"फरनाओ नुनीज" के अवतरणों में अंतर

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*उसने सम्पूर्ण विजयनगर राज्य का विस्तृत भ्रमण किया और उसके [[इतिहास]] तथा उस समय की राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक-सांस्कृतिक एवं आर्थिक दशा का विस्तृत वर्णन किया है।
 
*उसने सम्पूर्ण विजयनगर राज्य का विस्तृत भ्रमण किया और उसके [[इतिहास]] तथा उस समय की राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक-सांस्कृतिक एवं आर्थिक दशा का विस्तृत वर्णन किया है।
*'[[हरिहर प्रथम|हरिहर]]' और '[[बुक्का प्रथम|बुक्का]]' नाम के दो भाइयों द्वारा 12-13वीं [[शताब्दी]] में स्थापित विजयनगर साम्राज्य में '[[दशहरा]]' उत्सव काफ़ी धूमधाम से मनाया जाता था। राजधानी [[हम्पी]] के दौरे पर पहुंचे कई विदेशी पर्यटकों ने अपने संस्मरणों तथा यात्रा वृत्तान्तों में इस विषय में लिखा है। इनमें डोमिंगोज पेज, फरनाओ नुनीज और रॉबर्ट सीवेल जैसे पर्यटक भी शामिल थे। इन लेखकों ने हम्पी में मनाए जाने वाले दशहरा उत्सव के बारे में काफ़ी विस्तार से लिखा है।
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*'[[हरिहर प्रथम|हरिहर]]' और '[[बुक्का प्रथम|बुक्का]]' नाम के दो भाइयों द्वारा 12-13वीं [[शताब्दी]] में स्थापित विजयनगर साम्राज्य में '[[दशहरा]]' उत्सव काफ़ी धूमधाम से मनाया जाता था। [[हम्पी|राजधानी हम्पी]] के दौरे पर पहुंचे कई विदेशी पर्यटकों ने अपने संस्मरणों तथा यात्रा वृत्तान्तों में इस विषय में लिखा है। इनमें डोमिंगोज पेज, फरनाओ नुनीज और रॉबर्ट सीवेल जैसे पर्यटक भी शामिल थे। इन लेखकों ने हम्पी में मनाए जाने वाले [[दशहरा|दशहरा उत्सव]] के बारे में काफ़ी विस्तार से लिखा है।
 
*नुनीज ने विजयनगर को ‘बिश्नाग’ की संज्ञा दी थी।
 
*नुनीज ने विजयनगर को ‘बिश्नाग’ की संज्ञा दी थी।
  
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05:39, 7 जनवरी 2020 के समय का अवतरण

फरनाओं नुनीज एक पुर्तग़ाली यात्री था, जो 1535 ई. में विजयनगर आया था।

  • उसने सम्पूर्ण विजयनगर राज्य का विस्तृत भ्रमण किया और उसके इतिहास तथा उस समय की राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक-सांस्कृतिक एवं आर्थिक दशा का विस्तृत वर्णन किया है।
  • 'हरिहर' और 'बुक्का' नाम के दो भाइयों द्वारा 12-13वीं शताब्दी में स्थापित विजयनगर साम्राज्य में 'दशहरा' उत्सव काफ़ी धूमधाम से मनाया जाता था। राजधानी हम्पी के दौरे पर पहुंचे कई विदेशी पर्यटकों ने अपने संस्मरणों तथा यात्रा वृत्तान्तों में इस विषय में लिखा है। इनमें डोमिंगोज पेज, फरनाओ नुनीज और रॉबर्ट सीवेल जैसे पर्यटक भी शामिल थे। इन लेखकों ने हम्पी में मनाए जाने वाले दशहरा उत्सव के बारे में काफ़ी विस्तार से लिखा है।
  • नुनीज ने विजयनगर को ‘बिश्नाग’ की संज्ञा दी थी।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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