"पहेली मई 2016" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
('{{फ़ॅसबुक पहेली}} {| class="bharattable-green" width="100%" |- | चित्र:Paheli-logo.png|right|120px...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
छो (Text replacement - "जरूर" to "ज़रूर")
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 10: पंक्ति 10:
 
+[[चंद्रशेखर आज़ाद]]
 
+[[चंद्रशेखर आज़ाद]]
 
-[[अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ]]
 
-[[अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ]]
||[[चित्र:Chandrashekhar-Azad.jpg |right|150px|चंद्रशेखर आज़ाद]]'चंद्रशेखर आज़ाद' [[भारतीय स्वतंत्रता संग्राम]] के प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे। 17 [[वर्ष]] के [[चंद्रशेखर आज़ाद]] क्रांतिकारी दल ‘हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ में सम्मिलित हो गए थे। किसी बड़े अभियान में चन्द्रशेखर आज़ाद सबसे पहले '[[काकोरी काण्ड|काकोरी डक़ैती]]' में सम्मिलित हुए। इस अभियान के नेता [[रामप्रसाद बिस्मिल]] थे। क्योंकि चन्द्रशेखर आज़ाद की आयु कम थी और उनका स्वभाव भी बहुत चंचल था, इसीलिए रामप्रसाद बिस्मिल ने उन्हें 'क्विक सिल्वर' ([[पारा]]) कहकर पुकारना शुरू किया। [[9 अगस्त]], [[1925]] को क्रान्तिकारियों ने [[लखनऊ]] के निकट काकोरी नामक स्थान पर सहारनपुर-लखनऊ सवारी गाड़ी को रोककर उसमें रखा अंगेज़ी ख़ज़ाना लूट लिया। बाद में एक–एक करके सभी क्रान्तिकारी पकड़े गए; पर चन्द्रशेखर आज़ाद कभी भी पुलिस के हाथ नहीं आये।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चंद्रशेखर आज़ाद]]
+
||[[चित्र:Chandrashekhar-Azad.jpg |right|100px|चंद्रशेखर आज़ाद]]'चंद्रशेखर आज़ाद' [[भारतीय स्वतंत्रता संग्राम]] के प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे। 17 [[वर्ष]] के [[चंद्रशेखर आज़ाद]] क्रांतिकारी दल ‘हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ में सम्मिलित हो गए थे। किसी बड़े अभियान में चन्द्रशेखर आज़ाद सबसे पहले '[[काकोरी काण्ड|काकोरी डक़ैती]]' में सम्मिलित हुए। इस अभियान के नेता [[रामप्रसाद बिस्मिल]] थे। क्योंकि चन्द्रशेखर आज़ाद की आयु कम थी और उनका स्वभाव भी बहुत चंचल था, इसीलिए रामप्रसाद बिस्मिल ने उन्हें 'क्विक सिल्वर' ([[पारा]]) कहकर पुकारना शुरू किया। [[9 अगस्त]], [[1925]] को क्रान्तिकारियों ने [[लखनऊ]] के निकट काकोरी नामक स्थान पर सहारनपुर-लखनऊ सवारी गाड़ी को रोककर उसमें रखा अंगेज़ी ख़ज़ाना लूट लिया। बाद में एक–एक करके सभी क्रान्तिकारी पकड़े गए; पर चन्द्रशेखर आज़ाद कभी भी पुलिस के हाथ नहीं आये।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चंद्रशेखर आज़ाद]]
  
 
{किस [[मुग़ल]] बादशाह का जन्म [[मध्य एशिया]] के 'फ़रग़ना' नामक स्थान पर हुआ था?
 
{किस [[मुग़ल]] बादशाह का जन्म [[मध्य एशिया]] के 'फ़रग़ना' नामक स्थान पर हुआ था?
पंक्ति 18: पंक्ति 18:
 
-[[अकबर]]
 
-[[अकबर]]
 
-[[जहाँगीर]]
 
-[[जहाँगीर]]
||[[चित्र:Babar.jpg|right|150px|बाबर]]1526 ई. में पानीपत के प्रथम युद्ध में [[दिल्ली सल्तनत]] के अंतिम वंश ([[लोदी वंश]]) के सुल्तान [[इब्राहीम लोदी]] की पराजय के साथ ही [[भारत]] में [[मुग़ल वंश]] की स्थापना हो गई। इस वंश का संस्थापक "[[बाबर|ज़हीरुद्दीन मुहम्मद बाबर]]" था। बाबर का पिता उमर शेख़ मिर्ज़ा, [[फ़रग़ना]] का शासक था, जिसकी मृत्यु के बाद बाबर राज्य का वास्तविक अधिकारी बना। [[14 फ़रवरी]], 1483 ई. को फ़रग़ना में बाबर का जन्म हुआ था। बाबर अपने पिता की ओर से [[तैमूर]] का पाँचवा एवं माता की ओर से [[चंगेज़ ख़ाँ]] ([[मंगोल]] नेता) का चौदहवाँ वंशज था। उसका परिवार तुर्की जाति के 'चग़ताई वंश' के अन्तर्गत आता था। बाबर अपने पिता उमर शेख़ मिर्ज़ा की मृत्यु के बाद मात्र 11 [[वर्ष]] की आयु में शासक बना दिया गया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बाबर]], [[फ़रग़ना]]
+
||[[चित्र:Babar.jpg|right|100px|बाबर]]1526 ई. में पानीपत के प्रथम युद्ध में [[दिल्ली सल्तनत]] के अंतिम वंश ([[लोदी वंश]]) के सुल्तान [[इब्राहीम लोदी]] की पराजय के साथ ही [[भारत]] में [[मुग़ल वंश]] की स्थापना हो गई। इस वंश का संस्थापक "[[बाबर|ज़हीरुद्दीन मुहम्मद बाबर]]" था। बाबर का पिता उमर शेख़ मिर्ज़ा, [[फ़रग़ना]] का शासक था, जिसकी मृत्यु के बाद बाबर राज्य का वास्तविक अधिकारी बना। [[14 फ़रवरी]], 1483 ई. को फ़रग़ना में बाबर का जन्म हुआ था। बाबर अपने पिता की ओर से [[तैमूर]] का पाँचवा एवं माता की ओर से [[चंगेज़ ख़ाँ]] ([[मंगोल]] नेता) का चौदहवाँ वंशज था। उसका परिवार तुर्की जाति के 'चग़ताई वंश' के अन्तर्गत आता था। बाबर अपने पिता उमर शेख़ मिर्ज़ा की मृत्यु के बाद मात्र 11 [[वर्ष]] की आयु में शासक बना दिया गया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बाबर]], [[फ़रग़ना]]
  
 
{'''दीपमलिका पर्व''' किस धर्म के अनुयायियों द्वारा मनाया जाता है?
 
{'''दीपमलिका पर्व''' किस धर्म के अनुयायियों द्वारा मनाया जाता है?
पंक्ति 86: पंक्ति 86:
 
-[[सत्येन्द्रनाथ ठाकुर]]
 
-[[सत्येन्द्रनाथ ठाकुर]]
 
-इनमें से कोई नहीं
 
-इनमें से कोई नहीं
||[[चित्र:Debendranath-tagore.gif|right|150px|border|देवेन्द्रनाथ ठाकुर]]'देवेन्द्रनाथ ठाकुर' [[कलकत्ता]] निवासी [[द्वारकानाथ ठाकुर|श्री द्वारकानाथ ठाकुर]] के पुत्र थे, जो प्रख्यात विद्वान् और धार्मिक नेता थे। अपनी दानशीलता के कारण उन्होंने 'प्रिंस' की उपाधि प्राप्त की थी। [[देवेन्द्रनाथ ठाकुर]] ने [[पिता]] से ऊँची सामाजिक प्रतिष्ठा तथा ऋण उत्तराधिकार में प्राप्त किया था। '[[नोबेल पुरस्कार]]' विजेता [[रबीन्द्रनाथ ठाकुर]] देवेंद्रनाथ ठाकुर के पुत्र थे। वे '[[ब्रह्म समाज]]' के प्रमुख सदस्य थे, जिसका 1843 ई. से उन्होंने बड़ी सफलता के साथ नेतृत्व किया। 1843 ई. में देवेन्द्रनाथ ने 'तत्वबोधिनी पत्रिका' प्रकाशित की, जिसके माध्यम से उन्होंने देशवासियों को गम्भीर चिन्तन हृदयगत भावों के प्रकाशन के लिए प्रेरित किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[देवेन्द्रनाथ ठाकुर]]
+
||[[चित्र:Debendranath-tagore.gif|right|100px|border|देवेन्द्रनाथ ठाकुर]]'देवेन्द्रनाथ ठाकुर' [[कलकत्ता]] निवासी [[द्वारकानाथ ठाकुर|श्री द्वारकानाथ ठाकुर]] के पुत्र थे, जो प्रख्यात विद्वान् और धार्मिक नेता थे। अपनी दानशीलता के कारण उन्होंने 'प्रिंस' की उपाधि प्राप्त की थी। [[देवेन्द्रनाथ ठाकुर]] ने [[पिता]] से ऊँची सामाजिक प्रतिष्ठा तथा ऋण उत्तराधिकार में प्राप्त किया था। '[[नोबेल पुरस्कार]]' विजेता [[रबीन्द्रनाथ ठाकुर]] देवेंद्रनाथ ठाकुर के पुत्र थे। वे '[[ब्रह्म समाज]]' के प्रमुख सदस्य थे, जिसका 1843 ई. से उन्होंने बड़ी सफलता के साथ नेतृत्व किया। 1843 ई. में देवेन्द्रनाथ ने 'तत्वबोधिनी पत्रिका' प्रकाशित की, जिसके माध्यम से उन्होंने देशवासियों को गम्भीर चिन्तन हृदयगत भावों के प्रकाशन के लिए प्रेरित किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[देवेन्द्रनाथ ठाकुर]]
  
 
{[[भारत का इतिहास|भारतीय इतिहास]] में प्रसिद्ध किस शासक का वास्तविक नाम 'फ़रीद ख़ाँ' था?
 
{[[भारत का इतिहास|भारतीय इतिहास]] में प्रसिद्ध किस शासक का वास्तविक नाम 'फ़रीद ख़ाँ' था?
पंक्ति 102: पंक्ति 102:
 
-[[14 अप्रॅल]]
 
-[[14 अप्रॅल]]
 
+[[15 मई]]
 
+[[15 मई]]
||[[चित्र:Family.jpg|right|border|150px|विश्व परिवार दिवस]]'विश्व परिवार दिवस' [[15 मई]] को मनाया जाता है। [[संयुक्त राष्ट्र अमेरिका]] ने [[1994]] को 'अंतर्राष्ट्रीय परिवार वर्ष' घोषित किया था। समूचे संसार में लोगों के बीच [[परिवार]] की अहमियत बताने के लिए हर साल 15 मई को '[[विश्व परिवार दिवस|अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस]]' मनाया जाने लगा है। [[1995]] से यह सिलसिला जारी है। परिवार की महत्ता समझाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन के लिए जिस प्रतीक चिह्न को चुना गया है, उसमें [[हरा रंग|हरे रंग]] के एक गोल घेरे के बीचों बीच एक दिल और घर अंकित किया गया है। इससे स्पष्ट है कि किसी भी समाज का केंद्र [[परिवार]] ही होता है। परिवार ही हर उम्र के लोगों को सुकून पहुँचाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[विश्व परिवार दिवस]]
+
||[[चित्र:Family.jpg|right|border|100px|विश्व परिवार दिवस]]'विश्व परिवार दिवस' [[15 मई]] को मनाया जाता है। [[संयुक्त राष्ट्र अमेरिका]] ने [[1994]] को 'अंतर्राष्ट्रीय परिवार वर्ष' घोषित किया था। समूचे संसार में लोगों के बीच [[परिवार]] की अहमियत बताने के लिए हर साल 15 मई को '[[विश्व परिवार दिवस|अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस]]' मनाया जाने लगा है। [[1995]] से यह सिलसिला जारी है। परिवार की महत्ता समझाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन के लिए जिस प्रतीक चिह्न को चुना गया है, उसमें [[हरा रंग|हरे रंग]] के एक गोल घेरे के बीचों बीच एक दिल और घर अंकित किया गया है। इससे स्पष्ट है कि किसी भी समाज का केंद्र [[परिवार]] ही होता है। परिवार ही हर उम्र के लोगों को सुकून पहुँचाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[विश्व परिवार दिवस]]
  
 
{'''फिजी द्वीप में मेरे 21 वर्ष''' नामक रचना किसके द्वारा लिखी गई?
 
{'''फिजी द्वीप में मेरे 21 वर्ष''' नामक रचना किसके द्वारा लिखी गई?
पंक्ति 118: पंक्ति 118:
 
+[[शाहजहाँ]]
 
+[[शाहजहाँ]]
 
-[[जहाँगीर]]
 
-[[जहाँगीर]]
||[[चित्र:Musamman-Burj.jpg|border|right|150px|मुसम्मन बुर्ज़]] 'मुसम्मन बुर्ज़' एक छ: मंजिला इमारत है, जिसका निर्माण [[मुग़ल]] [[शाहजहाँ|बादशाह शाहजहाँ]] ने [[आगरा क़िला|आगरा क़िले]] में करवाया था। बड़ी ही ख़ूबसूरती से बनाई गई यह इमारत '[[दीवान-ए-ख़ास (आगरा)|दीवान-ए-ख़ास]]' के निकट उत्तर की ओर स्थित है। [[मुसम्मन बुर्ज़]] में बैठकर शाही परिवार की स्त्रियाँ पशुओं का युद्ध आदि देखा करती थीं। मुसम्मन बुर्ज़ ही वह जगह है, जहाँ [[औरंगज़ेब]] की क़ैद में शाहजहाँ ने अपनी ज़िंदगी के अंतिम सात [[वर्ष]] व्यतीत किए थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शाहजहाँ]], [[मुसम्मन बुर्ज़]]
+
||[[चित्र:Musamman-Burj.jpg|border|right|100px|मुसम्मन बुर्ज़]] 'मुसम्मन बुर्ज़' एक छ: मंजिला इमारत है, जिसका निर्माण [[मुग़ल]] [[शाहजहाँ|बादशाह शाहजहाँ]] ने [[आगरा क़िला|आगरा क़िले]] में करवाया था। बड़ी ही ख़ूबसूरती से बनाई गई यह इमारत '[[दीवान-ए-ख़ास (आगरा)|दीवान-ए-ख़ास]]' के निकट उत्तर की ओर स्थित है। [[मुसम्मन बुर्ज़]] में बैठकर शाही परिवार की स्त्रियाँ पशुओं का युद्ध आदि देखा करती थीं। मुसम्मन बुर्ज़ ही वह जगह है, जहाँ [[औरंगज़ेब]] की क़ैद में शाहजहाँ ने अपनी ज़िंदगी के अंतिम सात [[वर्ष]] व्यतीत किए थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शाहजहाँ]], [[मुसम्मन बुर्ज़]]
  
 
{'मिरात-उल-अख़बार' नामक [[समाचार पत्र]] किसने शुरू किया था?
 
{'मिरात-उल-अख़बार' नामक [[समाचार पत्र]] किसने शुरू किया था?
पंक्ति 134: पंक्ति 134:
 
-[[विजयसिंह पथिक]]
 
-[[विजयसिंह पथिक]]
 
-[[जयनारायण व्यास]]
 
-[[जयनारायण व्यास]]
||[[चित्र:Bhairosingh-Shekhawat.jpg|border|right|150px|भैरोंसिंह शेखावत]]'भैरोंसिंह शेखावत' [[भारत]] के ग्यारहवें [[उपराष्ट्रपति]] और [[राजस्थान]] के पूर्व [[मुख्यमंत्री]] थे। वे राजस्थान के राजनीतिक क्षितिज पर काफ़ी लम्बे समय तक छाये रहे। राजस्थान की राजनीति में उनका जबर्दस्त प्रभाव था। आजीवन राष्ट्रहित में काम करने वाले जननेता [[भैरोंसिंह शेखावत]] ग़रीबों के सच्चे सहायक थे। उन्होंने एक बार कहा था कि- "मैं ग़रीबों और वंचित तबके के लिए काम करता रहूँगा ताकि वे अपने मौलिक अधिकारों का गरिमापूर्ण तरीक़े से इस्तेमाल कर सकें।" देश के अत्यंत ग़रीब लोगों को भोजन मुहैया कराने के लिए चलाई जाने वाली '''अंत्योदय अन्न योजना''' का श्रेय उन्हीं को जाता है। उनके इस कदम के लिए तत्कालीन विश्व बैंक के अध्यक्ष रॉबर्ट मैक्कनमारा ने उनकी सराहना करते हुए उन्हें "भारत का रॉकफ़ेलर" कहा था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भैरोंसिंह शेखावत]]
+
||[[चित्र:Bhairosingh-Shekhawat.jpg|border|right|100px|भैरोंसिंह शेखावत]]'भैरोंसिंह शेखावत' [[भारत]] के ग्यारहवें [[उपराष्ट्रपति]] और [[राजस्थान]] के पूर्व [[मुख्यमंत्री]] थे। वे राजस्थान के राजनीतिक क्षितिज पर काफ़ी लम्बे समय तक छाये रहे। राजस्थान की राजनीति में उनका जबर्दस्त प्रभाव था। आजीवन राष्ट्रहित में काम करने वाले जननेता [[भैरोंसिंह शेखावत]] ग़रीबों के सच्चे सहायक थे। उन्होंने एक बार कहा था कि- "मैं ग़रीबों और वंचित तबके के लिए काम करता रहूँगा ताकि वे अपने मौलिक अधिकारों का गरिमापूर्ण तरीक़े से इस्तेमाल कर सकें।" देश के अत्यंत ग़रीब लोगों को भोजन मुहैया कराने के लिए चलाई जाने वाली '''अंत्योदय अन्न योजना''' का श्रेय उन्हीं को जाता है। उनके इस कदम के लिए तत्कालीन विश्व बैंक के अध्यक्ष रॉबर्ट मैक्कनमारा ने उनकी सराहना करते हुए उन्हें "भारत का रॉकफ़ेलर" कहा था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भैरोंसिंह शेखावत]]
  
 
{अचम्भित कर देने वाली [[स्थापत्य कला]] से सुसज्जित 'चाँद बावड़ी' [[राजस्थान]] में कहाँ स्थित है?
 
{अचम्भित कर देने वाली [[स्थापत्य कला]] से सुसज्जित 'चाँद बावड़ी' [[राजस्थान]] में कहाँ स्थित है?
पंक्ति 142: पंक्ति 142:
 
-[[रणथम्भौर]]
 
-[[रणथम्भौर]]
 
-[[रामदेवरा जैसलमेर|रामदेवरा]]
 
-[[रामदेवरा जैसलमेर|रामदेवरा]]
||[[चित्र:Chand-Baori-Abhaneri-2.jpg|border|right|150px|चाँद बावड़ी]]'चाँद बावड़ी' एक सीढ़ीदार [[कुआँ]] है, जो [[राजस्थान]] में [[जयपुर]] के निकट [[दौसा|दौसा ज़िले]] के [[आभानेरी]] नामक [[ग्राम]] में स्थित है। यह सीढ़ीदार कुआँ '[[हर्षत माता मंदिर]]' के सामने स्थित है और [[भारत]] ही नहीं, अपितु विश्व के सबसे बड़े सीढ़ीदार और गहरे कुओं में से एक है। इस बावड़ी का निर्माण 9वीं शताब्दी में किया गया था। इसमें 3,500 संकरी सीढ़ियाँ हैं और ये 13 तल ऊँचा और 100 फुट या 30 मीटर गहरा है। ये अविश्वसनीय कुआँ उस समय [[जल]] की कमी से जूझ रहे इस क्षेत्र की जल समस्या का एक व्यावहारिक समाधान था। इस स्थान की शुष्क जलवायु ने स्थानीय लोगों को एक ऐसे कुएं की खुदाई के लिए विवश किया, जिस पर वर्ष भर जल के लिए निर्भर रहा जा सके।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चाँद बावड़ी]], [[आभानेरी]]
+
||[[चित्र:Chand-Baori-Abhaneri-2.jpg|border|right|100px|चाँद बावड़ी]]'चाँद बावड़ी' एक सीढ़ीदार [[कुआँ]] है, जो [[राजस्थान]] में [[जयपुर]] के निकट [[दौसा|दौसा ज़िले]] के [[आभानेरी]] नामक [[ग्राम]] में स्थित है। यह सीढ़ीदार कुआँ '[[हर्षत माता मंदिर]]' के सामने स्थित है और [[भारत]] ही नहीं, अपितु विश्व के सबसे बड़े सीढ़ीदार और गहरे कुओं में से एक है। इस बावड़ी का निर्माण 9वीं शताब्दी में किया गया था। इसमें 3,500 संकरी सीढ़ियाँ हैं और ये 13 तल ऊँचा और 100 फुट या 30 मीटर गहरा है। ये अविश्वसनीय कुआँ उस समय [[जल]] की कमी से जूझ रहे इस क्षेत्र की जल समस्या का एक व्यावहारिक समाधान था। इस स्थान की शुष्क जलवायु ने स्थानीय लोगों को एक ऐसे कुएं की खुदाई के लिए विवश किया, जिस पर वर्ष भर जल के लिए निर्भर रहा जा सके।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चाँद बावड़ी]], [[आभानेरी]]
  
 
{[[भारतीय इतिहास]] में '''शेर-ए-मैसूर''' के नाम से किसे जाना जाता है?
 
{[[भारतीय इतिहास]] में '''शेर-ए-मैसूर''' के नाम से किसे जाना जाता है?
पंक्ति 221: पंक्ति 221:
 
-[[लाला लाजपत राय]]
 
-[[लाला लाजपत राय]]
 
+[[सरदार पटेल]]
 
+[[सरदार पटेल]]
||[[चित्र:Sardar-Vallabh-Bhai-Patel.jpg|border|right|100px|सरदार पटेल]]'सरदार वल्लभभाई पटेल' प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा स्वतंत्र [[भारत]] के प्रथम गृहमंत्री थे। वे '[[सरदार पटेल]]' के उपनाम से प्रसिद्ध हैं। सरदार पटेल भारतीय बैरिस्टर और प्रसिद्ध राजनेता थे। भारत के [[स्वाधीनता संग्राम]] के दौरान '[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]]' के नेताओं में से वे एक थे। [[1947]] में भारत की आज़ादी के बाद पहले तीन [[वर्ष]] वे उप प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, सूचना मंत्री और राज्य मंत्री रहे थे। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद क़रीब पाँच सौ से भी ज़्यादा देसी रियासतों का एकीकरण एक सबसे बड़ी समस्या थी। कुशल कूटनीति और जरूरत पड़ने पर सैन्य हस्तक्षेप के जरिए सरदार पटेल ने उन अधिकांश रियासतों को [[तिरंगा|तिरंगे]] के तले लाने में सफलता प्राप्त की। इसी उपलब्धि के चलते उन्हें '''लौह पुरुष''' या '''भारत का बिस्मार्क''' की उपाधि से सम्मानित किया गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सरदार पटेल]]
+
||[[चित्र:Sardar-Vallabh-Bhai-Patel.jpg|border|right|100px|सरदार पटेल]]'सरदार वल्लभभाई पटेल' प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा स्वतंत्र [[भारत]] के प्रथम गृहमंत्री थे। वे '[[सरदार पटेल]]' के उपनाम से प्रसिद्ध हैं। सरदार पटेल भारतीय बैरिस्टर और प्रसिद्ध राजनेता थे। भारत के [[स्वाधीनता संग्राम]] के दौरान '[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]]' के नेताओं में से वे एक थे। [[1947]] में भारत की आज़ादी के बाद पहले तीन [[वर्ष]] वे उप प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, सूचना मंत्री और राज्य मंत्री रहे थे। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद क़रीब पाँच सौ से भी ज़्यादा देसी रियासतों का एकीकरण एक सबसे बड़ी समस्या थी। कुशल कूटनीति और ज़रूरत पड़ने पर सैन्य हस्तक्षेप के जरिए सरदार पटेल ने उन अधिकांश रियासतों को [[तिरंगा|तिरंगे]] के तले लाने में सफलता प्राप्त की। इसी उपलब्धि के चलते उन्हें '''लौह पुरुष''' या '''भारत का बिस्मार्क''' की उपाधि से सम्मानित किया गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सरदार पटेल]]
  
 
{प्रसिद्ध [[शहनाई वादक]] [[बिस्मिल्ला ख़ाँ]] किस [[हिन्दू]] देवी के परम उपासक थे?
 
{प्रसिद्ध [[शहनाई वादक]] [[बिस्मिल्ला ख़ाँ]] किस [[हिन्दू]] देवी के परम उपासक थे?

10:46, 2 जनवरी 2018 के समय का अवतरण

फ़ेसबुक पर चर्चित पहेलियाँ

वर्ष 2013 >> जुलाई 2013   •   अगस्त 2013   •   सितंबर 2013   •   अक्तूबर 2013   •   नवंबर 2013   •   दिसंबर 2013

वर्ष 2014 >> जनवरी 2014   •   फ़रवरी 2014   •   मार्च 2014   •   अप्रॅल 2014   •   मई 2014   •   जून 2014   •   जुलाई 2014   •   अगस्त 2014   •   सितंबर 2014   •   अक्टूबर 2014   •   नवम्बर 2014   •   दिसम्बर 2014

वर्ष 2015 >> जनवरी 2015   •   फ़रवरी 2015   •   मार्च 2015   •   अप्रॅल 2015   •   मई 2015   •   जून 2015   •   जुलाई 2015   •   अगस्त 2015   •   सितंबर 2015   •   अक्टूबर 2015   •   नवम्बर 2015   •   दिसम्बर 2015

वर्ष 2016 >> जनवरी 2016   •   फ़रवरी 2016   •   मार्च 2016   •   अप्रैल 2016   •   मई 2016   •   जून 2016   •   जुलाई 2016   •   अगस्त 2016   •   सितंबर 2016   •   अक्टूबर 2016   •   नवंबर 2016   •   दिसंबर 2016

वर्ष 2017 >> जनवरी 2017   •   फ़रवरी 2017   •   मार्च 2017   •   अप्रैल 2017   •   मई 2017   •   जून 2017   •   जुलाई 2017   •   अगस्त 2017   •   सितम्बर 2017   •   अक्टूबर 2017   •   नवम्बर 2017   •   दिसम्बर 2017

वर्ष 2018 >> जनवरी 2018

Paheli-logo.png

1 किस प्रसिद्ध क्रांतिकारी को उनके साथी 'क्विक सिल्वर' कहा करते थे?

रामप्रसाद बिस्मिल
भगतसिंह
चंद्रशेखर आज़ाद
अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ

2 किस मुग़ल बादशाह का जन्म मध्य एशिया के 'फ़रग़ना' नामक स्थान पर हुआ था?

बाबर
हुमायूँ
अकबर
जहाँगीर

3 दीपमलिका पर्व किस धर्म के अनुयायियों द्वारा मनाया जाता है?

पारसी
हिन्दू
सिक्ख
जैन

4 सन 1946 ई. में भारतीय नौसेना के नाविकों ने कहाँ विद्रोह किया?

कोलकाता
मद्रास
विशाखापटनम
मुम्बई

5 प्रख्यात सांस्कृतिक केंद्र ‘भारत भवन’ कहाँ अवस्थित है?

नई दिल्ली
लखनऊ
भोपाल
आगरा

6 प्रसिद्ध मराठा शासक राजा शाहू किसके पुत्र थे?

राजाराम-ताराबाई
शाहजी भोंसले-जीजाबाई
शम्भाजी-येसूबाई
इनमें से कोई नहीं

7 कश्मीर के प्रसिद्ध शासक जेन-उल-आबिदीन ने 'महाभारत', 'राजतरंगिणी' आदि संस्कृत ग्रंथों का अनुवाद किस भाषा में करवाया?

उर्दू
अरबी
फ़ारसी
पश्तूनी

8 'राजनीतिक स्वतन्त्रता राष्ट्र की प्राण वायु है।" यह कथन किस महापुरुष का है?

मोतीलाल नेहरू
व्योमेश चन्‍द्र बनर्जी
अरबिंदो घोष
महात्मा गाँधी

9 साबरमती का संत की उपाधि से किसे विभूषित किया गया?

रामकृष्ण परमहंस
महात्मा गाँधी
ईश्वरचंद्र विद्यासागर
स्वामी विवेकानन्द

10 'महाभारत' के अनुसार कौन जन्म से ही कवच-कुण्डल धारण किये हुए था?

अर्जुन
भीष्म
अश्वत्थामा
कर्ण

11 तत्वबोधिनी नामक पत्रिका किसके द्वारा प्रकाशित की गई थी?

रबीन्द्रनाथ ठाकुर
देवेन्द्रनाथ ठाकुर
सत्येन्द्रनाथ ठाकुर
इनमें से कोई नहीं

12 भारतीय इतिहास में प्रसिद्ध किस शासक का वास्तविक नाम 'फ़रीद ख़ाँ' था?

जहाँगीर
शाहजहाँ
शेरशाह सूरी
फ़िरोज़शाह तुग़लक़

14 फिजी द्वीप में मेरे 21 वर्ष नामक रचना किसके द्वारा लिखी गई?

बनारसीदास चतुर्वेदी
अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
रामधारी सिंह 'दिनकर'
राहुल सांकृत्यायन

15 किस मुग़ल बादशाह ने 'मुसम्मन बुर्ज़' का निर्माण करवाया था?

बाबर
अकबर
शाहजहाँ
जहाँगीर

17 राजस्थान में निर्धनों के लिए 'अंत्योदय अन्न योजना' की शुरुआत किसने की थी?

भैरोंसिंह शेखावत
हीरा लाल शास्त्री
विजयसिंह पथिक
जयनारायण व्यास

18 अचम्भित कर देने वाली स्थापत्य कला से सुसज्जित 'चाँद बावड़ी' राजस्थान में कहाँ स्थित है?

कुलधारा
आभानेरी
रणथम्भौर
रामदेवरा

19 भारतीय इतिहास में शेर-ए-मैसूर के नाम से किसे जाना जाता है?

हैदर अली
महादजी सिंधिया
तात्या टोपे
टीपू सुल्तान

20 एन एडवांस हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया नामक पुस्तक के रचनाकार कौन थे?

हेमचंद्र रायचौधरी
यदुनाथ सरकार
काशी प्रसाद जायसवाल
रामचन्द्र शुक्ल

21 पण्डित रवि शंकर को किस संगीत वाद्य यंत्र को बजाने में प्रसिद्धि प्राप्त थी?

मृदंग
सितार
शहनाई
संतूर

22 भारतीय इतिहास में प्रसिद्ध ताशकंद समझौता कब और कहाँ हुआ था?

9 जनवरी, 1964 (बर्मा)
10 जनवरी, 1965 (लाहौर)
11 जनवरी, 1966 (रूस)
12 जनवरी, 1967 (लंदन)

23 इंग्लैंड की सरकार के निर्देश पर सिन्ध के अमीरों से व्यावसायिक संधियाँ किसने की थीं?

लॉर्ड विलियम बैंटिक
रॉबर्ट क्लाइव
वारेन हेस्टिंग्स
लॉर्ड कर्ज़न

24 भारत सेवक समाज (सर्वेन्ट्स ऑफ़ इण्डिया सोसाइटी) की स्थापना किसके द्वारा की गई थी?

भगतसिंह
ईश्वरचंद्र विद्यासागर
महादेव गोविंद रानाडे
गोपाल कृष्ण गोखले

25 भारतीय सेना के 'प्रथम कमाण्डर इन चीफ़' बनने का गौरव किसे प्राप्त हुआ था?

सैम मानेकशॉ
के. एम. करिअप्पा
जगजीत सिंह अरोड़ा
इनमें से कोई नहीं

26 भारत में 'कम्प्यूटरीकृत यात्री आरक्षण प्रणाली' की शुरुआत सर्वप्रथम किस रेलवे ने की थी?

पूर्व रेलवे
उत्तर रेलवे
कोंकण रेलवे
इनमें से कोई नहीं

27 अजंता और एलोरा को किस वर्ष यूनेस्‍को द्वारा 'विश्‍व विरासत स्‍थल' घोषित किया गया?

1979
1981
1983
1985

28 भारत का बिस्मार्क उपाधि से किसे सम्मानित किया गया है?

मदनमोहन मालवीय
महादेव गोविन्द रानाडे
लाला लाजपत राय
सरदार पटेल

29 प्रसिद्ध शहनाई वादक बिस्मिल्ला ख़ाँ किस हिन्दू देवी के परम उपासक थे?

दुर्गा
सरस्वती
लक्ष्मी
इनमें से कोई नहीं

31 कैसे लोगे मालगुजारी, लट्ठ हमारा ज़िन्दाबाद यह प्रसिद्ध नारा किसके द्वारा दिया गया था?

केशव चन्द्र सेन
सहजानंद सरस्वती
स्वामी श्रद्धानन्द
महात्मा हंसराज



पहेली अप्रैल 2016 Arrow-left.png पहेली मई 2016 Arrow-right.png पहेली जून 2016

टीका-टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान