पंचरत्न

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:47, 27 जुलाई 2011 का अवतरण (Text replace - ")</ref" to "</ref")
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • कृत्यकल्पतरु[1], हेमाद्रि[2], एवं कृत्यरत्नाकर[3] के मत से पाँच रत्न ये हैं–सोना, हीरा (हीरक), नीलमणि (इन्द्रनील), पद्मराग (माणिक्य) एवं मोती
  • इन सभी ग्रन्थों ने कालिकापुराण का उद्धरण दिया है। किन्तु हेमाद्रि[4] ने आदित्य पुराण का उद्धरण देते हुए लिखा है, कि पाँच रत्न ये हैं–सोना, चाँदी, मोती, मूँगा, एवं माणिक्य


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कृत्यकल्पतरु (नैयमकालखण्ड, 366
  2. हेमाद्रि (काल पर चतुर्वर्ग चिन्तामणि, 413
  3. कृत्यरत्नाकर (493
  4. हेमाद्रि (व्रतकण्ड 1, 47

अन्य संबंधित लिंक