"डूंगरपुर" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
कविता भाटिया (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 11: | पंक्ति 11: | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
+ | ==विथिका== | ||
+ | <center> | ||
+ | डूंगरपुर | ||
+ | <gallery> | ||
+ | चित्र:Beneshwar-Dham-Dungarpur-4.jpg | ||
+ | चित्र:Beneshwar-Dham-Dungarpur-5.jpg | ||
+ | चित्र:Beneshwar-Dham-Dungarpur-6.jpg | ||
+ | चित्र:Beneshwar-Dham-Dungarpur-7.jpg | ||
+ | चित्र:Beneshwar-Dham-Dungarpur.jpg | ||
+ | चित्र:Dungarpur-3.jpg | ||
+ | </gallery> | ||
+ | </center> | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
11:42, 13 अक्टूबर 2016 का अवतरण
डूंगरपुर राजस्थान के प्रसिद्ध नगरों में से एक है। राजस्थान के इतिहास में इस स्थान की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। यहाँ की वास्तुकला अपने आप में बेजोड़ है। डूंगरपुर वास्तुकला की विशेष शैली के लिए जाना जाता है, जो यहां के महलों और अन्य ऐतिहासिक इमारतों में देखी जा सकती है।
- डूंगरपुर की स्थापना 1282 ई. में रावल वीर सिंह ने की थी। उन्होंने यह क्षेत्र भील प्रमुख डुंगरिया को हराकर विजित किया था। इसीलिए इस जगह का नाम 'डूंगरपुर' पड़ा।
- वर्ष 1818 ई. में ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसे अपने अधिकार में ले लिया था।
- पहले यह स्थान डूंगरपुर प्रिंसली स्टेट की राजधानी हुआ करती थी।
- डूंगरपुर से होकर बहने वाली सोम और माही नदियां इसे उदयपुर और बाँसवाड़ा से अलग करती हैं।
- "पहाड़ों का नगर" कहलाने वाले डूंगरपुर में जीव-जन्तुओं और पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां पाई जाती हैं।
- डूंगरपुर वास्तुकला की विशेष शैली के लिए जाना जाता है, यहाँ के महलों और अन्य ऐतिहासिक इमारतों में यहाँ की शैली देखी जा सकती है।
- यहाँ के प्रसिद्ध स्थानों में जूना महल, दियो सोमनाथ, गैब सागर झील आदि प्रसिद्ध हैं।
|
|
|
|
|
विथिका
डूंगरपुर