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'''बारबोसा''' 1560 ई. में [[भारत]] आने वाला एक [[जेसुइट पादरी]] था। उसने सर्वप्रथम [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर राज्य]] का भ्रमण किया और तत्पश्चात 1581 ई. में [[उत्तरी भारत]] तथा [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]] की यात्रा की।
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'''बारबोसा''' 1560 ई. में [[भारत]] आने वाला एक [[जेसुइट पादरी]] था। उसने सर्वप्रथम [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर राज्य]] का भ्रमण किया और तत्पश्चात् 1581 ई. में [[उत्तरी भारत]] तथा [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]] की यात्रा की।
  
 
*बारबोसा ने विजयनगर की यात्रा सर्वाधिक प्रसिद्ध शासक [[कृष्णदेव राय]] के शासन काल में की।
 
*बारबोसा ने विजयनगर की यात्रा सर्वाधिक प्रसिद्ध शासक [[कृष्णदेव राय]] के शासन काल में की।

07:50, 23 जून 2017 का अवतरण

बारबोसा 1560 ई. में भारत आने वाला एक जेसुइट पादरी था। उसने सर्वप्रथम विजयनगर राज्य का भ्रमण किया और तत्पश्चात् 1581 ई. में उत्तरी भारत तथा बंगाल की यात्रा की।

  • बारबोसा ने विजयनगर की यात्रा सर्वाधिक प्रसिद्ध शासक कृष्णदेव राय के शासन काल में की।
  • उसने कृष्णदेव राय के श्रेष्ठ प्रशासन और उसके साम्राज्य की समृद्धि का बखान खुले शब्दों में किया है।
  • बारबोसा के अनुसार कृष्णदेव राय एक धर्मनिरपेक्ष शासक था। उसने कृष्णदेव राय की प्रशंसा, उसके राज्य में प्राप्त न्याय और समानता के कारण भी की है। इस प्रकार, वह विजयनगर की समृद्धि और बंगाल में निर्मित उत्कृष्ट वस्तुओं से अत्यधिक प्रभावित हुआ था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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