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*सिंहल नरेश [[जयंत]] को स्थविर [[कश्यप बुद्ध]] ने इसी स्थान के उत्तर में अशोकमाल पर जाकर धर्मोपदेश दिया था, जिससे सिंहल के चार सहस्र लोग [[बौद्ध धर्म]] में दीक्षित हुए थे।
  
 
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नागमाल का उल्लेख बौद्ध ग्रंथ महावंश में हुआ है, जिसके अनुसार यह लंका में स्थित बताया गया है।[1]

  • महावंश[2] में वर्णित यह स्थान अनुराधापुर से संबंधित था।
  • सिंहल नरेश जयंत को स्थविर कश्यप बुद्ध ने इसी स्थान के उत्तर में अशोकमाल पर जाकर धर्मोपदेश दिया था, जिससे सिंहल के चार सहस्र लोग बौद्ध धर्म में दीक्षित हुए थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 487 |
  2. महावंश 15, 153

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