी,
 
क्रोधिन की कमाना को सफल करत व्यभिचारी,
                 असंगत उटपटांग काम अपना  बनावे है |
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                 असंगत उटपटांग काम अपना  बनावे हैं।
 
कहता शिवदीन कलिकाल  में प्रपंच फैल्यो,
 
कहता शिवदीन कलिकाल  में प्रपंच फैल्यो,
             ऐसे  जो  असंत  महन्त  मोजां  उड़ावें  हैं |
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             ऐसे  जो  असंत  महन्त  मोजां  उड़ावें  हैं।
 
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
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==बाहरी कड़ियाँ==
 
 
 
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
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{{समकालीन कवि}}
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05:58, 15 जून 2012 के समय का अवतरण

झूंठ की जमात जुरी पाप अधिकारी जहाँ,
               महन्त है पाखंड चन्द टोली घुरावे हैं।
कपट की विभूति लोगन को बांटि-बांटि,
                अकड़-अकड़ बैठे चतुर सभा में कहावें हैं।
क्रोधिन की कमाना को सफल करत व्यभिचारी,
                 असंगत उटपटांग काम अपना बनावे हैं।
कहता शिवदीन कलिकाल में प्रपंच फैल्यो,
             ऐसे जो असंत महन्त मोजां उड़ावें हैं।

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