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नरेन्द्र मोदी

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माननीय मुख्यमंत्री, गु्जरात

  • पूरा नाम नरेन्द्र दामोदरदास मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को गुजरात के मेहसाणा ज़िले में हुआ था। 7 अक्टुबर, 2001 में केशुभाई पटेल के इस्तीफे के बाद नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने।
  • नरेंद्र मोदी गुजरात के लोकप्रिय और सबसे ज़्यादा लंबे समय तक राज करने वाले मुख्यमंत्री हैं। गुजरात में भारतीय जनता पार्टी के वर्चस्व की मूल वजह वही बताए जाते हैं।

जीवन परिचय

श्री नरेन्‍द्र मोदी एक ऐसी संस्‍कृति की देन हैं जिसके प्रभाव से बचपन से ही उनमें उदारता, परोपकारिता और समाज-सेवा जैसे मानवीय-मूल्यों का बीजा-रोपण हो चुका था। साठ के दशक में सोलह वर्ष के एक युवक के रूप मे वे भारत-पाक युद्ध के समय रेल्‍वे स्‍टेशनों से गुजरने वाले सैनिकों को अपना सहयोग देने के लिए आगे बढ़े। इसी तरह का सेवा कार्य गुजरात में सन् 1967 ई. में भीषण बाढ़ के प्रकोप से लोगों को बचाने एवं उन्‍हें राहत सामग्री पहुंचाने में भी उन्‍होंने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। उनमें अपूर्व संगठन क्षमता तथा मानव मनोविज्ञान की गहरी परख है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् और आल इण्‍डिया स्टूडेन्ट्स काउंसिल के छात्र नेता के रूप में गुजरात में वे विविध सामाजिक-राजनीतिक आन्दोलनों में सक्रिय योगदान कर चुके हैं। उन्हें अपने बाल्यकाल से कई तरह की विषमताओं एवं विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है। किन्तु अपने उदात्त चरित्रबल एवं साहस से उन्होंने तमाम अवरोधों को अवसर में बदल दिया, विशेषकर जब उन्‍होने उच्च शिक्षा हेतु कॉलेज तथा विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। उन दिनों वे कठोर संद्यर्ष एवं दारुण मन:ताप से घिरे थे, परन्तु् अपने जीवन- समर को उन्होंने सदैव एक योद्धा-सिपाही की तरह लड़ा है। आगे कदम बढ़ाने के बाद वे कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखते, साथ-साथ पराजय उन्हे स्वीकार्य नही है। अपने व्‍यक्‍तित्‍व की इन्‍हीं विशेषताओं के चलते उन्होंने राजनीति शास्त्र विषय के साथ अपनी एम.ए की पढ़ाई पूरी की।

राजनीतिक जीवन

देश के प्रसिद्ध सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस) के स्वयं सेवक के रूप में उन्होंने अपने जीवन की शुरूआत की। यहीं उन्हें निस्वांर्थता, सामाजिक दायित्वबोध, समर्पण और देशभक्‍ति के विचारों को आत्म सात करने का अवसर मिला। अपने संघ कार्य के दौरान श्री मोदी ने कई मौकों पर महत्त्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। फिर चाहे वह 1974 में भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाया गया आंदोलन हो, या 19 महीने (जून 1975 से जनवरी 1977) चला अत्यंत प्रताडि़त करनेवाला ‘आपात काल’ हो। जिसमें भारत के आम नागरिकों के मूलभूत अधिकारों का गला घोंट दिया गया था। उस पूरे समय के दौरान श्री मोदी भूगर्भ में रहे, जहाँ से वे तत्कालीन फासीवादी केन्द्र सरकार के खिलाफ जबरदस्त एवं प्रेरक लड़ाई लड़ते रहें।

भाजपा में प्रवेश

1987 में भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) में प्रवेश कर उन्होंने राजनीति की मुख्यधारा में कदम रखा। सिर्फ एक साल के भीतर ही उनको गुजरात इकाई के प्रदेश महामंत्री (जनरल सेक्रेटरी) के रूप में पदोन्नत कर दिया गया। तब तक उन्होंने एक अत्यंत ही कार्यक्षम व्यवस्थापक के रूप में प्रतिष्ठा हासिल कर ली थी। पार्टी को संगठित कर उसमें नई शक्ति का संचार करने का चुनौतीपूर्ण काम भी उन्होंने स्वीकार कर लिया। इस दौरान पार्टी को राजनीतिक गति प्राप्त होती गई और अप्रैल, 1990 में केन्द्र में साझा सरकार का गठन हुआ। हालांकि यह गठबंधन कुछ ही महीनो तक चला, लेकिन 1995 में भाजपा अपने ही बलबूते पर गुजरात में दो तिहाई बहुमत हासिल कर सत्ता में आई। तब से आज तक यहाँ भाजपा की सरकार कार्यरत है।

व्यक्तित्व

श्री नरेन्द्र मोदी एक महान स्वप्नदृष्टा हैं, किन्तु साथ ही वे अपने सपनों को वास्तविकता में परिवर्तित करने की अदभुत क्षमता भी रखते हैं। उनका सर्वोच्च स्वप्न है गुजरात को प्रगति पथ पर अग्रसर कर, भारत को समृद्ध व शान्तिसंपन्न बनाना। उनकी स्वप्नभूमि का फलक कृषि सम्बन्धी संशोधनों का विकास, पर्यावरण का जतन, उद्योग और वैश्विक निवेश के लिए ढाँचागत सुविधाऍ उपलब्ध करवाने जैसे क्षेत्रों तक विस्तृत है। कुल मिलाकर एक ऐसे खुशहाल समाज का निर्माण करना जिसका जीवन उत्सवों में बदल जाये।

कठोर प्रशासक

श्री नरेन्द्र मोदी की छवि एक कठोर प्रशासक और कड़े अनुशासन के आग्रही की मानी जाती है, लेकिन साथ ही अपने भीतर वे मृदुता एवं सामर्थ्य की अपार क्षमता भी संजोये हुए हैं। श्री मोदी को शिक्षा-व्यवस्था में पूरा विश्वास है। एक ऐसी शिक्षा-व्यवस्था जो मनुष्य के आंतरिक विकास और उन्नति का माध्यम बने एवं समाज को अँधेरे, मायूसी और गरीबी के विषचक्र से मुक्ति दिलाये। बेटियों की शिक्षा के बारे में प्रायः समाज में एक उदासीनता का भाव देखा जाता है। श्री मोदी उनकी शिक्षा के प्रोत्साहन-प्रसार पर जोर देकर इस उदासीनता को भंग करने के प्रबल पक्षधर रहे हैं। शिक्षा के प्रति मोदी का प्रेम अपने शिक्षकों के प्रति उनके आदरभाव में और कन्या शिक्षण योजना जैसे उनके प्रिय अभियानों में झलकता है। वे चाहते हैं कि ज्ञान का प्रकाश और सशक्तिकरण का भाव सुदूर ग्राम्य विस्तारों तक पहुँचे। अपनी बेटियों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए उनके पालकों को समझाने वाला, भीषण गर्मी और चिलाचिलाती धूप में अंचल के सुदूर गाँवों तक पहुँचनेवाला मुख्यमंत्री आपको और कहाँ मिलेगा? विज्ञान और प्रौद्योगिकी में श्री मोदी की गहरी दिलचस्पी है। उन्होंने गुजरात को ई-गवर्न्ड राज्य बना दिया है और प्रौद्योगिकी के कई नवोन्मेषी प्रयोग सुनिश्चित किये हैं। ‘स्वागत ऑनलाइन’ और ‘टेलि फरियाद’ जैसे नवीनतम प्रयासों से ई-पारदर्शिता आई है, जिसमें आम नागरिक सीधा प्रशासन के उच्चतम कार्यालय का संपर्क कर सकता है। आम आदमी की समस्याओं को समझकर एक निश्चित समय सीमा में उनका हल हो सके इस बात की चिन्ता करने वाला मुख्यमंत्री शायद ही कहीं मिलेगा ।

जनशक्ति में अखण्ड विश्वास

जनशक्ति में अखण्ड विश्वास रखने वाले श्री मोदी ने बखूबी करीब पाँच लाख कर्मचारियों की मजबूत टीम की रचना की है। ‘निरंतर शिक्षा’ के विचार के लिए कर्मयोगी महाअभियान चलाया है। गुजरात के पास ऐसा मुख्यमंत्री है, जो सरकारी कर्मचारी को असरकारी कर्मयोगी में परिवर्तित करने के लिए निरंतर जाग्रत और प्रयासरत है।

आदर्शवादी

श्री मोदी यथार्थवादी होने के साथ ही आदर्शवादी भी हैं। उनमें आशावाद कूटकूट कर भरा है। उनकी हमेशा एक उदात्त धारणा रही है कि असफलता नहीं, बल्कि उदेश्य का अनुदात्त होना अपराध है। वे मानते हैं कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता के लिए स्पष्ट दृष्टि, उद्देश्य या लक्ष्य का परिज्ञान और कठोर अध्यवसाय अत्यंत ही आवश्यक गुण हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ