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*एम. सी. राजा (जन्म- [[17 जून]], [[1883]], [[मद्रास]] (वर्तमान [[चेन्नई]]); मृत्यु- [[20 अगस्त]], [[1943]], मद्रास (वर्तमान चेन्नई)) दक्षिण [[भारत]] के प्रसिद्ध दलित नेता थे।
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*इन्होंने शिक्षा पूरी करने के बाद अध्यापक के रूप में काम आरम्भ किया।
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*एम. सी. राजा का उद्देश्य दलितों को भारतीय समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाना था। उन्हें सरकार ने विभिन्न कमेटियों में नामजद किया।
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*एम. सी. राजा जस्टिस पार्टी के टिकट पर मद्रास असेम्बली में पहुँचने वाले पहले ‘आदि द्रविड’ थे।
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*एम. सी. राजा कुछ समय तक हिन्दू महासभा के उपाध्यक्ष और ‘मद्रास मन्दिर प्रदेश संगम’ के अध्यक्ष भी रहे।
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*उन्हें ‘ऑल इंडिया डिप्रेस्ड क्लास एसोसियेशन’ का भी अध्यक्ष चुना गया।
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*एम. सी. राजा मानते थे कि अस्पृश्यता का कलंक भारत में प्रचलित जाति प्रथा का प्रतिफल है।
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*इनको भय था कि दलितों की हित रक्षा का पक्का प्रबन्ध हुए बिना यदि [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] ने भारत की सत्ता छोड़ दी, तो दलितों की स्थिति और भी बिगड़ जायेगी। वे कहते थे कि शासन को दलितों की नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए। तभी वे समाज की सामान्य धारा में चलने योग्य बन सकेंगे।
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*उनकी समाज सेवा के उपलक्ष्य में सरकार ने उन्हें ‘राय बहादुर’ की उपाधि से सम्मानित किया था।
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*एम. सी. राजा का 20 अगस्त, 1943 ई. में निधन हो गया।

06:02, 4 मई 2011 का अवतरण

  • एम. सी. राजा (जन्म- 17 जून, 1883, मद्रास (वर्तमान चेन्नई); मृत्यु- 20 अगस्त, 1943, मद्रास (वर्तमान चेन्नई)) दक्षिण भारत के प्रसिद्ध दलित नेता थे।
  • इन्होंने शिक्षा पूरी करने के बाद अध्यापक के रूप में काम आरम्भ किया।
  • एम. सी. राजा का उद्देश्य दलितों को भारतीय समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाना था। उन्हें सरकार ने विभिन्न कमेटियों में नामजद किया।
  • एम. सी. राजा जस्टिस पार्टी के टिकट पर मद्रास असेम्बली में पहुँचने वाले पहले ‘आदि द्रविड’ थे।
  • एम. सी. राजा कुछ समय तक हिन्दू महासभा के उपाध्यक्ष और ‘मद्रास मन्दिर प्रदेश संगम’ के अध्यक्ष भी रहे।
  • उन्हें ‘ऑल इंडिया डिप्रेस्ड क्लास एसोसियेशन’ का भी अध्यक्ष चुना गया।
  • एम. सी. राजा मानते थे कि अस्पृश्यता का कलंक भारत में प्रचलित जाति प्रथा का प्रतिफल है।
  • इनको भय था कि दलितों की हित रक्षा का पक्का प्रबन्ध हुए बिना यदि अंग्रेज़ों ने भारत की सत्ता छोड़ दी, तो दलितों की स्थिति और भी बिगड़ जायेगी। वे कहते थे कि शासन को दलितों की नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए। तभी वे समाज की सामान्य धारा में चलने योग्य बन सकेंगे।
  • उनकी समाज सेवा के उपलक्ष्य में सरकार ने उन्हें ‘राय बहादुर’ की उपाधि से सम्मानित किया था।
  • एम. सी. राजा का 20 अगस्त, 1943 ई. में निधन हो गया।