"मदन महल" के अवतरणों में अंतर

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'''मदन महल किला''' [[मध्य प्रदेश]] राज्य के [[जबलपुर]] नगर में स्थित है। यह उन शासकों के अस्तित्व का साक्षी है, जिन्होंने यहाँ 11वीं शताब्दी में काफ़ी समय के लिए शासन किया था। राजा मदन सिंह द्वारा बनवाया गया यह किला शहर से क़रीब दो किमी दूर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यह किला राजा की माँ रानी दुर्गावती से भी जुड़ा हुआ है, जो कि एक बहादुर गोंड रानी के रूप के जानी जाती है।  फिलहाल खंडहर में तब्दील हो चुका यह किला रानी दुर्गावती और उनकी पूरी तरह से सुसज्जित प्रशासन व सेना के बारे में काफ़ी कुछ बयान करता है। शाही परिवार का मुख्य कक्ष, युद्ध कक्ष, छोटा सा जलाशय और अस्तबल को देखकर आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि यह पर्यटन के लिए कितनी सही जगह है। इस किले से प्राचीन काल के लोगों के रहन-सहन का भी पता चलता है। साथ ही इससे उस समय के रॉयल्टी का भी अंदाजा हो जाता है। बेशक, मदन मोहन किला [[भारत]] के आकर्षक प्राचीन स्मारकों में से एक है, जिसे जबलपुर जाने पर अवश्य घूमना चाहिए।<ref>{{cite web |url=http://hindi.nativeplanet.com/jabalpur/attractions/madan-mahal-fort/ |title=मदन महल किला, जबलपुर |accessmonthday=20 अगस्त |accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=हिंदी नेटिव प्लेनेट |language=हिंदी }}</ref>
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कलचुरी काल के बाद जबलपुर मे गोंड शासकों का दौर आया। उस समय गढ़ा गोन्ड राज्य की राजधानी हुआ करता था। जो की गोंड शासक मदन शाह के द्वारा स्थापित की गयी थी, उसके बाद राजा संग्राम शाह ने 52 गढ़ स्थापित किये। मदन महल की स्थापना गोंड शासक मदन शाह ने की थी। फिर राजा दलपत शाह और [[रानी दुर्गावती]] ने राजधानी गढ़ा की कमान सम्भाली। आज भी यह किला रानी दुर्गावती के किले के नाम से ही जाना जाता है। यह भवन अब भारतीय पुरातत्व संस्थान की देख रेख में है।
उस समय गढ़ा गोन्ड राज्य की राजधानी हुआ करता था । जो की गोन्ड शासक मदन शाह के द्वारा स्थापित की गयी थी, <br />
 
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==कैसे पहुंचे==
जबलपुर से 7 किलोमीटर की दूरी पर जबलपुर नागपुर हाईवे पर स्थित मदन महल किला गोन्ड साम्राज्य कि गाथा का बखान कर रहा है ।<br />
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* [[जबलपुर]] से 2 किलोमीटर की दूरी पर जबलपुर-नागपुर हाईवे पर स्थित मदन महल किला गोंड साम्राज्य की गाथा का बखान कर रहा है।<br />
मदन महल पहुंचने के लिये निकटतम रेल्वे स्टेशन है "मदन महल" जो कि जबलपुर मुख्य स्टेशन का ही उपस्टेशन है । बस स्टैन्ड से लगभग 5 किलोमीटर<br />
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* मदन महल पहुंचने के लिये निकटतम रेल्वे स्टेशन है "मदन महल" जो कि जबलपुर मुख्य स्टेशन का ही उपस्टेशन है। बस स्टैन्ड से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी के लिये बस, टैक्सी, आटो रिक्शा आसानी से मिल जाते है।
की दूरी के लिये बस, टैक्सी, आटो रिक्शा आसानी से मिल जाते है । किले तक पहुंचने के लिये कुछ सीढीयाँ चढ़नी होती हैं ।
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* किले तक पहुंचने के लिये कुछ सीढीयाँ चढ़नी होती हैं।
  
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==आसपास और क्या ?==
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मदन महल किले की पूर्वी पहाड़ी पर स्थित है शारदा देवी का प्राचीन मन्दिर, जिसके बारे मे कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण गोंड शासकों ने ही करवाया था। यहाँ प्रतिवर्ष [[श्रावण]] माह के प्रति [[सोमवार]] को एक भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। इसी मंदिर के कारण मदन महल मुख्य सड़क पर स्थित द्वार का  नाम शारदा चौक पड़ा है |
  
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शारदा देवी मन्दिर से नीचे उतरते ही है संतुलित चट्टान, जिसे "Balance Rock" कहा जाता है, इस चट्टान का संतुलन देखते ही बनता है। जबलपुर मे [[22 मई]] [[1997]] को आए [[भूकंप]] मे भी ये चट्टान टस से मस नहीं हुई है।
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====जिन्नाती मस्ज़िद====
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मदन महल किले के समीप ही है जिन्नाती मस्ज़िद, पहाड़ी के ऊपर बनी ये मस्ज़िद बहुत ही सुंदर है। मस्ज़िद बहुत ही पुरानी है।
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किले के पश्चिमी छोर पर है दरगाह जो बहुत ही पवित्र स्थान है। सभी धर्मों के लोगों की आस्था का केंद्र है।
  
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
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==बाहरी कड़ियाँ==
 
 
 
==संबंधित लेख==
 
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13:01, 9 सितम्बर 2017 के समय का अवतरण

मदन महल
मदन महल किला
विवरण मदन महल किला राजा की माँ रानी दुर्गावती से भी जुड़ा हुआ है, जो कि एक बहादुर गोंड रानी के रूप के जानी जाती है।
राज्य मध्य प्रदेश
ज़िला जबलपुर
निर्माता राजा मदन सिंह
संबंधित लेख रानी दुर्गावती, जबलपुर, भारत


अन्य जानकारी मदन महल किला रानी दुर्गावती के किले के नाम से ही जाना जाता है। यह भवन अब भारतीय पुरातत्व संस्थान की देख रेख में है।
अद्यतन‎ 06:16, 9 सितम्बर 2017 (IST)

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मदन महल किला मध्य प्रदेश राज्य के जबलपुर नगर में स्थित है। यह उन शासकों के अस्तित्व का साक्षी है, जिन्होंने यहाँ 11वीं शताब्दी में काफ़ी समय के लिए शासन किया था। राजा मदन सिंह द्वारा बनवाया गया यह किला शहर से क़रीब दो किमी दूर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यह किला राजा की माँ रानी दुर्गावती से भी जुड़ा हुआ है, जो कि एक बहादुर गोंड रानी के रूप के जानी जाती है। फिलहाल खंडहर में तब्दील हो चुका यह किला रानी दुर्गावती और उनकी पूरी तरह से सुसज्जित प्रशासन व सेना के बारे में काफ़ी कुछ बयान करता है। शाही परिवार का मुख्य कक्ष, युद्ध कक्ष, छोटा सा जलाशय और अस्तबल को देखकर आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि यह पर्यटन के लिए कितनी सही जगह है। इस किले से प्राचीन काल के लोगों के रहन-सहन का भी पता चलता है। साथ ही इससे उस समय के रॉयल्टी का भी अंदाजा हो जाता है। बेशक, मदन मोहन किला भारत के आकर्षक प्राचीन स्मारकों में से एक है, जिसे जबलपुर जाने पर अवश्य घूमना चाहिए।[1]

इतिहास

कलचुरी काल के बाद जबलपुर मे गोंड शासकों का दौर आया। उस समय गढ़ा गोन्ड राज्य की राजधानी हुआ करता था। जो की गोंड शासक मदन शाह के द्वारा स्थापित की गयी थी, उसके बाद राजा संग्राम शाह ने 52 गढ़ स्थापित किये। मदन महल की स्थापना गोंड शासक मदन शाह ने की थी। फिर राजा दलपत शाह और रानी दुर्गावती ने राजधानी गढ़ा की कमान सम्भाली। आज भी यह किला रानी दुर्गावती के किले के नाम से ही जाना जाता है। यह भवन अब भारतीय पुरातत्व संस्थान की देख रेख में है।

कैसे पहुंचे

  • जबलपुर से 2 किलोमीटर की दूरी पर जबलपुर-नागपुर हाईवे पर स्थित मदन महल किला गोंड साम्राज्य की गाथा का बखान कर रहा है।
  • मदन महल पहुंचने के लिये निकटतम रेल्वे स्टेशन है "मदन महल" जो कि जबलपुर मुख्य स्टेशन का ही उपस्टेशन है। बस स्टैन्ड से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी के लिये बस, टैक्सी, आटो रिक्शा आसानी से मिल जाते है।
  • किले तक पहुंचने के लिये कुछ सीढीयाँ चढ़नी होती हैं।

आसपास और क्या ?

शारदा देवी मन्दिर
सन्तुलित चट्टान
दरगाह

शारदा देवी मंदिर

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मदन महल किले की पूर्वी पहाड़ी पर स्थित है शारदा देवी का प्राचीन मन्दिर, जिसके बारे मे कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण गोंड शासकों ने ही करवाया था। यहाँ प्रतिवर्ष श्रावण माह के प्रति सोमवार को एक भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। इसी मंदिर के कारण मदन महल मुख्य सड़क पर स्थित द्वार का नाम शारदा चौक पड़ा है |

सन्तुलित चट्टान

शारदा देवी मन्दिर से नीचे उतरते ही है संतुलित चट्टान, जिसे "Balance Rock" कहा जाता है, इस चट्टान का संतुलन देखते ही बनता है। जबलपुर मे 22 मई 1997 को आए भूकंप मे भी ये चट्टान टस से मस नहीं हुई है।

झिरिया वाले बाबा

संतुलित चट्टान से कुछ ही आगे है झिरिया वाले बाबा की मज़ार। मज़ार के समीप ही एक छोटा सा कुआँ है, जिसके पानी को स्थानीय लोग चमत्कारिक मानते हैं। मान्यता है कि इस पानी से सारी शारीरिक एवं मानसिक व्याधियाँ दूर हो जाती हैं।

जिन्नाती मस्ज़िद

मदन महल किले के समीप ही है जिन्नाती मस्ज़िद, पहाड़ी के ऊपर बनी ये मस्ज़िद बहुत ही सुंदर है। मस्ज़िद बहुत ही पुरानी है।

दरगाह

किले के पश्चिमी छोर पर है दरगाह जो बहुत ही पवित्र स्थान है। सभी धर्मों के लोगों की आस्था का केंद्र है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मदन महल किला, जबलपुर (हिंदी) हिंदी नेटिव प्लेनेट। अभिगमन तिथि: 20 अगस्त, 2013।

संबंधित लेख

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