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||भारतीय [[चित्रकला]] में चार रूप भित्ति चित्र, चित्रपट, चित्रफलक एवं लद्यु चित्रांकन देखने को मिलते हैं। रूप, प्रमाण और भाव भारतीय चित्रकला के छ: अंगों (रूपभेद, प्रमाण, भाव, लावण्य योजना, सादृश्य एवं वर्णिका भंग) में से तीन अंग हैं और लिपि इससे संबंधित नहीं है, लिपि का संबंध लेखन कला से है।
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||भारतीय [[चित्रकला]] में चार रूप भित्ति चित्र, चित्रपट, चित्रफलक एवं लद्यु चित्रांकन देखने को मिलते हैं। रूप, प्रमाण और भाव भारतीय [[चित्रकला]] के छ: अंगों (रूपभेद, प्रमाण, भाव, लावण्य योजना, सादृश्य एवं वर्णिका भंग) में से तीन अंग हैं और लिपि इससे संबंधित नहीं है, लिपि का संबंध लेखन कला से है।
  
 
{सूमी-ए क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-171,प्रश्न-41
 
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-फारसी रंग
 
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-ईरानी कला
 
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||सूमी-ए, एक प्रकार का जापानी स्याही चित्रण है। सूखी स्याही एक विशेष प्रकार के पत्थर को पीस कर बनायी जाती थी फिर इससे ब्रश की सहायता से चित्र बनाए जाते हैं। 2000 वर्ष पूर्व जापान में ब्रश की सहायता से सूमी स्याही द्वारा [[जैन धर्म]] के चित्र बनते थे।
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||सूमी-ए, एक प्रकार का जापानी स्याही चित्रण है। सूखी स्याही एक विशेष प्रकार के पत्थर को पीस कर बनायी जाती थी फिर इससे ब्रश की सहायता से चित्र बनाए जाते हैं। 2000 वर्ष पूर्व [[जापान]] में ब्रश की सहायता से सूमी स्याही द्वारा [[जैन धर्म]] के चित्र बनते थे।
  
 
{जैन लद्यु चित्रों की विशेषता है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-45,प्रश्न-34
 
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+[[रबींद्रनाथ टैगोर]]
 
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-[[गगनेन्द्रनाथ टैगोर]]
 
-[[गगनेन्द्रनाथ टैगोर]]
||1862ई. में महर्षि देवेन्द्रनाथ टैगोर (रबीन्द्रनाथ टैगोर के पिता) जन नाव द्वारा [[रायपुर]] की यात्रा कर रहे थे। तो उस पार धान के हरे-भरे खेत और लाल मिट्टी की भू-दृश्य देखी। उन्होंने वहां और पौधे लगाने तथा एक छोता घर बनाने का निर्णय लिया। उन्होंने अपने इस घर को [[शांतिनिकेतन]] नाम दिया। 1863 में यहां एक आश्रम की स्थापना की जो 'ब्रह्मो समाज' का प्रेरक बना। 1901 में रबीन्द्रनाथ ने शांतिनिकेतन में एक स्कूल की स्थापना 'ब्रह्मचारी आश्रम' के नाम से एक मॉडल स्कूल की स्थापना की जो प्राचीन गुरुकुल पद्धति की तरह था, बाद में इसे 'पठा भवर' के नाम से जाना गया।
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||1862 ई. में [[देवेन्द्रनाथ टैगोर|महर्षि देवेन्द्रनाथ टैगोर]] ([[रबीन्द्रनाथ टैगोर]] के पिता) जन नाव द्वारा [[रायपुर]] की यात्रा कर रहे थे। तो उस पार धान के हरे-भरे खेत और लाल मिट्टी की भू-दृश्य देखी। उन्होंने वहां और पौधे लगाने तथा एक छोटा घर बनाने का निर्णय लिया। उन्होंने अपने इस घर को [[शांतिनिकेतन]] नाम दिया। 1863 में यहां एक आश्रम की स्थापना की जो 'ब्रह्मो समाज' का प्रेरक बना। 1901 में रबीन्द्रनाथ ने शांतिनिकेतन में एक स्कूल की स्थापना 'ब्रह्मचारी आश्रम' के नाम से एक मॉडल स्कूल की स्थापना की जो प्राचीन गुरुकुल पद्धति की तरह था, बाद में इसे 'पठा भवर' के नाम से जाना गया।
  
{किस भारतीय कलाकार के चित्रों की प्रतिलिपो अधिकांश घरों में पाई जाती थी? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-92,प्रश्न-20
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{किस भारतीय कलाकार के चित्रों की प्रतिलिपियाँ अधिकांश घरों में पाई जाती थी? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-92,प्रश्न-20
 
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+[[राजा रवि वर्मा]]
 
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||[[राजा रवि वर्मा]] के चित्रों की प्रतिलिपियां अधिकांश घरों में पाई जाती थीं।
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||[[राजा रवि वर्मा]] के चित्रों की प्रतिलिपियाँ अधिकांश घरों में पाई जाती थीं।{{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[राजा रवि वर्मा]]
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||'[[महात्मा बुद्ध]] का गृह-त्याग '[[अजंता की गुफा|अजंता की गुफ़ा]] सं. 16 में चित्रित है।
 
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{'अप्सरा' नामक चित्र [[अजंता की गुफा|अजंता]] की किस गुफा में है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-30,प्रश्न-12
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-आर्ट स्कूल
 
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||[[राजा रवि वर्मा]] ने सन् 1884 में ओलियोग्राफी प्रेस खोली। इसे 'लोथोग्राफी प्रेस' के नाम से जाना जाता था। इन्होंने बड़ी मात्रा में प्रेस से प्रौराणिक चित्रों की प्रतियां निकाली जिन्हें 'ओलियोग्राफ कहा जाता है।
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||[[राजा रवि वर्मा]] ने सन् 1884 में ओलियोग्राफ़ी प्रेस खोली। इसे 'लोथोग्राफ़ी प्रेस' के नाम से जाना जाता था। इन्होंने बड़ी मात्रा में प्रेस से प्रौराणिक चित्रों की प्रतियां निकाली जिन्हें 'ओलियोग्राफ' कहा जाता है।
  
 
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||अजंता में दो प्रकार की गुफ़ाएं हैं। अजंता गुफ़ा अभयारण्य (आच्छादित पर्वतमाला) और बिहार (मठों) में बंटी है। [[अजंता की गुफाएं|अजंता की गुफ़ाएं]] बौद्ध धर्म से संबंधित हैं।
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||[[अजंता]] में दो प्रकार की गुफ़ाएं हैं। अजंता गुफ़ा अभयारण्य (आच्छादित पर्वतमाला) और बिहार (मठों) में बंटी है। [[अजंता की गुफाएं|अजंता की गुफ़ाएं]] [[बौद्ध धर्म]] से संबंधित हैं।
  
 
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||मोम का प्रयोग कर बाटिक विधि से चित्रण कार्य किया जाता है। बाटिक चित्रण एक प्राचीन कला है। इस चित्रण में पहले कपड़े पर पिघले मोम से आकृति बनाई जाती है। शेष हिस्सों को लाख के [[रंग|रंगों]] से रंजित करने के बाद मोम द्वारा हटाया जाता है। इसे 'बंधक' कहा जाता है।
 
||मोम का प्रयोग कर बाटिक विधि से चित्रण कार्य किया जाता है। बाटिक चित्रण एक प्राचीन कला है। इस चित्रण में पहले कपड़े पर पिघले मोम से आकृति बनाई जाती है। शेष हिस्सों को लाख के [[रंग|रंगों]] से रंजित करने के बाद मोम द्वारा हटाया जाता है। इसे 'बंधक' कहा जाता है।
  
{सेरीग्राफ किसका तकनीकी नाम है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-173,प्रश्न-59
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+सिल्क स्क्रीन प्रिंटिंग
 
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-वुड कट प्रिंटिंग
 
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-इंटैग्लियो प्रिंटिंश
 
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||बोल्टिंग क्लोथ का उपयोग 'सिल्क स्क्रीन छपाई' की प्रक्रिया में किया जाता है यह स्क्रीन प्रिंट या सेरीग्राफ स्क्रीन के माध्यम से स्याही डालकर किया गया प्रिंट है। यह एक स्टेंसिल तकनीक है। 20वीं शताब्दी में यूरोप में स्क्रीन तथा 'बोल्टिंग कलॉथ' को वाहक के रूप में उपयोग करके स्क्रीन प्रिंटिंग का काम किया जाता था। वर्तमान समय में नायलॉन और पॉलिएस्टर को स्क्रीन प्रिंटर्स के लिए मोनोफिलामेंट पदार्थ के रूप में सिल्क से ज्यादा महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है?
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||बोल्टिंग क्लोथ का उपयोग 'सिल्क स्क्रीन छपाई' की प्रक्रिया में किया जाता है यह स्क्रीन प्रिंट या सेरीग्राफ़ स्क्रीन के माध्यम से स्याही डालकर किया गया प्रिंट है। यह एक स्टेंसिल तकनीक है। 20वीं शताब्दी में [[यूरोप]] में स्क्रीन तथा 'बोल्टिंग कलॉथ' को वाहक के रूप में उपयोग करके स्क्रीन प्रिंटिंग का काम किया जाता था। वर्तमान समय में नायलॉन और पॉलिएस्टर को स्क्रीन प्रिंटर्स के लिए मोनोफिलामेंट पदार्थ के रूप में सिल्क से ज़्यादा महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है।
  
  

12:24, 9 जनवरी 2018 का अवतरण

1 निम्नलिखित में से चित्रकला से क्या संबंधित नहीं है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-163,प्रश्न-40

रूप
प्रमाण
भाव
लिपि

2 सूमी-ए क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-171,प्रश्न-41

चीनी कला
जापानी स्याही चित्रण
फारसी रंग
ईरानी कला

3 जैन लद्यु चित्रों की विशेषता है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-45,प्रश्न-34

प्रतिकृति चित्रण
बौनी आकृतियां
पशु-पक्षी चित्रण
परली आंख का दिखाना

5 किस भारतीय कलाकार के चित्रों की प्रतिलिपियाँ अधिकांश घरों में पाई जाती थी? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-92,प्रश्न-20

नंदलाल बोस
क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार
अमृता शेरगिल
राजा रवि वर्मा

6 'महात्मा बुद्ध का गृह-त्याग' अजंता की किस संख्यक गुफ़ा में चित्रित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-30,प्रश्न-11

16वीं
14वीं
17वीं
1 (पहली)

7 'अप्सरा' नामक चित्र अजंता की किस गुफ़ा में है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-30,प्रश्न-12

गुफा नं.10
गुफा नं.15
गुफा नं.17
गुफा नं.18

8 राजा रवि वर्मा ने भारत में सर्वप्रथम स्थापित किया- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-92,प्रश्न-19

आर्ट स्कूल
ओलियोग्राफ़ी प्रेस
आर्ट गैलरी
आर्ट स्टूडियो

9 अजंता में कितने प्रकार की गुफाएं हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-32,प्रश्न-24

दो
तीन
चार
उनतीस

10 बंधक प्रयुक्त किया जाता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-173,प्रश्न-57

तैल चित्रण में
पेस्टिल चित्रण में
वॉश चित्रण में
बाटिक चित्रण में

11 सेरीग्राफ़ किसका तकनीकी नाम है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-173,प्रश्न-59

सिल्क स्क्रीन प्रिंटिंग
वुड कट प्रिंटिंग
इंटैग्लियो प्रिंटिंश
लीथोग्राफ़