न रहेगा बाँस, न बजेगी बाँसुरी
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- यह लोकोक्ति एक प्रचलित कहावत है।
- इसका अर्थ - मूल कारण को मिटा दें, तो झगड़ा–फसाद ही न हो।
टीका टिप्पणी और संदर्भ