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*[[भारत]] से तिब्बत को जाने वाला प्राचीन मार्ग रवालसर होकर ही जाता था। | *[[भारत]] से तिब्बत को जाने वाला प्राचीन मार्ग रवालसर होकर ही जाता था। | ||
*इस स्थान का एक पुराना नाम रेवासर भी है। | *इस स्थान का एक पुराना नाम रेवासर भी है। |
08:19, 2 सितम्बर 2012 का अवतरण
रवालसर का प्राचीन नाम रोयलेश्वर था।
- यहाँ पुराने समय का बौद्ध मंदिर है जिसमें पसंभव नामक बौद्धभिक्षु की एक विशाल मूर्ति है।
- मंदिर में भित्तिचित्र भी हैं।
- पसंभव ने तिब्बत जाकर बौद्ध धर्म का प्रचार किया था।
- जान पड़ता है कि संभवत: इस स्थान पर कुछ समय तक रहे होंगे।
- इस स्थान का संबंध महर्षि लोमश तथा पांडवों से भी बताया जाता है।
- गुरुगोविंद सिंह जी यहां कुछ काल पर्यान्त रहे थे।
- भारत से तिब्बत को जाने वाला प्राचीन मार्ग रवालसर होकर ही जाता था।
- इस स्थान का एक पुराना नाम रेवासर भी है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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