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− | ||बौद्ध धर्म का मुख्य मंदिर [[बिहार]] के गया जिले में स्थित है। इसे महाबेधि मंदिर या मुख्य मंदिर के नाम से जाना जाता है। | + | ||[[बौद्ध धर्म]] का मुख्य मंदिर [[बिहार]] के [[गया]] जिले में स्थित है। इसे महाबेधि मंदिर या मुख्य मंदिर के नाम से जाना जाता है। |
{अशोक कालीन स्तंभ के शीर्ष पर कौन सी आकृतियाँ बनी है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-215,प्रश्न-222 | {अशोक कालीन स्तंभ के शीर्ष पर कौन सी आकृतियाँ बनी है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-215,प्रश्न-222 | ||
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||अशोक कालिन स्तंभ के शीर्ष के अधिकाकाशं आकृतियाँ पशुओं की हैं। अशोक स्तंभ शीर्ष पर शेर तथा आधार पर बैल और घोड़ा हैं। | ||अशोक कालिन स्तंभ के शीर्ष के अधिकाकाशं आकृतियाँ पशुओं की हैं। अशोक स्तंभ शीर्ष पर शेर तथा आधार पर बैल और घोड़ा हैं। | ||
− | {प्रसिद्ध खजुराहो मंदिर किस 100 वर्षों की अवधि में बनकर तैयार हुए? | + | {प्रसिद्ध [[खजुराहो|खजुराहो मंदिर]] किस 100 वर्षों की अवधि में बनकर तैयार हुए?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-222,प्रश्न-269 |
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-9501050 ई. पू. | -9501050 ई. पू. | ||
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-850-950 ई. पू. | -850-950 ई. पू. | ||
-850-950 ई. | -850-950 ई. | ||
− | ||प्रसिद्ध खजुराहो मंदिर के निर्माण की अवधि 100 वर्ष (950-1050 ई.) रहा। | + | ||प्रसिद्ध [[खजुराहो|खजुराहो मंदिर]] के निर्माण की अवधि 100 वर्ष (950-1050 ई.) रहा। |
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+ | {कबीरदास ने 'निर्वाण' कहाँ प्राप्त किया था?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-226,प्रश्न-305 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -वाराणासी | ||
+ | -सारनाथ | ||
+ | -गया | ||
+ | +मगहर | ||
+ | ||कबीरदास को मगहर में 'निर्वाण' प्राप्ति हुई थी। इन्हीं के नाम पर मगहर से लगभग 7 किमी. दूर पश्चिम में खलीलाबाद को जिला मुख्यालय बनाकर संत कबीर नगर जनपद का गठन किया गया है। | ||
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+ | {महात्मा गाँधी कला विथिका कहाँ स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-227,प्रश्न-309 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -लखनऊ | ||
+ | -वाराणासी | ||
+ | -कानपुर | ||
+ | +इलाहाबाद | ||
+ | ||महात्मा गाँधी कला विथिका इलाहाबाद में उत्तर-मध्य क्षेत्र सांसकृतिक केंद्र (NCZCC) में स्थित है। यह वर्ष 1997 में स्थापित की गई थी। | ||
+ | |||
+ | {महात्मा बुद्ध का परिनिर्वाण स्थल 'कुशीनगर' का आधुनिक नाम क्या हो गया है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-227,प्रश्न-312 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -पटना | ||
+ | +कसया | ||
+ | -गया | ||
+ | -सैदपुर भीतरी | ||
+ | ||{महात्मा बुद्ध का परिनिर्वाण स्थल 'कुशीनगर' है जिसे वर्तमान मे 'कसया' कहते हैं किंतु कुशीनगर नाम से जनपद का नामकरण है। | ||
+ | |||
+ | {'तीजन बाई' किसके लिए जानी जाती है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-229,प्रश्न-326 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -लोक कलाकार | ||
+ | -लोक नर्तकी | ||
+ | +लोक गायिका | ||
+ | -इनमें से कोई नहीं | ||
+ | ||तीजन बाई एक पण्डवानी गायीका हैं पण्डवानी गायन जो छत्तीसगढ़ की एक पारंपरिक प्रदर्शन कला है। इसमें 'महाभारत' की कहानियाँ एक गीत के रूप में गायी जाती हैं। | ||
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12:37, 15 फ़रवरी 2018 का अवतरण
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