"पक्ष" के अवतरणों में अंतर
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*एक चन्द्र मास को 30 तिथियों में बांटा गया है। | *एक चन्द्र मास को 30 तिथियों में बांटा गया है। | ||
*एक चन्द्र मास को दो चरण में भी बांटा गया है, जो प्रत्येक चौदह दिन का होता है। | *एक चन्द्र मास को दो चरण में भी बांटा गया है, जो प्रत्येक चौदह दिन का होता है। | ||
− | *[[माह]]के | + | *[[माह]] के पंद्रह दिन के एक भाग को हम 'पक्ष' कहते हैं- |
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*इन दोनों पक्षो की अपनी अलग आध्यात्मिक विशेषता होती है. | *इन दोनों पक्षो की अपनी अलग आध्यात्मिक विशेषता होती है. | ||
− | *चौदह दिन के बाद पंद्रहवें दिन क्रमश: [[पूर्णमा]] | + | *चौदह दिन के बाद पंद्रहवें दिन क्रमश: [[पूर्णमा]] या [[अमावस्या]] होती हैं। |
10:58, 8 सितम्बर 2010 का अवतरण
- एक चन्द्र मास को 30 तिथियों में बांटा गया है।
- एक चन्द्र मास को दो चरण में भी बांटा गया है, जो प्रत्येक चौदह दिन का होता है।
- माह के पंद्रह दिन के एक भाग को हम 'पक्ष' कहते हैं-
- इन दोनों पक्षो की अपनी अलग आध्यात्मिक विशेषता होती है.
- चौदह दिन के बाद पंद्रहवें दिन क्रमश: पूर्णमा या अमावस्या होती हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ