"बाहु क़िला जम्मू" के अवतरणों में अंतर
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− | + | '''बाहु क़िला''' [[जम्मू और कश्मीर]] राज्य के [[जम्मू]] शहर में स्थित है। | |
*बाहु क़िला जम्मू से पाँच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। [[तावी नदी]] के बाएं किनारे पर स्थित यह काफ़ी पुराना क़िला है। | *बाहु क़िला जम्मू से पाँच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। [[तावी नदी]] के बाएं किनारे पर स्थित यह काफ़ी पुराना क़िला है। | ||
*तवी नदी के तट पर स्थित सन् 1820 में बना यह क़िला जम्मू की शान है। | *तवी नदी के तट पर स्थित सन् 1820 में बना यह क़िला जम्मू की शान है। | ||
*यह मंदिर बावे वाली माता के नाम से अधिक प्रसिद्ध है। | *यह मंदिर बावे वाली माता के नाम से अधिक प्रसिद्ध है। | ||
− | *बाहु क़िले का निर्माण राजा | + | *बाहु क़िले का निर्माण राजा बहुलोचन ने 3,000 [[वर्ष]] पहले करवाया था। |
*बाहु के भीतर एक मंदिर बना हुआ है जो देवी [[काली]] को समर्पित है। | *बाहु के भीतर एक मंदिर बना हुआ है जो देवी [[काली]] को समर्पित है। | ||
*बाहु क़िले से जम्मू शहर का बड़ा ही आकर्षक नजारा होता है। | *बाहु क़िले से जम्मू शहर का बड़ा ही आकर्षक नजारा होता है। | ||
*बाहु क़िले के नीचे बाग-ए-बाहु नामक वाटिका है जहाँ पर पर्यटक घुमने आते हैं। | *बाहु क़िले के नीचे बाग-ए-बाहु नामक वाटिका है जहाँ पर पर्यटक घुमने आते हैं। | ||
− | *[[मंगलवार]] और रविवार के दिन मंदिर में भक्तों की अधिक भीड़ रहती हैं। | + | *[[मंगलवार]] और [[रविवार]] के [[दिन]] मंदिर में भक्तों की अधिक भीड़ रहती हैं। |
*बाहु क़िले के पास ख़ूबसूरत झरना, [[भारत के पुष्प|फूल]] और बड़े-बड़े वृक्ष मौजूद है। | *बाहु क़िले के पास ख़ूबसूरत झरना, [[भारत के पुष्प|फूल]] और बड़े-बड़े वृक्ष मौजूद है। | ||
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10:19, 12 फ़रवरी 2012 का अवतरण
बाहु क़िला जम्मू और कश्मीर राज्य के जम्मू शहर में स्थित है।
- बाहु क़िला जम्मू से पाँच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। तावी नदी के बाएं किनारे पर स्थित यह काफ़ी पुराना क़िला है।
- तवी नदी के तट पर स्थित सन् 1820 में बना यह क़िला जम्मू की शान है।
- यह मंदिर बावे वाली माता के नाम से अधिक प्रसिद्ध है।
- बाहु क़िले का निर्माण राजा बहुलोचन ने 3,000 वर्ष पहले करवाया था।
- बाहु के भीतर एक मंदिर बना हुआ है जो देवी काली को समर्पित है।
- बाहु क़िले से जम्मू शहर का बड़ा ही आकर्षक नजारा होता है।
- बाहु क़िले के नीचे बाग-ए-बाहु नामक वाटिका है जहाँ पर पर्यटक घुमने आते हैं।
- मंगलवार और रविवार के दिन मंदिर में भक्तों की अधिक भीड़ रहती हैं।
- बाहु क़िले के पास ख़ूबसूरत झरना, फूल और बड़े-बड़े वृक्ष मौजूद है।
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