"तुलसी घाट वाराणसी" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
फ़ौज़िया ख़ान (चर्चा | योगदान) छो |
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replacement - "मणिकार्णिका घाट" to "मणिकर्णिका घाट") |
||
पंक्ति 7: | पंक्ति 7: | ||
*[[वाराणसी]] ([[काशी]]) में गंगा [[तट]] पर अनेक सुंदर घाट बने हैं, ये सभी घाट किसी न किसी पौराणिक या धार्मिक कथा से संबंधित हैं। | *[[वाराणसी]] ([[काशी]]) में गंगा [[तट]] पर अनेक सुंदर घाट बने हैं, ये सभी घाट किसी न किसी पौराणिक या धार्मिक कथा से संबंधित हैं। | ||
*वाराणसी में लगभग 84 घाट हैं। ये घाट लगभग 4 मील लम्बे तट पर बने हुए हैं। | *वाराणसी में लगभग 84 घाट हैं। ये घाट लगभग 4 मील लम्बे तट पर बने हुए हैं। | ||
− | *[[वाराणसी के घाट|वाराणसी के 84 घाटों]] में पाँच घाट बहुत ही पवित्र माने जाते हैं। इन्हें सामूहिक रूप से 'पंचतीर्थ' कहा जाता है। ये हैं [[असी घाट वाराणसी|असी घाट]], [[दशाश्वमेध घाट वाराणसी|दशाश्वमेध घाट]], [[आदिकेशव घाट वाराणसी|आदिकेशव घाट]], [[पंचगंगा घाट वाराणसी|पंचगंगा घाट]] तथा [[ | + | *[[वाराणसी के घाट|वाराणसी के 84 घाटों]] में पाँच घाट बहुत ही पवित्र माने जाते हैं। इन्हें सामूहिक रूप से 'पंचतीर्थ' कहा जाता है। ये हैं [[असी घाट वाराणसी|असी घाट]], [[दशाश्वमेध घाट वाराणसी|दशाश्वमेध घाट]], [[आदिकेशव घाट वाराणसी|आदिकेशव घाट]], [[पंचगंगा घाट वाराणसी|पंचगंगा घाट]] तथा [[मणिकर्णिका घाट वाराणसी|मणिकर्णिका घाट]]। |
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== |
10:11, 2 नवम्बर 2016 का अवतरण
तुलसी घाट वाराणसी में स्थित गंगा नदी का एक घाट है।
- इस घाट का निर्माण महंत स्वामीनाथ ने करवाया है।
- तुलसीघाट प्रसिद्ध कवि तुलसीदास से संबंधित है।
- यहाँ गोस्वामी तुलसी दास ने श्रीरामचरित मानस के कई अंशों की रचना की थी।
- कहा जाता है कि तुलसीदास ने अपना आख़िरी समय यहीं व्यतीत किया था।
- तुलसी घाट का नाम पहले लोलार्क घाट था।
- वाराणसी (काशी) में गंगा तट पर अनेक सुंदर घाट बने हैं, ये सभी घाट किसी न किसी पौराणिक या धार्मिक कथा से संबंधित हैं।
- वाराणसी में लगभग 84 घाट हैं। ये घाट लगभग 4 मील लम्बे तट पर बने हुए हैं।
- वाराणसी के 84 घाटों में पाँच घाट बहुत ही पवित्र माने जाते हैं। इन्हें सामूहिक रूप से 'पंचतीर्थ' कहा जाता है। ये हैं असी घाट, दशाश्वमेध घाट, आदिकेशव घाट, पंचगंगा घाट तथा मणिकर्णिका घाट।
संबंधित लेख