"महानगर और नवनगर" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replacement - "==संबंधित लेख==" to "==संबंधित लेख== {{पाणिनिकालीन नगर}}")
 
पंक्ति 13: पंक्ति 13:
 
{{पाणिनिकालीन नगर}}
 
{{पाणिनिकालीन नगर}}
  
[[Category:पाणिनिकालीन नगर]][[Category:ऐतिहासिक स्थल]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:इतिहास कोश]]
+
[[Category:पाणिनिकालीन नगर]]
 +
[[Category:पाणिनिकालीन भारत]][[Category:ऐतिहासिक स्थल]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:इतिहास कोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

08:31, 6 मई 2018 के समय का अवतरण

महानगर और नवनगर पाणिनिकालीन भारतवर्ष में प्राच्य भारत के स्थान नाम थे।[1] महानगर महास्थान ज़िला बोगरा का दूसरा नाम जान पड़ता है, जो बंगाल में मौर्य काल से भी पुराना नगर था। उसी के साथ का नवनगर नवद्वीप का दूसरा नाम विदित होता है।[2]

  • महानगर उत्तरी बंगाल और नवनगर पश्चिमी बंगाल का प्रधान केंद्र था।
  • महानगर पुरानी राजधानी थी। यह पुण्ड्र देश का प्रधान नगर था, इसीलिए इसे महास्थान या महानगर कहा गया। इसी के पश्चिम में गंगा के किनारे एक अन्य स्थान की आवश्यकता पड़ी, जो पुंड्र देश के यातायात में सहायक हो सके। वह स्थान गौडपुर था, जिसका पाणिनि ने उल्लेख किया है।[3]
  • पुण्ड्र या पौण्ड्रों के देश से गुड़ के चालान का केंद्र होने के कारण वह गौडपुर कहलाया होगा।
  • कुछ काल बाद पश्चिमी बंगाल में भी व्यापार और आबादी के लिए क्षेत्र खुल गया और वहां एक नए केंद्र की स्थापना हुई होगी, जो उत्तरी बंगाल के मुकाबले में नवनगर कहा गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अमहन्नवं नगरेऽनुदीचम्‌
  2. पाणिनीकालीन भारत |लेखक: वासुदेवशरण अग्रवाल |प्रकाशक: चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी-1 |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 86-87 |
  3. 6।2।200

संबंधित लेख