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{[[भारतीय संविधान]] को निम्नलिखित में से कौन-सी अनुसूची राज्यसभा में स्थानों के आवंटन से संबंधित है?  
{इंट्रोडक्शन टू दी स्टडी ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के लेखक कौन हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-203,प्रश्न-21
 
|type="()"}
 
+एल.डी. व्हाइट
 
-डब्लू.एफ. विलोबी
 
-हेनरी फेयोल
 
-ऊरविक
 
||'इंट्रोडक्शन टू दी स्टडी ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन' पुस्तक के लेखक एल.डी. व्हाइट हैं। यह पुस्तक उनके मृत्यु वर्ष 1958 में प्रकाशित हुई जो उनके सहयोगी जीन शिंडर (Jean Schneider) द्वारा प्रकाशित हुई।
 
 
 
{किसी प्रांत के [[राज्यपाल]] को- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-183,प्रश्न-262
 
|type="()"}
 
-कोई विशेषाधिकार नहीं है।
 
-बहुत व्यापक विवेकाधिकार है।
 
+कुछ निश्चित मामलों में विवेकाधिकार (वेशेषाधिकार) है।
 
-उपर्युक्त में से कोई नहीं हैं।
 
||किसी प्रांत के [[राज्यपाल]] को कुछ निश्चित मामलों में विवेकाधिकार (विशेषाधिकार) प्राप्त होते हैं।
 
 
 
{[[भारत]] में [[लोक सभा]] के प्रथम अध्यक्ष कौन थे? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-140,प्रश्न-23
 
|type="()"}
 
+[[जी.वी. मावलंकर]]
 
-[[एम. ए. अय्यंगार]]
 
-हुकुम सिंह
 
-[[नीलम संजीव रेड्डी]]
 
||[[26 जनवरी]], 1950 को [[भारत का संविधान]] लागू हुआ। वर्ष 1951-1952 के दौरान नए संविधान के अंतर्गत प्रथम आम चुनाव संपन्न हुआ। तत्पश्चात गठित प्रथम [[लोक सभा अध्यक्ष|लोक सभा के अध्यक्ष]] के रूप में [[जी.वी. मावलंकर]] को चुना गया तथा वे अपनी मृत्यु 27 फरवरी, 1956 तक इस पद पर रहे।
 
 
 
{[[सर्वोच्च न्यायालय]] के न्यायाधीशों को पद शपथ किसके द्वारा दिलाई जाती है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-152,प्रश्न-91
 
|type="()"}
 
+[[राष्ट्रपति]]
 
-[[उपराष्ट्रपति]]
 
-[[लोक सभा अध्यक्ष|लोक सभा के अध्यक्ष]]
 
-कानून मंत्री
 
||भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 (6) के अनुसार, [[उच्चतम न्यायालय]] का न्यायाधीश होने के लिए नियुक्त प्रत्येक व्यक्ति, अपना पद ग्रहण करने के पहले [[राष्ट्रपति]] था उसके द्वारा इस निमित्त नियुक्त व्यक्ति के समक्ष शपथ लेगा या प्रतिज्ञान करेगा और उस पर अपने हस्ताक्षर करेगा।
 
 
 
{[[भारतीय संविधान]] के किस अनुच्छेद में संविधान संशोधन प्रक्रिया उल्लिखित है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-162,प्रश्न-147
 
|type="()"}
 
-352
 
+368
 
-370
 
-382
 
||अनुच्छेद 368 (1) [[संसद]] को संविधान में संशोधन करने की शक्ति प्रदान करता है। अनुच्छेद 368 यह कहता है कि इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, संसद अपनी संविधायी शक्ति का प्रयोग करते हुए, इस संविधान के किसी उपबंध का परिवर्द्धन, परिवर्तन या निरसन के रूप में इस अनुच्छेद में उल्लिखित प्रक्रिया के अनुसार संशोधन कर सकेगी।
 
 
 
{[[भारतीय संविधा]]न को निम्नलिखित में से कौन-सी अनुसूची राज्यसभा में स्थानों के आवंटन से संबंधित है?  
 
 
|type="()"}
 
|type="()"}
 
-[[भारत का संविधान- तीसरी अनुसूची |तीसरी अनुसूची]]
 
-[[भारत का संविधान- तीसरी अनुसूची |तीसरी अनुसूची]]
 
+[[भारत का संविधान- चौथी अनुसूची|चौथी अनुसूची]]
 
+[[भारत का संविधान- चौथी अनुसूची|चौथी अनुसूची]]
 
-[[भारत का संविधान- पांचवीं अनुसूची|पांचवीं अनुसूची]]
 
-[[भारत का संविधान- पांचवीं अनुसूची|पांचवीं अनुसूची]]
-[[भारत का संविधान- छठीं अनुसूची|छठीं अनुसूची]]
+
-[[भारत का संविधान- छठी अनुसूची|छठीं अनुसूची]]
 
||[[भारतीय संविधान]] की चौथी अनुसूची [[राज्य सभा]] में स्थानों के आवंटन से संबंधित है।
 
||[[भारतीय संविधान]] की चौथी अनुसूची [[राज्य सभा]] में स्थानों के आवंटन से संबंधित है।
  

13:03, 15 मार्च 2018 का अवतरण

भारतीय संविधान को निम्नलिखित में से कौन-सी अनुसूची राज्यसभा में स्थानों के आवंटन से संबंधित है?

तीसरी अनुसूची
चौथी अनुसूची
पांचवीं अनुसूची
छठीं अनुसूची