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चित्र:Mount-Abu-1.jpg|माउंट आबू की वेधशाला <br /> Observatory at Mount Abu  
 
चित्र:Mount-Abu-1.jpg|माउंट आबू की वेधशाला <br /> Observatory at Mount Abu  
 
चित्र:Abu-Badd-1.jpg |आबू बाद, माउंट आबू <br /> Abu Badd, Mount Abu  
 
चित्र:Abu-Badd-1.jpg |आबू बाद, माउंट आबू <br /> Abu Badd, Mount Abu  
चित्र:Dilwara-Temple-Mount-Abu.jpg|[[दिलवाड़ा जैन मंदिर माउंट आबू|दिलवाड़ा जैन मंदिर]], माउंट आबू <br /> Dilwara Jain Temple, Mount Abu
 
 
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08:20, 21 जुलाई 2010 का अवतरण

माउंट आबू
Mount-Abu-Rajasthan.jpg
विवरण माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है।
राज्य राजस्थान
ज़िला सिरोही ज़िला
मार्ग स्थिति यह शहर सड़क द्वारा उदयपुर से 185 किमी., डबौक से 210 किमी., जयपुर से 505 किमी., जैसलमेर से 620 किमी., दिल्ली से 760 किमी. और मुंबई से 765 किमी. दूरी पर स्थित है।
हवाई अड्डा महाराणा प्रताप हवाई अड्डा, डबौक में 210 किमी है।
रेलवे स्टेशन आबू रोड रेलवे स्टेशन
बस अड्डा माउंट आबू
यातायात बिना मीटर की टैक्सी, ऑटो रिक्शा, साईकिल रिक्शा
क्या देखें माउंट आबू पर्यटन
क्या ख़रीदें राजस्थानी शिल्प का सामान, चांदी के आभूषण, संगमरमर पत्थर से बनी मूर्तियाँ
एस.टी.डी. कोड 02974
ए.टी.एम लगभग सभी
Map-icon.gif गूगल मानचित्र, महाराणा प्रताप हवाई अड्डा, डबौक
कब जाएँ फ़रवरी से जून और सितंबर से दिसंबर
माउंट आबू माउंट आबू पर्यटन माउंट आबू ज़िला

स्थिति

माउंट आबू को राजस्थान का स्‍वर्ग भी माना जाता है। समुद्र तल से 1220 मीटर की ऊंचाई पर स्थित माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है। नीलगिरी की पहाड़ियों पर बसे माउंट आबू की भौगोलिक स्थित और वातावरण राजस्थान के अन्य शहरों से भिन्न व मनोरम है। यह स्थान राज्य के अन्य हिस्सों की तरह गर्म नहीं है। माउंट आबू हिन्दु और जैन धर्म का प्रमुख तीर्थस्थल है। यहाँ का ऐतिहासिक मंदिर और प्राकृतिक खूबसूरती पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है।

इतिहास

अंग्रेज़ी शासन के प्रतिनिधि का मुख्यालय, माउंट आबू
Headquarters of British Agent, Mount Abu

माउंट आबू पहले चौहान साम्राज्य का हिस्सा था। इसे बाद में सिरोही के महाराजा ने माउंट आबू को राजपूताना मुख्यालय के लिए अंग्रेजों को पट्टे पर दे दिया। ब्रिटिश शासन में माउंट आबू मैदानी इलाकों की गर्मियों से बचने के लिए अंग्रेजों का पसंदीदा स्थान रहा था। माउंट आबू शुरू से ही साधु संतों का निवास स्थान रहा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार हिन्दु धर्म के तैंतीस करोड़ देवी देवता इस पवित्र पर्वत पर भ्रमण करते हैं। यह भी कहा जाता है कि महान संत वशिष्ठ ने पृथ्वी से असुरों के विनाश के लिए यहाँ यज्ञ का आयोजन किया था। जैन धर्म के चौबीसवें र्तीथकर भगवान महावीर भी यहाँ आए थे। उसके बाद से माउंट आबू जैन अनुयायियों के लिए एक पवित्र और पूज्यनीय तीर्थस्थल बना गया।

जैन वास्तुकला के सर्वोत्कृष्ट उदाहरण-स्वरूप दो प्रसिद्ध संगमरमर के बने मंदिर जो दिलवाड़ा या देवलवाड़ा मंदिर कहलाते हैं इस पर्वतीय नगर के जगत् प्रसिद्ध स्मारक हैं। विमलसाह के मंदिर को एक अभिलेख के अनुसार राजा भीमदेव प्रथम के मंत्री विमलसाह ने बनवाया था। इस मंदिर पर 18 करोडत्र रूपया व्यय हुआ था।

सांस्कृतिक जीवन

माउंट आबू के सांस्कृतिक जीवन की झलक त्योहारों और उत्सवों पर ही देखने को मिलती है। प्रतिवर्ष जून में होने वाले समर फेस्टीवल यानी ग्रीष्म महोत्सव में तो यहाँ जैसे पूरा राजस्थान ही सिमट आता है। रंग-बिरंगी परंपरागत वेशभूषा में आए लोक कलाकारों द्वारा लोक नृत्य और संगीत की रंगारंग झांकी प्रस्तुत की जाती है। घूमर, गैर और धाप जैसे लोक नृत्यों के साथ डांडिया नृत्य देख सैलानी झूम उठते हैं। तीन दिन चलने वाले इस महोत्सव के दौरान नक्की झील में बोट रेस का आयोजन भी किया जाता है। शामे कव्वाली और आतिशबाजी इस फेस्टिवल का खास हिस्सा हैं।

यातायात और परिवहन

ऊँट गाड़ी, माउंट आबू
Camel Cart, Mount Abu

वायु मार्ग

निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर यहाँ से 185 किमी. दूर है। उदयपुर से माउंट आबू पहुंचने के लिए बस या टैक्सी की सेवाएं ली जा सकती हैं।

रेल मार्ग

नजदीकी रेलवे स्टेशन आबू रोड 28 किमी. की दूरी पर है जो अहमदाबाद, दिल्ली, जयपुर और जोधपुर से जुड़ा है।

सड़क मार्ग

माउंट आबू देश के सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग के जरिए जुड़ा है। दिल्ली के कश्मीरी गेट बस अड्डे से माउंट आबू के लिए सीधी बस सेवा है। राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें दिल्ली के अलावा अनेक शहरों से माउंट आबू के लिए अपनी सेवाएं मुहैया कराती हैं।

पर्यटन

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माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है। माउंट आबू को राजस्थान का स्‍वर्ग भी माना जाता है। माउंट आबू में अनेक पर्यटन स्थल हैं। माउंट आबू हिन्दु और जैन धर्म का प्रमुख तीर्थस्थल है। माउंट आबू के ऐतिहासिक मंदिर और प्राकृतिक खूबसूरती पर्यटको को अपनी ओर खींचती है। माउंट आबू और आसपास के दर्शनीय स्थानों-

दिलवाड़ा जैन मंदिर :- दिलवाड़ा जैन मंदिर का निर्माण ग्यारहवीं और तेरहवीं शताब्दी के बीच हुआ था। यह शानदार मंदिर जैन धर्म के र्तीथकरों को समर्पित हैं। बाहर से मंदिर नितांत सामान्य दिखाई देता है और इससे भीतर के अद्भुत कलावैभव का तनिक भी आभास नहीं होता।

नक्की झील, माउंट आबू
Nakki Jheel, Mount-Abu

नक्की झील :- नक्की झील माउंट आबू का दिल है। माउंट आबू के मध्य में स्थित यह झील माउंट आबू का सबसे पहला आकर्षण का केन्द्र है।

गोमुख मंदिर :- मंदिर में अरबुआदा सर्प की एक विशाल प्रतिमा है। संगमरमर से बनी नंदी की आकर्षक प्रतिमा को भी यहाँ देखा जा सकता है।

अर्बुदा-देवी मन्दिर :- अर्बुदा-देवी का मन्दिर माउंट आबू की पहाड़ के ऊपर स्थित है। जैन ग्रन्थ विविधतीर्थकल्प के अनुसार आबूपर्वत की तलहटी में अर्बुद नामक नाग का निवास था, इसी के कारण यह पहाड़ आबू कहलाया।

चलगढ़ क़िला व मंदिर :- दिलवाड़ा के मंदिरों से 8 किमी.उत्तर पूर्व में यह क़िला और मंदिर स्थित हैं। कहा जाता है कि चलगढ़ क़िला व मंदिर में भगवान शिव के पैरों के निशान हैं।

सनसेट प्वाइंट :- सनसेट प्वांइट से डूबते हुए सूरज की खूबसूरती को देखा जा सकता है। सूर्यास्त के समय आसमान के बदलते रंगों की छटा देखने सैकड़ों पर्यटक यहां आते हैं।

माउंट आबू वन्यजीव अभ्यारण्य :- माउंट आबू वन्यजीव अभ्यारण्य मांउट आबू का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। माउंट आबू वन्यजीव अभ्यारण्य में पक्षियों की लगभग 250 और पौधों की 110 से ज्यादा प्रजातियां देखी जा सकती हैं।

गुरु शिखर :- गुरु शिखर अरावली पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊंची चोटी है। गुरु शिखर से कुछ पहले विष्णु भगवान के एक रूप दत्तात्रेय का मंदिर है। मंदिर से कुछ ही दूरी पर पीतल की घंटी है जो माउंट आबू को देख रहे संतरी का आभास कराती है।

वीथिका

माउंट आबू
हिमालयन पीक से माउंट आबू का विहंगम दृश्य
Panoramic View of Mount Abu from the Himalayan Peak.

सम्बंधित लिंक

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