पुरातत्वीय संग्रहालय, बोधगया

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पुरातत्वीय संग्रहालय, बोधगया
पुरातत्वीय संग्रहालय, बोधगया
विवरण इस संग्रहालय में पाल साम्राज्य काल के बौद्ध और ब्राह्मण मतों की कांस्‍य और पाषाण प्रतिमाएं, बौद्ध देव-श्रृंखलाओं से संबंधित दृश्‍य, सूर्य, शुंग कालीन मुंडेरों पर राशि चिह्न इत्‍यादि प्रदर्शित हैं।
राज्य बिहार
नगर बोधगया
स्थापना 1956 ई.
Map-icon.gif गूगल मानचित्र
खुलने का समय सुबह 10 बजे से शाम 5.00 बजे तक
अवकाश शुक्रवार
अन्य जानकारी संग्रहालय के बाहरी बरामदे में अभयमुद्रा में बुद्ध की एक विशाल खड़ी प्रतिमा तथा आंतरिक बरामदे में भगवान विष्णु के वराह अवतार को प्रदर्शित किया गया है।

पुरातत्वीय संग्रहालय, बोधगया बिहार के गया ज़िले में स्थित है। यह संग्रहालय वर्ष 1956 में स्‍थापित किया गया था। इस संग्रहालय में दो दीर्घाएं ओर एक खुला प्रांगण तथा दो बरामदे मौजूद हैं जिनमें पुरा-वस्‍तुएं प्रदर्शित हैं। इस संग्रहालय में पाल साम्राज्य काल के बौद्ध और ब्राह्मण मतों की कांस्‍य और पाषाण प्रतिमाएं, बौद्ध देव-श्रृंखलाओं से संबंधित दृश्‍य, सूर्य, शुंग कालीन मुंडेरों पर राशि चिह्न इत्‍यादि प्रदर्शित हैं।

विशेषताएँ

  • प्रथम दीर्घा में विस्‍तृत केश सज्‍जा वाली यक्षी की खड़ी हुई प्रतिमा, भूमिस्‍पर्शमुद्रा में मुकुटधारी बुद्ध, मैत्रेय, विभिन्‍न मुद्राओं में बुद्ध की प्रतिमाएं, मंजुश्री की खड़ी हुई प्रतिमा, भूमिस्‍पर्शमुद्रा में बुद्ध को दर्शानेवाल टेराकोटा पटियां, सूर्य को दर्शानेवाली दण्‍ड स्‍तम्‍भ, सहस्‍त्रबुद्ध को दर्शानेवाला पैनल, तांबे का सुरमा-छड़ी, लघु पात्र इत्‍यादि समेत अनेक प्रतिमाएं प्रदर्शित हैं।
  • द्वितीय दीर्घा में बौद्ध और ब्राह्मण मतों से जुड़ी प्रतिमाएं प्रदर्शित हैं। इनमें सप्‍त मत्रिका, दिकपालों, भगवान विष्‍णु के दशावतारों को दर्शाने वाले पैनल का उल्‍लेख किया जा सकता है।
  • संग्रहालय के प्रांगण में दण्‍ड स्‍तम्‍भ, क्रॉस बार और मुंडेर के पत्‍थर रखे हुए हैं जिन्‍हें महाबोधि मंदिर के परिसर से संग्रहालय में स्‍थानांतरित किया गया है।
  • संग्रहालय के बाहरी बरामदे में अभयमुद्रा में बुद्ध की एक विशाल खड़ी प्रतिमा तथा आंतरिक बरामदे में भगवान विष्णु के वराह अवतार को प्रदर्शित किया गया है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संग्रहालय-बोधगया (हिन्दी) भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण। अभिगमन तिथि: 6 जनवरी, 2015।

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