https://bharatdiscovery.org/bharatkosh/w/index.php?title=%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80_%E0%A4%B8%E0%A4%A4%E0%A4%B8%E0%A4%88&feed=atom&action=historyबिहारी सतसई - अवतरण इतिहास2024-03-28T11:45:07Zविकि पर उपलब्ध इस पृष्ठ का अवतरण इतिहासMediaWiki 1.35.6https://bharatdiscovery.org/bharatkosh/w/index.php?title=%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80_%E0%A4%B8%E0%A4%A4%E0%A4%B8%E0%A4%88&diff=517357&oldid=prevगोविन्द राम: ''''बिहारी सतसई''' बिहारी लाल की एकमात्र रचना है। बिहा...' के साथ नया पन्ना बनाया2015-01-19T11:52:26Z<p>''''बिहारी सतसई''' <a href="/india/%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80_%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%B2" title="बिहारी लाल">बिहारी लाल</a> की एकमात्र रचना है। बिहा...' के साथ नया पन्ना बनाया</p>
<p><b>नया पृष्ठ</b></p><div>'''बिहारी सतसई''' [[बिहारी लाल]] की एकमात्र रचना है। बिहारी सतसई एक [[मुक्तक काव्य]] है जिसमें 719 [[दोहा|दोहे]] संकलित हैं। बिहारी सतसई [[श्रृंगार रस]] की सुप्रसिद्ध और अनुपम रचना है। इसका हर एक दोहा [[हिन्दी साहित्य]] का अनमोल रत्न माना जाता है।<br />
; कुछ दोहे<br />
<poem><br />
सतसैया के दोहरे, ज्यों नैनन के तीर। <br />
देखन में छोटे लगे, बेधे सकल शरीर।<br />
<br />
मेरी भव- बाधा हरो राधा नागरि सोइ। <br />
जा तन की झांई परे, श्याम हरित धुती होइ।।<br />
</poem><br />
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<br />
<br />
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}<br />
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==<br />
<references/><br />
==संबंधित लेख==<br />
{{रीतिकालीन साहित्य}}<br />
[[Category:रीतिकालीन साहित्य]]<br />
[[Category:रीति काल]]<br />
[[Category:पद्य साहित्य]]<br />
[[Category:साहित्य कोश]]<br />
[[Category:काव्य कोश]]<br />
__INDEX__<br />
__NOTOC__</div>गोविन्द राम