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('*मथानी (रई) दही मथने की लकड़ी होती है। *मथानी (रई) को ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
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*एक समय था जब हर घर-घर में पशु थे और भोर होते ही मथी जाती थी दही से भरी [[हड़िया]]।  
 
*एक समय था जब हर घर-घर में पशु थे और भोर होते ही मथी जाती थी दही से भरी [[हड़िया]]।  
 
*[[मक्खन]] मथने के लिए उपयोग की जाती थी लकड़ी से बनी मथानी (रई)।
 
*[[मक्खन]] मथने के लिए उपयोग की जाती थी लकड़ी से बनी मथानी (रई)।
*मथानी का प्रयोग मक्खन निकालने के काम, लस्सी बनाने के काम, मठा (छाछ) आदि निकालने  के  काम  आती है।
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*मथानी का प्रयोग मक्खन निकालने, लस्सी बनाने, और मठा (छाछ) आदि निकालने  के  लिए किया जाता है।
 
*आजकल ये उपकरण बिजली का प्रयोग किया जाता है।
 
*आजकल ये उपकरण बिजली का प्रयोग किया जाता है।
  

05:49, 12 मई 2011 का अवतरण

  • मथानी (रई) दही मथने की लकड़ी होती है।
  • मथानी (रई) को मथने, मिलाने, आदि के काम में प्रयोग किया जाता है।
  • यह हाथ से चलाने वाली होती है।
  • एक समय था जब हर घर-घर में पशु थे और भोर होते ही मथी जाती थी दही से भरी हड़िया
  • मक्खन मथने के लिए उपयोग की जाती थी लकड़ी से बनी मथानी (रई)।
  • मथानी का प्रयोग मक्खन निकालने, लस्सी बनाने, और मठा (छाछ) आदि निकालने के लिए किया जाता है।
  • आजकल ये उपकरण बिजली का प्रयोग किया जाता है।



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टीका टिप्पणी और संदर्भ