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09:56, 21 मार्च 2011 का अवतरण
- पुरनिया मैसूर निवासी एक ब्राह्मण था।
- वह अपनी योग्यता के बल पर उन्नति करके टीपू सुल्तान (1782-99 ई.) का दीवान बन गया।
- 1799 ई. में उसकी पराजय तथा मृत्यु पर अंग्रेज़ों ने मैसूर राज्य के एक हिस्से में उसके पुराने हिन्दू राजा के जिस नाबालिग पौत्र को गद्दी पर बैठाया, उसका दीवान पुरनिया को नियुक्त कर दिया।
- पुरनिया बहुत योग्य प्रशासक सिद्ध हुआ और उसने बालक राजा की ओर से राज्य का प्रशासन बड़ी कुशलता से किया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ