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*[[भारत]] में प्रचलित कुछ प्रमुख [[लोक नृत्य]] शैलियों में से एक रउफ नृत्य है।
 
*[[भारत]] में प्रचलित कुछ प्रमुख [[लोक नृत्य]] शैलियों में से एक रउफ नृत्य है।
*यह [[जम्मू]] एवं [[कश्मीर]] राज्य में सबसे प्रसिद्ध लोक-नृत्य है, जिसका आयोजन फ़सलों की कटाई हो जाने के पश्चात स्त्रियों द्वारा किया जाता है।  
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*यह [[जम्मू]] एवं [[कश्मीर]] राज्य में सबसे प्रसिद्ध लोक-नृत्य है, जिसका आयोजन फ़सलों की कटाई हो जाने के पश्चात् स्त्रियों द्वारा किया जाता है।  
 
*इसमें नाचने वाली ग्रामीण स्त्रियाँ दो पक्तियों में आमने सामने खड़ी होकर एक दूसरे के गले में बाहें डालकर [[नृत्य कला|नृत्य]] करती हैं।  
 
*इसमें नाचने वाली ग्रामीण स्त्रियाँ दो पक्तियों में आमने सामने खड़ी होकर एक दूसरे के गले में बाहें डालकर [[नृत्य कला|नृत्य]] करती हैं।  
 
*इसकी गति पर गीत की लड़ियों का काफ़ी प्रभाव रहता है, जबकि इसके आयोजन में किसी भी प्रकार के [[वाद्य यंत्र]] का पूर्णत: अभाव पाया जाता है।  
 
*इसकी गति पर गीत की लड़ियों का काफ़ी प्रभाव रहता है, जबकि इसके आयोजन में किसी भी प्रकार के [[वाद्य यंत्र]] का पूर्णत: अभाव पाया जाता है।  

07:33, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण

  • भारत में प्रचलित कुछ प्रमुख लोक नृत्य शैलियों में से एक रउफ नृत्य है।
  • यह जम्मू एवं कश्मीर राज्य में सबसे प्रसिद्ध लोक-नृत्य है, जिसका आयोजन फ़सलों की कटाई हो जाने के पश्चात् स्त्रियों द्वारा किया जाता है।
  • इसमें नाचने वाली ग्रामीण स्त्रियाँ दो पक्तियों में आमने सामने खड़ी होकर एक दूसरे के गले में बाहें डालकर नृत्य करती हैं।
  • इसकी गति पर गीत की लड़ियों का काफ़ी प्रभाव रहता है, जबकि इसके आयोजन में किसी भी प्रकार के वाद्य यंत्र का पूर्णत: अभाव पाया जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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