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*रामायण में [[राम]]-सेना का एक प्रसिद्ध वानर, जो विश्वकर्मा का अंशावतार था।
 
*इसके साथी का नाम [[नील]] था। 
 
*दक्षिण में समुद्र के किनारे पहुंचकर [[राम]] ने समुद्र की आराधना की। प्रसन्न होकर वरुणालय ने [[सगर]]पुत्रों से संबंधित होकर अपने को [[इक्ष्वाकु]]वंशीय बतलाकर राम की सहायता करने का वचन दियां उसने कहा-'सेना में नल नामक [[विश्वकर्मा]] का पुत्र है। वह अपने हाथ से मेरे जल में जो कुछ भी छोड़ेगा वह तैरता रहेगा, डूबेगा नहीं।' इस प्रकार समुद्र पर पुल बना जो 'नलसेतु' नाम से विख्यात है। <ref>[[महाभारत]], [[वन पर्व महाभारत|वनपर्व]], अध्याय 283, श्लोक 24 से 45 तक</ref>
 
 
{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
==संबंधित लेख==
 
{{रामायण}}{{पौराणिक चरित्र}}
 
[[Category:पौराणिक चरित्र]]
 
[[Category:पौराणिक कोश]]
 
[[Category:रामायण]][[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]]
 
  
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