"प्रयोग:कविता सा.-1" के अवतरणों में अंतर
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-रेम्ब्रां | -रेम्ब्रां | ||
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− | ||'लाफिंग कैवेलियर' का चित्र फ्रान्ज हॉल ने सन् 1624 में बनाया था। 'गिप्सी गर्ल' फ्रान्ज हॉल | + | ||'लाफिंग कैवेलियर' का चित्र फ्रान्ज हॉल ने सन् 1624 में बनाया था। 'गिप्सी गर्ल' फ्रान्ज हॉल (डच चित्रकार) द्वारा चित्रित प्रसिद्ध चित्र है। |
{'द किस' नामक मूर्ति के [[मूर्तिकार]] कौन है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-150,प्रश्न-95 | {'द किस' नामक मूर्ति के [[मूर्तिकार]] कौन है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-150,प्रश्न-95 | ||
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||एस. बालचंद्रन '[[वीणा|वीणा वादन]]' के लिए प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा उन्होंने फ़िल्म निर्माण, निर्देशक, संगीत निर्देशक तथा गायन एवं नृत्य कलाकार के रूप में भी काम किया है। | ||एस. बालचंद्रन '[[वीणा|वीणा वादन]]' के लिए प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा उन्होंने फ़िल्म निर्माण, निर्देशक, संगीत निर्देशक तथा गायन एवं नृत्य कलाकार के रूप में भी काम किया है। | ||
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− | {'राजस्थान स्कूल | + | {'राजस्थान स्कूल ऑफ़ आर्ट' कहाँ स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-201,प्रश्न-121 |
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-[[उदयपुर]] में | -[[उदयपुर]] में | ||
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+[[जयपुर]] में | +[[जयपुर]] में | ||
-[[जोधपुर]] में | -[[जोधपुर]] में | ||
− | ||'राजस्थान स्कूल | + | ||'राजस्थान स्कूल ऑफ़ आर्ट' [[जयपुर]] में स्थित है। इसकी स्थापना वर्ष 1988 में हुई थी। |
− | {'प्रिन्सिपल्स | + | {'प्रिन्सिपल्स ऑफ़ आर्ट' पुस्तक किसने लिखा है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-203,प्रश्न-137 |
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-प्लेटो | -प्लेटो | ||
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-हुसैन | -हुसैन | ||
-कान्ट | -कान्ट | ||
− | ||प्रिन्सिपल्स | + | ||प्रिन्सिपल्स ऑफ़ आर्ट पुस्तक रॉबिन जी. कॉलिंग वुड ने लिखी जिसका प्रकाशन वर्ष 1923 में किया गया। उन्होंने इस पुस्तक में कला के बारे में चर्चा की है। |
− | {अपने कमल जैसे आकार के लिए प्रसिद्ध बहाई मंदिर भारत के किस नगर में है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-208,प्रश्न-172 | + | {अपने [[कमल]] जैसे आकार के लिए प्रसिद्ध [[बहाई मंदिर]] [[भारत]] के किस नगर में है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-208,प्रश्न-172 |
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[मुम्बई]] | -[[मुम्बई]] | ||
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-[[कोलकाता]] | -[[कोलकाता]] | ||
-[[बड़ौदा]] | -[[बड़ौदा]] | ||
− | ||अपने कमल जैसे आकार के लिए प्रसिद्ध बहाई मंदिर, भारत की राजधानी [[दिल्ली]] के नेहरू प्लेस के पास स्थित है। इस मंदिर का स्थापत्य, वास्तुकार | + | ||अपने [[कमल]] जैसे आकार के लिए प्रसिद्ध [[बहाई मंदिर]], [[भारत]] की राजधानी [[दिल्ली]] के नेहरू प्लेस के पास स्थित है। इस मंदिर का स्थापत्य, वास्तुकार फ़रीबर्ज़ सहबा ने तैयार किया था। |
{चिकनकारी संबंधित है-(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-209,प्रश्न-178 | {चिकनकारी संबंधित है-(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-209,प्रश्न-178 | ||
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-मंदिरों पर | -मंदिरों पर | ||
-चर्चों पर | -चर्चों पर | ||
− | +समाधि | + | +समाधि गुफ़ाओं पर |
-महलों पर | -महलों पर | ||
− | ||प्रारंभिक ईसाई काल के चित्र सर्वप्रथम समाधि | + | ||प्रारंभिक ईसाई काल के चित्र सर्वप्रथम समाधि गुफ़ाओं पर बनाए गए थे। |
{बौद्ध धर्म का मुख्य बड़ा मंदिर निम्मलिखित में से किस प्रांत में है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-213,प्रश्न-207 | {बौद्ध धर्म का मुख्य बड़ा मंदिर निम्मलिखित में से किस प्रांत में है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-213,प्रश्न-207 | ||
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||एम.एफ. हुसैन को आधुनिक भारतीय कलाकार के रूप में जाना जाता है। इन्होंने अपनी चित्रकला को श्रृंखलाओं के माध्यम से बनाया। | ||एम.एफ. हुसैन को आधुनिक भारतीय कलाकार के रूप में जाना जाता है। इन्होंने अपनी चित्रकला को श्रृंखलाओं के माध्यम से बनाया। | ||
+ | {भारतीय रिज़र्व बैंक, नई दिल्ली स्थित यक्ष-यक्षिणी स्थापत्य किसके द्वारा निर्मित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-84,प्रश्न-53 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -जी. के. म्हात्रे | ||
+ | -हिरण्यमय रायचौधरी | ||
+ | -सोमनाथ होर | ||
+ | +राम किंकर बैज | ||
+ | ||भारतीय रिज़र्व बैंक नई दिल्ली में स्थित यक्ष-यक्षिणी की मूर्तियाँ राम किंकर बैज द्वारा निर्मित की गई हैं। | ||
+ | {'भारतमाता' किसकी रचना है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-80,प्रश्न-21 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -असित हल्दर | ||
+ | -अमृता शेरगिल | ||
+ | +अबनीन्द्रनाथ टैगोर | ||
+ | -अंजली इला मेनन | ||
+ | ||'भारतमाता' अबनीन्द्रनाथ टैगोर की रचना है। उल्लेखनीय है कि 'भारतमाता' ही वह पेंटिंग है जिसे सिस्टर निवेदिता कश्मीर से कन्याकुमारी तक लेकर जाना चाहतीं थीं। | ||
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+ | {'पहाड़ी स्कूल' 'कांगड़ा स्कूल' एवं 'राजपूत स्कूल' आदि का संबंध है(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-75,प्रश्न-24 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -शास्त्रीय संगीत से | ||
+ | -भारतीय नृत्य शैलियों से | ||
+ | -मुगल कालीन भवन निर्माण कला से | ||
+ | +चित्रकारी से | ||
+ | ||'पहाड़ी स्कूल' 'कांगड़ा स्कूल' एवं 'राजपूत स्कूल' आदि शैलियों का संबंध चित्रकला से है। | ||
+ | |||
+ | {शाहजहाँ काल की चित्रकला में चित्रित लघु चित्रों में अधिक चित्रित है-(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-73 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -युद्ध दृश्य | ||
+ | +रंगमहल | ||
+ | -शिकार दृश्य | ||
+ | -धार्मिक विषय | ||
+ | ||शाहजहाँ काल की चित्रशाला में चित्रित लघु चित्रो में रंगमहल और काम क्रीड़ा या रति संबंधी दृश्यों पर आधारित चित्र अधिक संख्या में बनाए गये। | ||
+ | |||
+ | {'लाल पुष्प' किस मुगल कलाकार का चित्र है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-52 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -गोवर्धन | ||
+ | -अबुल हसन | ||
+ | -किसन दास | ||
+ | +उस्ताद मंसूर | ||
+ | ||पुष्पों की चित्रकारी में मंसूर को महारत हासिल थी। 'लाल पुष्पों की बहार' का चित्र उसके सर्वोत्तम चित्रों में से एक है। | ||
13:02, 9 मार्च 2018 का अवतरण
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