"मोहनखेडा धार" के अवतरणों में अंतर

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[[धार]] मध्यकालीन नगर है,जो पश्चिमी [[मध्य प्रदेश]] राज्य के [[मालवा]] क्षेत्र में स्थित है। धार में स्थित मोहनखेडा एक पवित्र [[जैन]] [[तीर्थ स्थल]] के रूप में विख्यात है जो धार से लगभग 47 किलोमीटर की दूरी पर है। [[इंदौर]]-[[अहमदाबाद]] हाइवे पर स्थित इस [[तीर्थस्थल]] की स्थापना पूज्य गुरुदेव श्री राजेन्द्र सुरीशस्वामी महाराज साहब ने [[1940]] के आसपास की थी। आचार्य देव श्री विद्याचन्द्र सुरीशश्‍वरजी महाराज ने इसे नया और कलात्मक रूप प्रदान किया। [[भगवान आदिनाथ]] की 16 फीट ऊँची प्रतिमा यहाँ के शोध शिखरी जिनालय में स्थापित है। यहाँ बना समाधि मंदिर भी लोकप्रिय है। यह मंदिर राजेन्द्र सुरीशश्‍वरजी, यतीन्द्र सुरीशश्‍वरजी और श्री विद्याचन्द्र सुरीशश्‍वरजी को समर्पित है।<ref>{{cite web |url=http://yatrasalah.com/touristPlaces.aspx?id=400 |title=धार |accessmonthday=[[28 अक्टूबर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=यात्रा सलाह |language=[[हिन्दी]]}}</ref>
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[[धार]] मध्यकालीन नगर है,जो पश्चिमी [[मध्य प्रदेश]] राज्य के [[मालवा]] क्षेत्र में स्थित है। धार में स्थित मोहनखेडा एक पवित्र [[जैन]] [[तीर्थ स्थल]] के रूप में विख्यात है जो धार से लगभग 47 किलोमीटर की दूरी पर है। [[इंदौर]]-[[अहमदाबाद]] हाइवे पर स्थित इस तीर्थस्थल की स्थापना पूज्य गुरुदेव श्री राजेन्द्र सुरीशस्वामी महाराज साहब ने [[1940]] के आसपास की थी। आचार्य देव श्री विद्याचन्द्र सुरीशश्‍वरजी महाराज ने इसे नया और कलात्मक रूप प्रदान किया। [[भगवान आदिनाथ]] की 16 फीट ऊँची प्रतिमा यहाँ के शोध शिखरी जिनालय में स्थापित है। यहाँ बना समाधि मंदिर भी लोकप्रिय है। यह मंदिर राजेन्द्र सुरीशश्‍वरजी, यतीन्द्र सुरीशश्‍वरजी और श्री विद्याचन्द्र सुरीशश्‍वरजी को समर्पित है।<ref>{{cite web |url=http://yatrasalah.com/touristPlaces.aspx?id=400 |title=धार |accessmonthday=[[28 अक्टूबर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=यात्रा सलाह |language=[[हिन्दी]]}}</ref>
  
  

06:17, 4 सितम्बर 2012 के समय का अवतरण

धार मध्यकालीन नगर है,जो पश्चिमी मध्य प्रदेश राज्य के मालवा क्षेत्र में स्थित है। धार में स्थित मोहनखेडा एक पवित्र जैन तीर्थ स्थल के रूप में विख्यात है जो धार से लगभग 47 किलोमीटर की दूरी पर है। इंदौर-अहमदाबाद हाइवे पर स्थित इस तीर्थस्थल की स्थापना पूज्य गुरुदेव श्री राजेन्द्र सुरीशस्वामी महाराज साहब ने 1940 के आसपास की थी। आचार्य देव श्री विद्याचन्द्र सुरीशश्‍वरजी महाराज ने इसे नया और कलात्मक रूप प्रदान किया। भगवान आदिनाथ की 16 फीट ऊँची प्रतिमा यहाँ के शोध शिखरी जिनालय में स्थापित है। यहाँ बना समाधि मंदिर भी लोकप्रिय है। यह मंदिर राजेन्द्र सुरीशश्‍वरजी, यतीन्द्र सुरीशश्‍वरजी और श्री विद्याचन्द्र सुरीशश्‍वरजी को समर्पित है।[1]



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. धार (हिन्दी) यात्रा सलाह। अभिगमन तिथि: 28 अक्टूबर, 2010

बाहरी कड़ियाँ

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